काम के लिए एक्ट्रेस ने नहीं की अपने बच्चे की परवाह छोटे बेटे को घर पर छोड़ करने जाती थी फिल्मों की शूटिंग एक्ट्रेस के बेटे की जिम्मेदारी का पड़ोसी संभालते थे जिम्मा तो सालों बाद एक्ट्रेस को अब जाकर हुआ पछतावा अब हमारी यह तमाम बातें सुनकर आपके मन में भी यह सवाल तो जरूर आ रहे होंगे कि भला हम हमारी इस रिपोर्ट में किस एक्ट्रेस के बारे में बात कर रहे हैं तो ज्यादा मत सोचिए जनाब क्योंकि यह कोई और नहीं बल्कि गुजरे दौर की दिग्गज अदाकारा शर्मिला टैगोर है जी हां वह शर्मिला ही थी जो अपने काम में इतना मशरूफ हो जाया करती थी कि उन्हें अपने बेटे और नवाब सैफ अली खान को संभालने का समय ही नहीं मिल पाता था और शर्मिला की गैर मौजूदगी में सैफ की जिम्मेदारी उनके पड़ोसियों को उठानी पड़ती थी और इस बात का खुलासा अब सालों बाद खुद शर्मिला ने ही किया है.
जैसा कि सभी जानते हैं कि दिवंगत क्रिकेटर मंसूर अली खान से निकाह करने के बाद शर्मिला तीन बच्चे सैफ सभा और सोहा की मां बनी हालांकि उनके बाद भी वह फिल्मों में काम करती रही तो इसी काम का असर उनके बच्चों की परवरिश पर भी पड़ा आखिर शर्मिला को अपने ही बेटे के साथ समय बिताने को मौका जो बेहद कम मिलता था और इसका जिक्र हाल ही में शर्मिला ने अपनी पोती सारा अली खान के साथ की बातचीत में किया है दरअसल दादी पोती की यह जोड़ी इस साल के मदर्स डे पर एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची थी और इस बातचीत में शर्मिला ने अपने मदरहुड के बारे में बात की शर्मिला टैगोर ने कहा जब सैफ पैदा हुआ तो मैं बहुत बिजी थी मैं एक दिन में दोदो शिफ्ट में काम कर रही थी और उनके 6 साल के होने तक मैं वास्तव में अनुपस्थित थी मुझे जो करना था.
मैंने किया मैं पेरेंट टीचर मीटिंग में गई और उनके ड्रामों में भी शामिल हुई लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं 24 घंटे उनके साथ थी मैं स्पोर्ट्स डे पर भी जाती थी लेकिन सेफ की परवरिश के दौरान उनके साथ नहीं रह पाती थी क्योंकि काम का दबाव था मेरे पति मंसूर अली खान वहां थे लेकिन मैं नहीं थी उनकी एक टीचर हमारे अपार्टमेंट के पास रहती थी वह और उनके पति वास्तव में सेफ की देखभाल करते थे तब मैं घर पर बहुत कम रह पाती थी ईमानदारी से कहूं तो मैंने कुछ गलतियां की है एक्ट्रेस ने आगे कहा एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं दूसरों की तरह ओवर प्रोटेक्टिव मां बन गई थी मैं सैफ को नहलाने खाना खिलाने और सुलाने तक के सारे काम करने की कोशिश करती थी मैं काम के बीच में समय निकालकर यह सब करती थी मेरे पति बहुत ही सपोर्टिव थे और उन्होंने हर मोड़ पर मेरा साथ दिया बाद में जब मेरी बेटी हुई तो मैं काम में इतनी बिजी नहीं थी.
उनके बचपन के दौरान मैं उनके साथ थी बरहाल शर्मिला के इस खुलासे से साफ है कि उनको आज तक इस बात का का पछतावा है कि जब सैफ बड़े हो रहे थे तब उनकी परवरिश करने के लिए वो मौजूद नहीं थी गौरतलब है कि शर्मिला ने मंसूर अली खान से शादी करने से पहले उन्हें 4 साल तक डेट किया था जिसके बाद 27 दिसंबर 1969 को दोनों ने निकाह कर लिया हालांकि यह इतनी आसानी से नहीं हुआ क्योंकि मंसूर मुस्लिम शाही परिवार के नवाब थे और शर्मिला मिडिल क्लास बंगाली परिवार से पटौदी परिवार नहीं चाहता था कि उनके बेटे की शादी किसी फिल्मी एक्ट्रेस से हो उधर शर्मिला का परिवार भी राजी नहीं था हालांकि लाख रूठने मनाने के बाद अंत में दोनों की शादी हो गई थी.