मैं पूरा पश्चिम पर पूर्वा सुवानी आई वहां से शुरू हुआ था और घर से लेकर गए थे मुझको आज आज जो याद आ रही है सारी बातें मुझे फिल्म के तौर पर आप जैसे आप लोगों को मालूम हुआ समाचारों के द्वारा ऐसे ही मुझे मालूम हुआ आज वोह सिद्ध कर गए सार्थक कर गए जो मैंने उनकी फिल्म में शोर में लाइन दी थी जीवन का मतलब तो आना और जाना है कैसे कैसे दिन थे मुझे आज सारा 69 से 81 तक मैं और वो कैसे रहे हैं.
24 घंटे हम लोग एक सोफे में बैठे रहते थे आज मैं यहां अकेला हूं उते ही नहीं थे भाभी जी आके बोलती थी सब चीज याद आ रही है बोले उठोगे नहीं बै ही रहोगे मेरा उनका क्या लाता था क्या रिश्ता था मैं आपको बता नहीं सकता दुनिया की नजरों में खल गया रेलवे के कवि सम्मेलन में गया टाक टूटी थ सरी से मुझे उनके घर ले गया अपनी पत्नी से बोले देख शश शश भावी से देख ससी संकल्प कितना बड़ा हो गया है जब वो पैदा हुआ था.
एक किराए के कमरे में रहता था दिल्ली वही पर आए थे उसे देख रहे एक एक बात याद आ रही है उन्होंने सार्थक कर दिया और उसी जमाने में देश की सबसे बढ़िया फिल्म बनी वो जमाना गीतों और संगीत का एक अलग से दौर जब इतिहास लिखा जाएगा फिल्मों का तो लोग बताएंगे उसे लिखेंगे कि साहब ऐसा दौर और नहीं आया आज बिल्कुल अकेला छोड़ के चले गए बहुत प्यार करते थे मेरे ब को किस किस गीतकार को लिखा गया है.
इंट्रोड्यूस ए इंट्रोड्यूस न्यू सन् राइटर और नया गीतकार संतोष 24 24 घंटे मुझे मैं मुंबई नहीं जाता था तो लि आ जाते थे इंपीरियल होटल में हम लोग याद याद है और है क्या अब आज शानदार अभिनेता शानदार निर्देशक शास्त्र मतलब वो और हर चीज का एंगल का और मजे की बात यह है उन्हे मुझसे इतनी मोहब्बत थी कि चाहे एडिटिंग हो चाहे शूटिंग हो म्यूजिक में तो खैर औरों के भी गीत मुझे सुनाते थे म एक एक दौर था.
मतलब चाहे साइन कराने जाने दिलीप कुमार को तो मुझे साथ मेरे बिना रहते नहीं थे मैं अपने आपको बड़ा नहीं दिखा रहा हूं और मैं भी उनके बिना नहीं रहता था अब अब आज का दिन है कि मैं अपने आप को जता के बता के कुछ अपने आपको को नहीं नहीं नहीं नहीं ऐसा मुल मैं मुझे दर्द है मैं उस दर्द को व्यक्त नहीं करता था नहीं मुझे सबसे बड़ा दुख य है कि वो दुनिया से गए हैं और मैं उनके नजदीक नहीं हूं.