अह सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी अह जो रेंटेड स्कूटी थी उससे 22 तारीख को करीबन 12:30 यहां पर आते हैं स्टे करने के लिए। लेकिन यहां उन्हें रूम नहीं मिलता है क्योंकि रूम सारे यहां पे बुक्क थे पहले से तो वो अपना लगेज यहां पर छोड़कर और यहां से आगे निकल जाते हैं स्टे करने के लिए। लेकिन उनका लगेज लेने वो वापस नहीं आते हैं। जिसके बाद जो होटल प्रशासन है वो तुरंत सूझबूझ से पुलिस को सूचना देता है। शिलंग पुलिस तुरंत वो दोनों बैग को रिकवर कर लेती है। हमारे साथ यहां के एक स्टाफ है। क्या नाम है आपका भाई साहब? नाम स्थान,
कुपारा। क्या हुआ था वो जो कपल कब आया था यहां पे? कितनी देर क्या बातचीत हुई? वो लोग ऐसा 22 को आया था। ठीक है। और ऐसा 12:44 मिनट्स को आया था नून का टाइम में। ओके? दोपहर को वो लोग इधर रूम के तलाश में था। रूम के तलाश में आया था। ऑफलाइन आया था। मतलब क्योंकि हमारा होम स्टेज है। वह तो इधर रास्ता में रास्ते में ना तो वो लोग तो आ ही जाएगा। अगर इधर नहीं आएगा तो कहीं और भी जाएगा जा सकता था। तो वो लोग रूम तलाश में था उस दिन। तो हमको हमको पूछ के आया था कि मतलब रूम है कि नहीं? तो उस दिन का तो मतलब अनफॉर्चुनेटली हमारा पूरा,
रूम जो है वो सोल आउट हो चुका है। बुक हो चुका था। हम ओके। तो फिर भी वो लोग बोल रहे थे कि नहीं आप प्लीज एक बार मतलब रिक्वेस्ट कर रहा था रूम के लिए फिर भी मतलब हमारे पास तो रूम ही नहीं है तो कहां से ले गया हम लोग को तो वो बोल रहे थे कि प्लीज भैया आप प्लीज आप बस हमारा जो लगेज है आप इधर रख दीजिए क्योंकि हम हमको अभी मतलब आज के दिन के लिए उन लोग को ये डबल टेकर जाना है.
डबल टेकर करना है उनको कितनी दूर है डबल टेकर यहां से यहां से कम से कम 15 16 किमी अच्छा ठीक है तो वो लगेज यहां पे छोड़ गए यहां पे छोड़ के गए थे बोल बोल रहे थे शाम को आएगा वापस लगेज लेने। अगर शाम को नहीं आएगा तो कल या परसों मतलब आ भी सकता है। आ सकता है और फिर वो लगेज लेने नहीं आए। नहीं आए.
तो आपने 23 तारीख को 23 को पुलिस को सूचना दी। ऐसा 24 को हुआ है शायद। 24 जब ये हादसा हुआ था हमको कुछ पता नहीं थी उसके बारे में। हां। वो तो दो तारीख के बाद होगा। जब पता चला फिर तुरंत पुलिस को फोन किया। आपने लगेज कब दिया पुलिस को? ऐसा तीन-चार दिन के बाद। अच्छा तीन-चार दिन तक लगेज यहां पे था। चार दिन के बाद अच्छा उसके बाद आपने लगेज और कितने लगेज थे दो लगेज थे उनका अच्छा दो लगेज उनके पास थे और आपसे बातचीत कौन कर रहा था.
सोनम कर रही थी कि वो उस दिन सिर्फ ये क्या राजा सिर्फ राजा बात कर रहा था उस दिन अच्छा राजा बात कर रहा था हां और सोनम बात भी नहीं करता लेकिन अंदर में जब राजा आया था मतलब आपका अपना कांटेक्ट नंबर देने के लिए उस टाइम ही वो सोनम भी आया था अंदर अच्छा उससे पहले तो वो बात भी नहीं किए उनकी बॉडी लैंग्वेज कैसी थी मतलब कोई ऐसा लग रहा था कोई मतलब सोनम को देख के कि मतलब उसका तो पूरा मूड खराब हुआ था उस दिन शायद ऐसा लगता है खराब था हां अच्छा मतलब बात नहीं कर रहे थे हस्बैंड,
भाई बात नहीं करता था और हम लोग से भी जो वो शूटर जो जो हत्यारे पकड़े गए हैं कातिल क्या वो लोग भी उनके साथ कहीं दिखे थे आप सिर्फ वो दो लोग के आया था बस वो दो वो कपल ही आया था उस दिन अच्छा फिर पुलिस आपने तीन चार वो बैग उनको दे दिया अच्छा बहुत भारी बैग थे उतना मतलब आईडिया नहीं हम तो बैग को उठाया नहीं बस ऐसा रोल किया पुश किया उधर में रखा था बस क्योंकि उठाया नहीं ज्वेलरी पहने हुए थे दोनों वो सब तो नहीं दिखा क्योंकि वो लोग रेनकोट पहना हुआ था राजा तो रेनकोट पहना हुआ था और उसने सोनम ने सोनम तो शुरू हो गई थी देखा नहीं,
क्योंकि हम उनको हमारे साथ नहीं किया तो देखिए हमारे साथ यहां का यहां की प्रॉपर्टी के एक स्टाफ है जो बता रहे हैं ये महल होटल है और यह चेरापूंजी में बिल्कुल जो यहां का नजदीकी पुलिस स्टेशन है उसी के रूट पे पड़ती है और यहां से काफी दूरी पे जब उन्हें यहां रूम नहीं मिलता है तो वह अपना लगेज यहां पर छोड़ के और यहां से इसी रोड से आगे निकल जाते हैं और यहां से करीबन 15 कि.मी. दूर डेढ़ 2000 सीढ़ियां चढ़ के नीचे जाना पड़ता है। वहां पर एक होम स्टे है। वहां पे जाके सोनम और राजा रघुवंशी रुकते हैं और उसके आसपास ही,
जो कातिल होते हैं वो एक होम स्टे लेते हैं। वो भी वहां पर रुकते हैं और उसके बाद 23 तारीख को इस पूरे मर्डर को अंजाम दिया जाता है। इस हत्याकांड को अंजाम दिया जाता है। तो ये 22 तारीख की पूरी कहानी यहां से शुरू होती है इस होटल से जहां पर कि राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी पहुंचे और जब उन्हें यहां पे रूम नहीं मिला तो वो अपना लगेज यहां पे छोड़ गए और जैसा कि होटल के स्टाफ ने बताया है कि वो गुस्से में थी। वो परेशान थी। वो खुश नहीं लग रही थी। तो या शायद उसके अंदर वो डर था कि 23 तारीख को उसके पति को मौत के घाट उतरवाना है.
शायद उसके मन में कोई डर भी था। उस वक्त उसकी बॉडी लैंग्वेज देख के ऐसा लग रहा है जैसा कि यहां के स्टाफ बता रहे हैं। और रेनकोट जो है वो उस वक्त जो है वो एक रेनकोट राजा रघुवंशी ने पहना हुआ था और वो एक रेंटेड स्कूटी से यहां पहुंचे थे और उसके बाद वो अपना लगेज यहां छोड़ गए। जिसके बाद जब वो लगेज लेने नहीं आए तो पुलिस को तीन-चार दिन बाद यहां के स्टाफ ने सूचना दी। जिसका पुलिस ने वह लगेज यहां से रिकवर किया है।