पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निर्देशक आचार्य बालकृष्ण को एक और झटका लगा है उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी द्वारा बेचे गए करीब 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने फैसला लिया है जिन प्रोडक्ट्स का लाइसेंस रद्द किया गया है उनमें श्वासारि गोल्ड श्वासारि वटी दिव्य ब्रोंकोमलेसिया शनी वटी एक्स्ट्रा पावर लिवामिक आई ग्रिट कोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल है इं की कनु शारदा और संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक दिव्य फार्मेसी की ओर से अपने प्रोडक्ट्स की प्रभावशीलता के बारे में बार बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए लाइसेंस को रोक दिया गया है.
उत्तराखंड सरकार ने बैन सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद लगाया जब कोर्ट ने 10 अप्रैल को उत्तराखंड सरकार के दवा लाइसेंसिंग प्राधिकरण को फटकार लगाई थी जस्टिस समा कोली और जस्टिस एहसान अमानुल्लाह की बेंच ने 10 अप्रैल को हुई सुनवाई में उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था इन तीनों ड्रग्स लाइसेंसिंग अधिकारियों को अभी सस्पेंड कीजिए हमें रिपोर्ट दें जिसमें तीन नोटिस दिए गए थे उसके बाद क्या कार्रवाई हुई है इस सुनवाई के दौरान ड्रग्स विभाग के जॉइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार को कोर्ट ने हिंदी में डांटते हुए कहा था.
आपको शर्म आनी चाहिए आपने किस आधार पर कहा कि दोषियों को चेतावनी दी जाएगी आपने इस मामले में किस लीगल डिपार्टमेंट या एजेंसी से सलाह ली इससे ज्यादा हिंदी में हम नहीं समझा सकते क्यों ना आपके खिलाफ कार्रवाई हो क्यों ना माना जाए इसमें आपकी मिली भगत भी थी लोग मर जाएं आप वार्निंग देते रहे आपने बहुत नौकरी कर ली अब घर बैठे आपको बुद्धि नहीं आई है अब उत्तराखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने आयुर्वेदिक उत्पादों के प्रमक प्रचार मामले में अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर यह एक्शन लिया है साथ ही आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेज दिया गया है.
उत्तराखंड सरकार की तरफ से 14 प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड करने का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट फिर से पतंजलि वाले मामले की सुनवाई करेगा माना जा रहा है कि 30 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट यह तैय करेगा कि रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं अब देखना होगा कि सर्वोच्च अदालत इस मामले पर क्या फैसला सुनाती है लेकिन उससे पहले जिस तरह से उत्तराखंड सरकार की ओर से पतंजलि के खिलाफ एक्शन लिया गया है उसे रामदेव और बालकृष्ण के लिए झटका माना जा रहा है आप इस पूरी खबर पर क्या राय रखते हैं हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.