ब्लैक बॉक्स के पास अहमदाबाद विमान हादसे की जांच की चाबी..

देखिए अहमदाबाद विमान क्रैश होने के बाद जांच एजेंसियों ने विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है और इसे बिल्डिंग की छत से बरामद किया गया है। यह ब्लैक बॉक्स बताएगा कि विमान में क्या हुआ था। 60 सेकंड में पूरी रिपोर्ट। [संगीत] ब्लैक बॉक्स एक ऐसा मूक गवाह है जो सब कुछ खत्म होने के बावजूद जिंदा रहता है। यानी सक्रिय रहता है। यह हादसे के अंतिम क्षण का सेकंड दर सेकंड विवरण देता है। यानी यह ऐसा उपकरण है जो हादसे की सच्चाई सामने लाने का एकमात्र विश्वसनीय साधन होता है,

अब 3D कंप्यूटर और विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए ब्लैक बॉक्स को डिकोड किया जाएगा। जिसके बाद विमान हादसे की परत दर परत खुल जाएगी। ब्लैक बॉक्स के मिलने के बाद इस बात का भी खुलासा हो जाएगा कि विमान के पायलट सुमित सब्रवाल और उनके को पायलट क्लाइव कुंदर ने मेड ए कॉल देने से पहले विमान के अंदर क्या चर्चा की थी। ब्लैक बॉक्स से हासिल डाटा सिर्फ हादसे की वजह नहीं बताता है,

बल्कि इसकी तमाम जानकारियों के आधार पर भविष्य की सुरक्षा भी तय होती है क्योंकि यह उन गलतियों की तरफ भी इशारा करता है जिसे भविष्य में ठीक किया जा सके। गुरुवार को अहमदाबाद में विमान हादसे से ठीक पहले क्या हो रहा था? प्लेन क्रैश के आखिरी मोमेंट में क्या हो रहा था? अब इसका राज खुलने वाला है। जी हां, विमान हॉस्टल की छत पर गिरा और वहां लगे कैमरे का डीवीआर भी मिल चुका है,

सिर्फ 7 सेकंड में पूरी रिपोर्ट। काले रंग का बक्सा वो बक्सा है जिसमें प्लेन क्रैश के आखिरी मोमेंट का राज छुपा है। काले रंग का यह वो बक्सा है जिसमें हादसे से ठीक पहले क्या हुआ, कैसे हुआ सब पता चल जाएगा। यह डीवीआर क्रैश विमान का नहीं बल्कि हॉस्टल में लगे कैमरे का डीवीआर है जो आखिरी मोमेंट के राज खोलेगा। डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर खुलेगा आखिरी मोमेंट के राज। यह वही डीवीआर है,

जिसे एटीएस के एक कर्मी ने हॉस्टल के मलवे से बरामद किया है। जब हॉस्टल की छत पर प्लेन गिरा तो इमारत के मलवे में दबा था। ये डीवीआर है। डीवी डीवीआर का अंदर का मैथ्स का। जी नहीं वो देखना पड़ेगा कौन सा है। मलवे में से निकला है। मलवे में से यह डीवीआर प्लेन क्रैश का महत्वपूर्ण सुराग दे सकता है। डीवीआर की बरामदगी दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना के अंतिम क्षणों में क्या हुआ था उसकी जानकारी जुटाने में मदद करेगी। अहमदाबाद में गुरुवार को हुई इस भीषण विमान दुर्घटना में 265 लोगों की जान चली गई।

जी हां। तो एयर इंडिया का विमान 171 बोइंग 787 का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है जो कि हादसे की वजह को जानने के लिए अहम कड़ी साबित होगा। आपको बता दें कि ब्लैक बॉक्स जिसमें विमान हादसे के पीछे की सच्चाई की रिकॉर्डिंग होती है और आपको यह बताते हैं कि यह ब्लैक बॉक्स आखिर क्या और कैसे दुर्घटना की गु्थी सुलझाने में मदद करता है। बिल्कुल देखिए कुछ डिटेलिंग डिटेल्स दे देते हैं। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग डिवाइस यह विमान की जानकारियां रिकॉर्ड करता है। मजबूत धातु टाइटेनियम से बना होता है। रंग चमकीला नारंगी रंग का होता है.

आग पानी में भी यह सुरक्षित रहता है। जहां 1100 डिग्री सेल्सियस की गर्मी यह आराम से झेल सकता है। गहरे पानी में 30 दिन तक यह अपने डाटा को सुरक्षित रख सकता है और विमान की रफ्तार और दिशा का इससे पता चल जाता है। पायलट के फैसलों का पता चलता है। विमान के कंट्रोल के उपयोग का यह सीक्वेंस भी इससे मिलता है। इससे एक्सपर्ट पता लगाने में कामयाब होते हैं कि हादसा कैसे हुआ,

बिल्कुल पता चलता है कि क्या तकनीकी खराबी या फिर हादसा क्या हुआ है। यह भी पता चल जाता है इसके डाटा से कि क्या मानवीय गलती से हादसा हुआ है। बिल्कुल और खराब मौसम हो या फिर दूसरी बाहरी वजह वो भी इस ये पता लगा लेता है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल के दिशा निर्देश भी इसमें रिकॉर्ड होते रहते हैं। यहां तक कि कॉकपेट में पायलट और कोपायलट के बीच की बातचीत भी रिकॉर्ड करता रहता है। इसलिए ब्लैक बॉक्स का बरामद होना अति आवश्यक होता है। इसलिए सबकी निगाहें ब्लैक बॉक्स बॉक्स पर ही टिकी हुई हैं,

अहमदाबाद पहुंची एफएसएल की टीम ने घटना स्थल से जरूरी सैंपल इकट्ठे कर लिए हैं। बिलकुल और टीम ने यहां से जितने भी नमूने इकट्ठा किया है, वह हादसे की वजह जानने के लिए बहुत अहम होंगे। पूरी खबर दिखाते हैं जल्दी से। फॉरेंसिक टीम ने जो सैंपल इकट्ठा किए हैं उसमें विमान का मलवा है। ईंधन के अवशेष हैं और बाकी जरूरी सामग्री है। जिससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि हादसा तकनीकी था या बाहरी कारणों से हुआ है। फॉरेंसिक टीम ने यह तमाम नमूने गुजरात एटीएस की मौजूदगी में लिए हैं। जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएआईबी की अगुवाई में चल रही है,

जांच में अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड यानी एनटीएसबी का भी सहयोग मिल रहा है। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम को भी यह आशंका है कि तापमान के कारण सैंपल के खराब होने का खतरा है। ऐसे में इसकी जांच में तेजी लानी होगी। यह नमूने गुजरात की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी और नेशनल फॉरेंसिक साइंसेस यूनिवर्सिटी में भेजे गए हैं। [संगीत] और देखिए आज तड़के सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे और सीधे घटना स्थल पर चले गए। पीएम ने हादसे से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल की,

उसके बाद सिविल अस्पताल भी पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां हादसे में एकमात्र जिंदा बचे यात्री विश्वास कुमार रमेश से भी मुलाकात की और उनका हाल जाना। 1 मिनट में पूरी रिपोर्ट। अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा देश का सबसे बड़ा विमान हादसा है। परिजनों के साथ पूरा देश गमगीन है। दुख की इस घड़ी में पीएम मोदी भी अहमदाबाद पहुंचे। सबसे पहले घटना स्थल का दौरा किया। उनके साथ मौजूद एक्सपर्ट्स ने पीएम को हादसे की बारीकियां बताई। यहां से पीएम मोदी सीधे सिविल अस्पताल पहुंचे और विमान हादसे में बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश से मुलाकात की,

रमेश ने पीएम को हादसे की पूरी जानकारी दी और बताया कि वह अपनी सीट सहित विमान से बाहर गिर गए और उनकी जान बच गई। पीएम ने मेडिकल हॉस्टल के उन छात्रों से भी मुलाकात की जो कल हादसे में जख्मी हुए थे। एयर इंडिया का विमान जब हॉस्टल की बिल्डिंग पर गिरा तो वहां डॉक्टर और छात्र लंच कर रहे थे। 40 साल के विश्वास कुमार रमेश अपने भाई अजय कुमार रमेश के साथ लंदन जा रहे थे। हादसे में उनके भाई की मौत हो चुकी है। इतने भयावह हादसे में रमेश का बच जाना एक बड़ा चमत्कार माना जा रहा है.

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