ठीक है बोटियां नोचने वाला गीदड़ गला फाड़ने से शेर नहीं बन जाता के शेर को सांप और बिच्छू काटा नहीं करते दूर ही दूर से रेंगते हुए निकल जाते हैं और फिर तुमने सुना होगा तेजा कि जब सर पर बुरे दिन मंडलाते हैं तो जुबान लंबी हो जाती है यह राइटर्स की चाल कहिए या राजकुमार का अंदाज कि उन्हें लोगों ने बॉलीवुड का घमंडी एक्टर बना दिया हम कुत्तों से बात नहीं करते उनकी शख्सियत और बोलने के अनोखे अंदाज ने उन्हें हमेशा दूसरे सितारों से जुदा रखा शेर की खाल पहनकर आज तक कोई आदमी शेर नहीं बन सका वे बिना झिझक किसी को भी अपनी राय सुना देते थे.
चाहे वे बड़ा एक्टर हो डायरेक्टर हो या उनका कोई कोस्टार जिसके घर के दालान में चंदन का झाड़ होगा वहां तो सांपों का आना-जाना लगा ही रहेगा इसलिए इंडस्ट्री में उनके साथ काम करने से लोग बचते थे तुम जैसे जाहिलों की मंजिल सवाई तबाही के और हो भी क्या सकती है अमिताभ बच्चन जितेंद्र धर्मेंद्र सुनील दत्त गोविंदा से लेकर सलमान खान तक शायद ही कोई ऐसा एक्टर होगा जिनको उन्होंने अपनी जली कटी बातों से जलील ना किया हो एक बात हमारी भी सुनते जाओ काली के पुजारी छिपकली के बच्चे कभी मगरमच्छ नहीं बन सकते क्या आप जानते हैं कि भरी महफिल में राजकुमार ने बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार को जलील किया था सो तोते भी पढ़ लेते हैं.
शायद तुम अंजाम पढ़ना भूल गए हो जी हां एक बार उन्होंने भरी महफिल में राजेश खन्ना की बेइज्जती कर दी थी यह पेट की आग जहन्नुम की आग से भी तेज होती है अच्छे-अच्छों को जलाकर खाक कर देती है राजकुमार ने राजेश खन्ना की तुलना कुत्ते से कर दी थी किसी फिल्म में जूनियर एक्टर से रिप्लेस होना राजकुमार को नागवार गुजरा और प्रीमियर के दौरान उनका गुस्सा फिल्म में लीड रोल निभाने वाले राजेश खन्ना पर फूट गया दुश्मनी और दोस्ती अगर गाड़ी ना हो तो उसमें कोई रंग नहीं आता चिंगू यह किस्सा उन दिनों का है जब राजेश खन्ना स्टार के रूप में उभर रहे थे वहीं खूबसूरत एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने भी अपने बेटे सैफ अली खान का स्वागत करने के बाद फिर से फिल्मों में कदम रखा था ये जरा से खरीद पर जख्म करते हैं.
मैंने तो सुना था एयरफोर्स के लोग बहुत बहादुर होते हैं जानेमाने फिल्म डायरेक्टर शक्ति सामंत फिल्म अमर प्रेम की तैयारी कर रहे थे जो बंगाली फिल्म निशि पद्मा की रीमेक थी फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी दिखाई दी थी फिल्म में राजेश खन्ना ने आनंद बाबू का रोल निभाया था जिसके बाद वह इस रोल के लिए अमर हो गए तुम भी तो नहीं चाहती हो पुष्पा कि मैं थोड़ी देर के लिए अपना दुख भोजूं आनंद बाबू लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद राजकुमार थे चिंगारी कोई भड़के फिल्म का बजट बहुत ज्यादा नहीं था.
और राजकुमार इस फिल्म को करने के लिए काफी बड़ी रकम मांग रहे थे ऐसे में फिल्म के मेकर्स को सोचना पड़ा छोड़ो बेकार की बातों में कहीं रिपोर्ट्स की मानें तो जैसे ही यह बात राजेश खन्ना के कानों तक पहुंची वे भागे-भागे शक्ति सामंथा के ऑफिस पहुंचे और कहा कि वे इस फिल्म में किसी दूसरे एक्टर को कैसे ले सकते हैं राजेश खन्ना के साथ शक्ति सामंथा की अच्छी दोस्ती थी क्योंकि अमर प्रेम से पहले काका शक्ति सामंथा के साथ आराधना और कटी पतंग जैसी फिल्म कर चुके थे अरे यार नमस्ते [संगीत] ये शाम मस्तानी मदहोश की राजकुमार की शर्त मेकर्स नहीं मान रहे थे और दूसरी तरफ काका फिल्म करने के लिए तैयार थे ऐसे में शक्ति सामंथा ने राजेश खन्ना से पूछा कि क्या आपके पास कोई डेट है.
क्योंकि आपकी डायरी पूरी हो चुकी है तब राजेश खन्ना ने कहा कि वह इस बात की चिंता ना करें वे इसे अपने तरीके से मैनेज कर लेंगे इसके बाद राजेश खन्ना अन्य फिल्मों की शूटिंग करते थे और रोजाना 4 घंटे अमर प्रेम की शूटिंग करते थे इतना ही नहीं उन्होंने फिल्म के लिए अपनी फीस भी आधी कर दी थी कोई भड़के तो सावन अमर प्रेम फिल्म में राजेश खन्ना को कास्ट किए जाने के बाद राजकुमार काफी नाराज हो गए थे उन्होंने पहले तो किसी से कुछ नहीं कहा लेकिन जब फिल्म का प्रीमियर रखा गया तो शक्ति सामंथा ने राजकुमार को भी न्योता दिया था.
इस दौरान किसी को नहीं पता था कि राजकुमार प्रीमियर के दौरान राजेश खन्ना की बुरी तरह से बेइज्जती कर डालेंगे हमें मालूम है इसीलिए तो जूते तुम्हारे मुंह के सामने रखे हैं बेटे हम कब आते हैं और कब जाते हैं यह तो तकदीर बनाने वाले को भी मालूम नहीं सुपरहिट फिल्म हाथ से निकल जाने के बाद राजकुमार ने सारा गुस्सा राजेश खन्ना पर निकाल डाला वीर सिंह और हमारे बीच एक ही सौदा हो सकता है मौत का उन्होंने भरी महफिल में कहा हमारे फेंके टुकड़े खाकर तो कुत्ता भी बुलडग बन जाता है राजेश खन्ना भी हमारी छोड़ी फिल्म करके कल सुपरस्टार बन जाएगा यहां के कायदे और कानून तुम्हें मालूम होने चाहिए राजकुमार का रब ऐसा था कि इंडस्ट्री में उनकी तूती बोलती थी उनके स्टारडम का आलम यह था कि वे अपनी मर्जी से फिल्में करते और जहां तक हमारा ताल्लुक है हम किसी से भी किसी वक्त भी कहीं भी मिल सकते हैं.
हमारा जब दिल चाहे इतना ही नहीं वे अपनी फिल्मों के लिए खुद ही तय करते थे कि उनकी फिल्म में कौन हीरो और कौन हीरोइन होगी ऐसे में उन्हें एक नए नवेले एक्टर के सामने फिल्म से बाहर कर देना उन्हें सहन नहीं हो रहा था हालांकि जो लोग उन्हें करीब से जानते थे वे कहते थे कि राजकुमार घमंडी नहीं बल्कि सच्चे और बेपाक इंसान थे उनका स्वभाव अलग था जो कई बार घमंड जैसा लगता था जिसे हम यहां लाते हैं उससे सिर्फ एक बार सवाल पूछते हैं वे अपने एक्टिंग और स्टारडम को लेकर बेहद आत्मविश्वासी थे उन्हें अपने स्टाइल और आवाज पर गर्व था जिसे लोग कभी-कभी घमंड समझते थे वे कई बड़े डायरेक्टर्स और फिल्मों को सिर्फ इसलिए रिजेक्ट कर देते थे.
क्योंकि उन्हें स्क्रिप्ट या किरदार पसंद नहीं आते थे हम अपनी डिफेंस खुद करेंगे सिर्फ आपकी इजाजत चाहिए तुम तो तुम यह सारा इलाका जिसमें तुम सांस लेते हो हमारे मातहत है फिल्म अमर प्रेम की बात करें तो यह एक रोमांटिक फिल्म थी जो दर्शकों को इतनी पसंद आई थी कि यह साल 1972 की 13वीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी रीत जगत की ऐसी है हर ये फिल्म में शर्मिला टैगोर ने राजेश खन्ना संग रोमांस किया था दोनों की जोड़ी ने फिल्म में चार चांद लगा दिए थे इस फिल्म में कुल छह गाने थे जो उस समय के चार्ट बीट बन गए थे.
फिल्म का डोली में बिठाई के डोली में बिठाई के कहा रैना बीती जाए रैना बीती जाए श्याम चिंगारी कोई भड़के चिंगारी कोई भड़के कुछ तो लोग कहेंगे कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का ये क्या हुआ ये क्या हुआ कैसे हुआ कब हुआ और बड़ा नटखट है ये बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया फेमस गाना आज भी दर्शकों के बीच खूब सुना जाता है मां करे यशोदा मैया के अपने घर शीशे के हो वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते.