हिंदी सिनेमा के ट्रेजिडी किंग कहलाए जाने वाले दिलीप साहब आज भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी निजी जिंदगी से जुड़े कई सारे दिलचस्प किस्से कहानियां है जो आदमी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दिलीप साहब का शानदार फिल्मी सफर हो या उनकी पर्सनल लाइफ हमेशा से शुरू किया छाई रही है और दिलीप साहब ने जो फिल्म इंडस्ट्री में अपना बेहतरीन योगदान दिया है उसे सदियों तक याद रखा जाएगा दिलीप शाह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े ऐसे कलाकारों में से एक थे जिनका हर किसी के साथ लगा रहता था इंडस्ट्री में उनके बहुत ही कम दुश्मन हुआ करते थे सांसद गांव में रहने वाले दिलीप साहब ने हमेशा सी प्यार और मोहब्बत बांटने का ही काम किया है और यह भी बड़ी वजह है कि दिलीप साहब को इंडस्ट्री में इतना ज्यादा मान सम्मान मिला एक तरफ जहां उनके निधन की खबर ने पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ आली वहीं दूसरी ओर आज भी उनके इस तरह चले जाने का फिल्म सितारों के बीच में बुला रहे हैं.
और इसी कड़ी में हम आपको दिलीप साहब से जुड़े कैसा दिल से स्किल्स उड़ाने वाले हैं जो शायद आज तक आपने नहीं सुना होगा और यह किस्सा संजू बाबा के साथ जुड़ा हुआ है जैसा कि आप सभी जानते हैं कि संजय दत्त के पिता सुनील दत्त बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता थे और उनका भी सिक्का फिल्म इंडस्ट्री में चलता था तभी तो साल 1971 में ऐसे कव्वाली बॉय के तौर पर संजय दत्त ने अपना पहला कदम रेशमा और शेरा फिल्म के जरिए रखा था इसके बाद सालों की सूक्तियां सी में करीब दस सालों के बाद उनकी ब्लॉक बस्टर फिल्म हीरो की जाती है और की फिल्म हिट साबित होती है और रॉकी सिगरेटस इसके बाद संजय दत्त भी अपना प्यार सलमान फिल्म इंडस्ट्री में जा रहे थे तो कि फिल्म हिट होती है और साथ 1982 में उनकी दूसरी फिल्म रिलीज होती है जो नहीं आई लव यू लेकिन इस फिल्म को उस हिसाब से तवज्जो नहीं मिलता है जितना क्योंकि डेब्यू फिल्म रॉकी कमाल कर पाती है संजय दत्त भी एक बड़ी फिल्म का हिस्सा बनना चाहते थे.
अरे क्यों दौरान कई सारे ऐसे सितारे थे जिनके साथ अगर संजय दत्त काम कर लेते हैं उनके करियर को एक लंबी रात मिल जाती थी नतीजन एक बड़े सुपरस्टार की स्थल में का पूछना चाहते थे उसी दौरान उन्हें पता लगता है कि सुभाष गई एक बड़ी फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं फिल्म का नाम था विधाता आप जिस पर मैं दिलीप कुमार एक बड़ा किरदार निभा रहे थे और इनका स्थापित इस फिल्म में शम्मी कपूर संजीव कुमार सुरेश ओबरॉय अमरीश पुरी और सारी का जैसे कलाकार थे संजय दत्त अब विधाता फिल्म में काम तो करना चाहते थे लेकिन उन्हें यह फिर मिलना बहुत ज्यादा मुश्किल थी तब उन्होंने अपने पिता सुनील दत्त से गुहार लगाने की कहीं सुनील दत्त उस दौरान काफी ज्यादा फिर वह को लेकर बिजी चला करते थे इसलिए उन्होंने अपने करीबी दोस्त दिलीप साहब से इस बारे में बातचीत की दिलीप साहब की बात फिल्म इंडस्ट्री में कोई भी नहीं डालता था और सुनील दत्त साहब को यह पता था कि बद्रीश साहब से मदद मांगेगा तो मेरे बेटे के लिए इतना छोटा सा काम कर ही देंगे फिर क्या था जब दिलीप साहब से ऐसी गुहार लगाई गई वृद्ध की तरफ से तो वो भी छत से मांगी लेकिन इस फिल्म में दिलीप साहब ने तीसरे हीरो का प्रस्ताव रखकर सुभाष घई से बातचीत की तो सुभाष गई इस प्रस्ताव के खिलाफ थे.
विधाता एक बड़े बजट की फिल्म थी और इस फिल्म कि संजय दत्त बिल्कुल फिट नहीं थे ऐसा उन्होंने कहा लेकिन बावजूद इसके दिलीप साहब ने सुभाष घई बार-बार उन्हें बनाते रहे कि ऐसा आप मत कीजिए लेकिन दिलीप साहब वहां पर सुनील दत्त साहब को अपना जुबान दे चुके थे जाहिर सी बात है दिलीप साहब के ऊपर अब आन बान और शान की बात थी और वह भी पीछे नहीं हटा जाते थे बावजूद इसके सुभाष घई कोण की बात माननी पड़ी और इस तरह संजय दत्त की एंट्री फिल्म विधाता में होती है अब फिल्म की शूटिंग चल रही थी तो सुभाष घई थोड़े बहुत पसंद से उखाड़ नजर आते थे फिल्म के शूटिंग सेट पर संजय दत्त को देखते इस वर्ष गई थोड़े बहुत निराश हो जाते थे बौद्धों के दिलीप साहब की वजह से उन्होंने कुछ भी नहीं कहा बाद में जैसे कि आप सब जानते हैं कि दादा फिल्म तीन दिसंबर 1979 को रिलीज़ होती है और यह उस दौर की एक बड़ी फिल्म साबित होती है बताया जाता है कि इस फिल्म में संजय दत्त की एंट्री होने के बाद उनके करियर को भी एक लंबा मिलती है रॉकी फिल्म के हिट हो जाने के बाद यह उनकी दूसरी बड़ी हिट फिल्म थी तो इसका सारा श्रेय दिलीप साहब को ही जाता है.
बताया जाता है कि इस घटना से प्रभावित होकर संजय दत्त इतना ज्यादा खुश हो गए थे कि दिलीप साहब को अपने पिता समान मानने लगे थे और उलटा दिलीप साहब भी संजय दत्त को अपने बेटे की तरह ट्रीट करने लगे 1982 में संजय दत्त ने दिलीप साहब के साथ पहली फिल्म की थी लेकिन 1989 में एक बार फिर से दिलीप साहब के साथ उन्हें टेक्निक शेयर करने का मौका मिला और यह ठंड थी कि कानून अपना अपना यह फिर भी ठीक-ठाक कमाल कर पाई और दिलीप साहब और संजय दत्त की जोड़ी को भी बड़े पर्दे पर लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया और जब दिलीप साहब का निधन हुआ सुधर की खबर से संजय दत्त को भी एक गहरा झटका लगा था अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्होंने दिलीप साहब के साथ अपनी एक तस्वीर की और साथियों ने कैप्शन मैं अपना दर्द भी बयां किया तो दोस्तों यह तो इसके साथ जो संजू बाबा के साथ जुड़ा था वैसे ऐसे बहुत सारे किस्से व कहानियां है डुप्लीकेट साहब की जिंदगी से जुड़े हुए थे दिलीप साहब से कोई भी मदद मांगी तथा पुलिस उसे बिल्कुल भी मना नहीं करते है और इसी वजह से फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें इतना मान और सम्मान मिलता था