और अब बात करते हैं अंतरिक्ष में कमाल के उस क्षण के बारे में ऐशी जिसके लिए बहुत इंतजार यहां पर करना पड़ा है और आप और हम कितनी चर्चा इस पर कर चुके हैं कि भाई वो जब क्षण आएगा जब ये उड़ान भरेंगे यहां पर शिवांशी शुक्ला तो बहुत गर्व की बात होगी पूरे देश के लिए और पूरी दुनिया की निगाहें इस मिशन पर हैं क्योंकि बहुत अहम मिशन है। कई सारी रिसर्च महत्वपूर्ण रिसर्च इस मिशन के जरिए यहां पर होनी है,
बिल्कुल ताबिश और यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इससे पहले जो मिशन है जबजब इसे ल्च किया जाना था तबतब इसे टाला भी गया कुछ तकनीकी खामियों की वजह से और आज कहीं ना कहीं वो बड़ा दिन है जब 12 बज कुछ मिनट में इस मिशन को ल्च किया जाएगा और नासा ने घोषणा की है कि एक्सियोम फोर मिशन अब आज ल्च किया जाएगा यह मिशन भारत हंगरी और पोलैंड तीनों देशों के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है,
महत्वपूर्ण माना जा रहा है और खासकर भारत के लिए यह अवसर बेहद खास है क्योंकि लंबे समय बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष की ओर प्रस्थान करेगा। इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्टेशन की ओर रवाना होंगे। हालांकि मिशन की लॉन्चिंग को पहले कई बार डाला जा चुका है। लेकिन अब सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है और भारत सहित पूरी दुनिया की निगाहें इस ऐतिहासिक क्षण पर टिकी है,
कुछ घंटे का वक्त और है। कुछ घंटे बाद यह मिशन लॉन्च होगा और उसके बाद फिर होगी कुछ और घंटे की उड़ान। फिर आईएसएस ये पहुंचेगा और वहां पर डॉकिंग होगी और फिर आगे की रिसर्च यहां पर शुरू होगी। एक्सजीएम4 मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे और इनमें 31 देशों के वैज्ञानिक और संस्थान शामिल हैं। भारत और नासा के संयुक्त सहयोग से 12 प्रयोग होंगे जिसमें सात भारतीय और पांच अमेरिकी अनुसंधान परियोजनाएं भी शामिल हैं। तो यह प्रयोग बहुत अहम होंगे,
भविष्य में अंतरिक्ष में रिसर्च को लेकर, नए अह प्रयोगों को लेकर और इसलिए इस मिशन का बेसब्री से दुनिया भर में इंतजार हो रहा था। खासतौर से भारत में क्योंकि हमारे पायलट यहां पर इस मिशन के लिए एक अहम कड़ी हैं और शुभांशु इस मिशन के साथ अंतरिक्ष की उड़ान आज भरने वाले हैं। और चलिए अब आपको बताते हैं कि मिशन के लिए सुभांशु शुक्ला कैसे तैयार हुए हैं। मिशन के लिए कैसे तैयार हुए सुभांशु? देखिए 2019 में सुभांशु गगनयान मिशन के लिए चुने गए थे,
सबसे पहले यह वही साल था जब गगनयान के लिए चुने गए और 2019 से 2021 तक रूस में सुधांशु ने ट्रेनिंग ली ताबेश बिल्कुल गगनयान मिशन भी बहुत महत्वपूर्ण है भारत का भविष्य का वो मिशन है जहां पर अंतरिक्ष में जो मानव युक्त वो मिशन होगा और भारत लौटकर बेंगलुरु फिर वो पहुंचे उसके बाद और फिर ये जो सिलसिला है उनकी इस तैयारी का वो चलता रहा एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी सेंटर भी वो उसके बाद गए और फिर इसके बाद आप देखिए यहां पर एक्सियम फोर मिशन के लिए नासा सेंटर में उनकी बकायदा ट्रेनिंग हुई और अब वो दिन आ रहा है,
जब यह मिशन यहां से ल्च होगा। बिल्कुल। इसके बाद देखिए टेक्सस के नासा सेंटर में सुधांशु ने ट्रेनिंग ली। तो कैसे पूरा सफर जो है एक्सियम फोर तक का सुधांशु का शुरू हुआ। कैसे उन्होंने इसके लिए ट्रेनिंग ली और किस तरीके से अब जो है आज जो है ये महत्वपूर्ण दिन है जब इस मिशन को ल्च किया जाएगा। और ये मिशन क्या है? ये भी जरा बता देते हैं क्योंकि अब नाम आप इतना सुन रहे हैं। कई बार इसको आगे टालना पड़ा है,
आखिरकार आज ये हो रहा है। तो एक्सियम फोर मिशन क्या है? 60 से ज्यादा प्रयोग यहां पर किए जाएंगे। अंतरिक्ष में जो संभावनाएं पूरी दुनिया तलाश रही है उन संभावनाओं में यह बहुत महत्वपूर्ण यह टेस्ट होंगे और फसल के बीज पर अंतरिक्ष उड़ान के प्रभाव की भी जांच होगी। फसल का बीज देखा जाएगा यहां पर कि वो यहां पर उसको बढ़ाया जा सकता है नहीं बढ़ाया जा सकता जा सकता है। तमाम चीजें यहां पर टेस्ट होंगी। बिल्कुल। इसरो से माइक्रो ग्रेविटी प्रयोग करेगा। तो ये तमाम प्रयोग है। आखिरकार एक्सियो मिशन का जो लक्ष्य है,
वो आखिरकार क्या है? यह हमने आपको बताया है। अब देखिए एग्जिओम 4 के क्रू के बारे में आपको बताते हैं कि इस क्रू में कौन-कौन शामिल है। सुभांशु की बात हम लगातार कर रहे हैं। एक्सियोम 4 का क्रू सुभांशु शुक्ला जो है मुख्य है मिशन पायलट है और उसके बाद नाम आता है पैगी विटसन का जो कि इस पूरे मिशन की मिशन कमांडर है। उसके बाद नाम है स्टावोस ओजनािक का जो मिशन विशेषज्ञ हैं और इसके बाद टिबोर काबू जो मिशन विशेषज्ञ हैं,
तो ये चार क्रू मेंबर्स जो कि आज अंतरिक्ष में जाने वाले हैं एग्जिओ मिशन के जरिए और आज इस मिशन को ल्च किया जाएगा। बड़ा दिन है पूरी दुनिया की नजर इस पर है और खासकर भारत की नजर इस पर है क्योंकि भारत के सुंश शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं तावेश। हमारे सहयोगी पल्लव इस पर नजर बनाए हुए हैं। आयुष लगातार उनकी एक रिपोर्ट जरा आपको दिखाते हैं। विस्तार से बता रहे हैं इस मिशन के बारे में कि इस इतनी बेसब्री से आखिर क्यों इसका इंतजार दुनिया भर में हो रहा है। भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला अपनी अंतरिक्ष की उड़ान के लिए तैयार हैं,
भारत की उड़ान केनेडी स्पेस सेंटर फ्लोरिडा से होगी और ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला जाएंगे फेल्कन 9 के रॉकेट से और क्रू ड्रैगन से बैठ के उड़ान होगी 12:01 दोपहर को और रॉकेट है स्पेस एक्स का फेल्कन 9 यह एक्सियम 4 की उड़ान है जिसको मैं अक्सर मिशन आकाशगंगा भी बोलता हूं और इससे ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला एक अमरीकी एस्ट्रोनॉट एक हंगेरियन एस्ट्रोनॉट और एक पोलिश एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष स्टेशन पे जाएंगे 14 दिन के लिए,
यह उड़ान कई बारी टल चुकी है। पहले उड़ान होनी थी 29 मई को और फिर यह कई बारी टली। पहले मौसम की खराबी फिर रॉकेट में खराबी हुई और उसके बाद अंतरिक्ष स्टेशन पे कुछ खराबी आई। उसके मारे बारी-बारी ये उड़ान टली है। अब रॉकेट भी ठीक है। मुझको बताया गया। अंतरिक्ष स्टेशन पर भी त्रुटि जो थी वह दूर हो गई और चारों एस्ट्रोनॉट अब क्वारेंटाइन में हैं और अंतरिक्ष की उड़ान लेने के लिए तैयार हैं,
अगर ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाएंगे तो वो ऐसे दूसरे भारतीय बनेंगे क्योंकि 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा पहली बारी सोवियत मिशन पे अंतरिक्ष में गए थे। तो कई देरियों के बाद अब उम्मीद है कि भारत के गगन यात्री ग्रुप कैप्टन सुंशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाएंगे और ऐतिहास रचेंगे.