12 जून को अहमदाबाद के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 1:38 पर एयर इंडिया का Aआई 171 जो अहमदाबाद से लंदन के लिए फ्लाई कर रहा था। टेक ऑफ होते ही 50 से 55 सेकंड में वह क्रैश हो जाता है। क्रैश होने के बाद उसमें 242 लोग मौजूद थे इंक्लूडिंग क्रू मेंबर उसमें से 200 41 लोगों की मौत हो गई है। एक लोग एक जो यात्री है वो जिंदा बचा हुआ है और जिस जगह यह प्लेन लैंड हुआ जहां क्रैश हुआ वहां पर भी कई लोगों की जाने जा चुकी हैं,
सबसे पहले मैं आपको एक वीडियो दिखाऊंगा। उस वीडियो में क्या है? क्या चीज दिख रही है? यह तो सब जान रहे हैं। ये देखिए ये क्रैश का लाइव वीडियो है जो 17 साल के एक बच्चे ने मैगानी नगर की एक बिल्डिंग से शूट किया। प्लेन टेक ऑफ होता है। सीधे-सीधे डिसेंट होता है और क्रैश होने के बाद बड़ा सा आग का गोला निकलता है और इस तरीके का यह हादसा पूरा हो जाता है। यह जो वीडियो है यह नॉर्मल वीडियो लेमन की तरह दिख रहा है कि प्लेन उड़ रहा है,
कंट्रोल से बाहर हो गया और प्लेन गिरा और वो प्लेन जो है ब्लास्ट उसमें प्लेन जेट फ्यूल था। ब्लास्ट हुआ, धमाका हुआ और जो लोग प्लेन के अंदर मौजूद थे लगभग एक याद छोड़कर सबों की मौत हो गई। इस वीडियो को लेमन अलग तरीके से देखता है और यह जो वीडियो है उसे पायलट और एिएशन एक्सपर्ट और जो इंजीनियर्स होते हैं वो अलग तरीके से देखते हैं। इस वीडियो में क्या खास है? क्या अलग है? इस पर पूरी बातचीत करने के लिए इस समय हमारे साथ कैप्टन उमंग जानी जी हैं जो एरोनॉटिकल इंजीनियर भी हैं और पायलट भी हैं,
उनसे बात करते हैं। कैप्टन उमंग ये बताइए कि जो ये वीडियो है इसमें क्या डिफरेंस क्या दिख रहा है? क्या क्या पता चल रहा है इस वीडियो से? यह वीडियो में यह दिख रहा है कि जहाज जो है वह टेक ऑफ AI171 टेक ऑफ करने के बाद सीधा ही क्लाइम करना बंद कर देता है और फिर आगे जाकर वो नीचे की तरफ डिसेंड करते हुए हम क्रैश हो जाता है। ये दिख रहा है। लेकिन जैसे क्या टेक ऑफ सही हुआ था? वीडियो में किस हिसाब से क्या लग रहा है कि क्या कुछ टेक्निकल इश्यूज हुए थे? ये जो एविशन लैंग्वेज में बोला है कि नोस टेक ऑफ हुआटेक ऑफ सही हो रहा था,
सब कुछ ठीक था। वीडियो में सब कुछ ठीक दिख रहा है? इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया में जिस प्रकार से जो यह वीडियो देखने को मिल रहा है तो उसमें तो ऐसा लग रहा है कि जो दूर से इसका वीडियो लिया गया है। काफी दूर से वीडियो लिया गया है। तो उसमें तो ऐसा दिख रहा है कि जहाज जो है थोड़ा सा टेक ऑफ रन लेता है। उसके बाद नोज अप होता है। जहाज हवा में एक नॉर्मल टेक ऑफ की तरह ही वो टेक ऑफ करता है। वो ऐसा दिख रहा है। जी। जी लेकिन एज अ पायलट आप इतना आपने फ्लाई किया है आप एनॉटिक इंजीनियर्स भी हैं,
क्या लग रहा है प्राइम क्या हुआ होगा जो सिर्फ 40-50 सेकंड में पायलट ने मेडे का कॉल दिया प्लेन क्रैश हो गया। प्लेन जब क्रैश होता है तो उसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि अगर ये कारण है इसमें जो दिख रहा है वो टेक ऑफ करने के बाद अभी जो जो चल रहा है जो भी मीडिया में चल रहा है वो उसके हिसाब से बोल रहे हैं कि भ दो इंजन फेल हो गए थे। मगर अ ये हो भी सकता है, नहीं भी हो सकता है क्योंकि दोनों इंजन एक साथ अगर फेल होते हैं तो ऐसा तो सिर्फ जो हर्डसन रिवर वाला जो एक्सीडेंट हुआ था उसी में ये यानी इट्स अ बहुत ही रेयर और रेयर रेयरेस्ट इंसिडेंट है कि दोनों इंजन एक साथ फेल हुए हो,
साथ में यह भी है कि टेक ऑफ करने के बाद कभी-कभी ऐसा हमें महसूस होता है कि जहांजहां हम क्लाइम करने की कोशिश करते हैं क्लाइम नहीं कर पाता है। तो उसके लिए कभी-कभी ऐसा होता है कि डाउन ड्राफ्ट करके यानी अगर आप वेदर के बारे में देखें वेदर पॉइंट ऑफ व्यू हम वेदर पॉइंट ऑफ व्यू देखें तो जो डाउन ड्राफ्ट का मतलब होता है कि जो हवा जो होती है हवा ऐसे ऊपर से नीचे की तरफ आती है। ऐसे ऐसे इस तरह से वो चलता रहता है। तो अगर जो डाउन ड्राफ्ट है उसका डाउन ड्राफ्ट के अंदर अगर जहाज एंटर कर जाता है तो भी वह क्लाइम नहीं कर पाता है,
और खासतौर पे जो अगर जहाज हैवी होता है हैवी मतलब उस वक्त जहाज की स्पीड कम होती है और जब टेक ऑफ करते वक्त फ्यूल भी काफी ज्यादा भरा हुआ होता है। तो जहाज हैवी भी होता है। तो उस वक्त भी क्लाइम करने में जाता है। अब जैसे अल्टीट्यूड ज्यादा है तो जहाज फिर से नॉर्मली अपनी अल्टीट्यूड गेन कर लेता है। मगर जब ग्राउंड से काफी नजदीक हो तो अगर डाउन ड्राफ्ट मिल जाता है तो एयरक्राफ्ट डिसेंड होता है तो उसको रिकवर करने का मौका नहीं मिल सकता। ये पॉसिबिलिटी लग रही है। पॉसिबिलिटी हां कैप्टन उमंग की एक जो बातें आ रही है कि इसमें आरएटी रैट ओपन हुआ था। यह लेमन की भाषा में समझना चाहिए कि आरएटी होता क्या है?
इसका फुल फॉर्म क्या है? इसका यूज़ क्या है? अच्छा आईटी का मतलब होता है रम एयर टरबाइन। रम एयर टरबाइन यानी विमान के अंदर एक छोटा सा प्रोपेलर होता है जिसके पीछे एक जनरेटर लगा हुआ होता है। मगर वो विमान के अंदर रहता है। जब विमान उड़ रहा होता है और कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी वजह से इलेक्ट्रिसिटी जो विमान का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए जो सफिशिएंट इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है। अगर वह इलेक्ट्रिसिटी नहीं मिल पाती है, तो पायलट जो होते हैं, मैनुअली अह ऊपर स्विच लगी हुई होती है,
वह स्विच से रैम एयर टरबाइन बाहर ओपन करते हैं। वह फ्लाइंग जहां-जभी फ्लाइंग कर रहा है, सामने से एयर आ रही है जब एयरकॉर्ड आगे बढ़ता है, तो तो, जो रैम एयर जो टरबाइन है वो बाहर डिप्लॉय होता है और सामने से आती हुई एयर से वो विंड मिलिंग से वो घूमता रहता है। जिसके पीछे एक जनरेटर लगा हुआ होता है। जनरेटर से इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होती है और इ वो इलेक्ट्रिसिटी अंदर जो विद्युत उपकरण होते हैं उसको चलाने के लिए काम में आती है। ओके। किस कंडीशन में ये रैम होता है? क्या इस जो एi17 हुआ था लोग बता रहे हैं कि उसमें रैम रैम रैट ओपन हुआ था,
तो ये रैट सिर्फ इमरजेंसी सिचुएशन में ओपन होती है या किस कंडीशन में रैट पायलट यूज़ करते हैं? अ जैसे कि मैंने बताया कि जब इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत जब जो इलेक्ट्रिसिटी की जो खपत है जहाज में वो जो अगर किसी वजह से वो इलेक्ट्रिसिटी की खपत जो उसके अंदर इनबिल्ट इक्विपमेंट है वो नहीं प्रोवाइड कर पाते तो रैम एंड टरबाइन को बाहर डिप्लॉय किया जाता है ताकि वो एडिशनल इलेक्ट्रिसिटी जो है,
वो एयरक्राफ्ट की सिस्टम्स को प्रोवाइड कर सके ताकि सारी सिस्टम सुचारू रूप से चल सके और दूसरा ऐसा भी होता है कि उसमें एक ऑटोमेटिक डिप्लॉयमेंट भी होता है। ऑटोमेटिक डिप्लॉयमेंट का मतलब है कि किसी कारणवश इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई जो है वो बंद हो गया या कम हो गया तो रैम एयर टरबाइन जो होता है वो ऑटोमेटिक बाहर आ जाते हैं.