विमान की स्पीड कम कैसे हुई? एयर इंडिया के पूर्व कैप्टन ने क्या बताया?..

कैप्टन सबरवाल वो शायद 11 12 साल से इसी जहाज में थे। तो उनका उनका अनुभव इतना ज्यादा था इस जहाज पे और इतना कंफर्टेबल थे। वो खुद ट्रेनिंग देते थे। हम मैंने खुद ट्रेनिंग लिया उनके अंडर डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर मिल चुका है। अब अब मेरे बोलने से या किसी को बोलने से कोई मतलब नहीं है। सब उसी पे है। इतना टैलेंटेड पायलट, इतने एडवांस जहाज, इतने अच्छे मेंटेनेंस वाला कंपनी सब चीजें तो इतने अच्छे थे तो कैसे गलती हुआ? हां, लगभग 5 साल क्योंकि अह मुझे लगता है कि कुछ महीने कम हो गए होंगे। मुझे रेज़िग्नेशन देना पड़ा,

क्योंकि जनरल इलेक्शंस थे, तो मुझे वापस इधर आना पड़ा। पर, अह मैं कैप्टन सबरवाल जो आप बोल रहे हैं। उनके साथ पहले भी ट्रेनिंग ले चुका हूं। उनके अंडर मैंने एज अ जूनियर पायलट फर्स्ट ऑफिसर भी काम किया है। बड़े जहाज और एक इससे भी बड़ा जहाज बोइंग 7 7 777 और वो सारे नॉनस्टॉप जो आप देख सुनते आते हैं ना दिल्ली और बॉम्बे से न्यूयॉर्क हो या वाशिंगटन होस या फिर क्या बोलते हैं शिकागो हो तो ये सब हम वो वो जहाज भी उड़ा चुके हैं,

उसके बाद यह जहाज में आए थे जब यह नया आया था। तो जब लगभग 11 से 12 साल हो गए होंगे। एयर इंडिया में ये जहाज आने मतलब शुरुआत से जब आया था और 14 साल के आसपास हो गया होगा बोइंग को ये जहाज को कमर्शियली ल्च करने में तो उसमें कुछ पहले के एकद साल में थोड़े बहुत छोटे-मोटे सब जो भी आए थे कंप्लेंट्स वो कोई भी जहाज जब नया-नया आता है तो एक छोटा-मोटा कुछ कंप्लेंट्स रहता है,

फिर वो सेटल डाउन हो जाता है। तो पिछले 10 या 11 साल से एक भी एक भी मेजर कोई इशू नहीं है इस जहाज में। और अ कैप्टन सबरवाल वो शायद 11 12 साल से इसी जहाज में थे। तो उनका उनका अनुभव इतना ज्यादा था इस जहाज पे और इतना कंफर्टेबल थे। वो खुद ट्रेनिंग देते थे। हम मैंने खुद ट्रेनिंग लिया उनके अंडर और और बहुत नॉलेजेबल आदमी बहुत धैर्य के साथ काम करते थे वो लोग। प्रोफेशनल अब जिस जैसे भी बोलेंगे बोलोगे आप। वो सब में सब में नंबर वन थे,

मतलब सब में खड़ा उतरेंगे वो। तो उनके टैलेंट पे, उनके रिफ्लेक्सेस पे, उनके नॉलेज पर कोई डाउट नहीं है मुझे। बट फिर भी मनुष्य हैं। यॉ 1% 1% चांसेस होता है कभी-कभी गलत कुछ हो जाए या कुछ आउट ऑफ माइंड मतलब स्लिप कर जाए दिमाग से। हो सकता है। बट इसीलिए तो सेकंड पायलट भी होता है। तो, जो जूनियर पायलट थे को-पायलट, वह भी तो थे साथ में। तो, दो पायलट्स थे, फिर भी गलती थोड़ा बहुत होने का चांसेस है,

जो अनुमान लगा रहे हैं हम लोग। हम लोग बस एक वीडियो देख के बोल रहे हैं। तो मैं जो बोल रहा हूं वो सही भी होगा वो मुझे नहीं पता। अभी डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर मिल चुका है। अब अब मेरे बोलने से या किसी को बोलने से कोई मतलब नहीं है। सब उसी पे है। पूरा काला चिट्ठा उसी पे है,

पूरा जो ब्लैक बॉक्स बोलते हैं वो ब्लैक एंड वाइट में रिकॉर्डेड है। वो वो सब निकलेगा। और जैसे कि आप मुझे जो खबर मिल रहा है जो हाई हाई लेवल कमेटी जो इन लोगों ने सेंट्रल गवर्नमेंट ने तैयारी किया है तो हमारे डीजीसी वाले तो होंगे ही और एयर इंडिया के स्टाफ जो भी एक्सपर्ट्स होंगे ही उसमें उसमें यूके के एक्सपर्ट्स भी होंगे। इंटरनेशनल सिविल एवीएशन ऑर्गेनाइजेशन के एक्सपर्ट्स भी होंगे। फिर बोइंग के एक्सपर्ट्स भी होंगे,

अगर नहीं है तो होना चाहिए। क्योंकि जितना जल्दी इस इस तरह के हाई लेवल कमिटी जिसमें सारे देशों का पार्टिसिपेशन हो खाली अफेक्टेड देश नहीं जो एक्सपर्ट्स हैं उनको भी बुला के लाओ इस कमेटी में और इतना ट्रांसपेरेंट रखो कि पूरा कॉन्फिडेंस बढ़े जितना जल्दी कॉन्फिडेंस वापस आए इंडियन एिएशन पे उतना अच्छा है दुनिया के लिए। अभी क्वेश्चन मार्क उठ चुका है हमारे। सब सबके दिमाग में होगा कि इनका स्टैंडर्ड्स अच्छे हैं कि नहीं? इनके पायलट सही है कि नहीं? ट्रेनिंग उनका सही है कि नहीं? तो ये सब इस सब चीज के लिए हमें वो ट्रांसपेरेंट कमिटी चाहिए ही चाहिए,

जो मुझे लगता है कि सेंट्रल गवर्नमेंट को करना चाहिए अगर नहीं किया है तो करें मुझे लगता है ये करेंगे और सबसे महत्वपूर्ण बात जितना ट्रांसपेरेंट और जितना प्रोफेशनल कमेटी बनेगा उतना उतना जल्दी मनोबल बढ़ेगा पायलट्स लोगों का अभी भी अभी भी 500 से 1000 या 1500 एक्रा अभी भी उड़ रहे होंगे तो कुछ नहीं तो 3000 पायलट्स अभी भी उड़ा रहे होंगे 10 या 15000 पायलट्स जो हैं अभी सब सब एक कमेटी के रिपोर्ट पे डिपेंडेंट है। सब उसी उसी पे नजर है लोगों का क्योंकि उनका सबका मनोबल डाउन है,

कॉन्फिडेंस डाउन है थोड़ा क्वेश्चन मार्क है। इतना टैलेंटेड पायलट, इतने एडवांस जहाज, इतने अच्छे मेंटेनेंस वाला कंपनी सब चीजें तो इतने अच्छे थे तो कैसे गलती हुआ? और और ऐसा भी नहीं है कि कोई कोई इमरजेंसी दिख नहीं रहा। अभी तक वीडियो में दिख नहीं रहा। वीडियो में बस हां लैंडिंग गियर डाउन है जो नहीं होना चाहिए था। फ्लैप्स डाउन होना चाहिए था वो वहां पे है। तो यह इस सिचुएशन में आए कैसे? यह स्थिति में पहुंचे कैसे? वो वो जो वो जो वो जो फेज ऑफ फ्लाइट है उसमें वो मैच नहीं कर रहा। फिर फिर वो टेक ऑफ ढंग से हो रहा है,

फिर एयरबर्न भी ढंग से हो रहा है। फिर बस 400 फीट में क्या हो गया? नहीं होना चाहिए था। दोनों इंजन कभी फेल मतलब पहले के जमाने में सुनने को मिलते थे। अभी दो इंजन फेल एक साथ वो नेक्स्ट टू इंपॉसिबल जैसा है। बोइंग भी खुद बोलते हैं कि नेक्स्ट टू इंपॉसिबल। बट अगर हुआ है तो कैसे हो गया यार? और कैसे? तो पूरा इंज मतलब कोई आग भी लगा तो दिख नहीं रहा ना कोई बर्ड्स आए बर्ड हिट हुआ है। वैसे कोई डैमेज तो एक्सटर्नल डैमेज भी नहीं दिख रहा है। तो क्या हो गया यार मतलब तीन तीन कुछ 20 या 22 सेकंड में क्या हो गया कि आगे का 22 सेकंड डिजास्टर में कन्वर्ट हो गया,

तो क्वेश्चन मार्क हर जगह है। हर हर किसी के पास अनुभव था उस फ्लाइट फ्लाइट के लिए। एयर इंडिया पहली बार भी नहीं ऑपरेट कर रहे हैं अहमदाबाद लंदन। हमें पता था मौसम कैसा है? गर्मी है क्या है? लोड क्या है? लोड एंड मैनेजमेंट का डिपार्टमेंट अलग है। इंजीनियरिंग अलग है। क्वालिफाइड लोग हैं। सबसे बेस्ट एयरक्राफ्ट भी है। तो क्या ऐसे हो गया? तो सबके दिमाग में क्वेश्चन मार्क है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी अमेरिका का यूके का सब एजेंसी अभी इसके ऊपर जांच कर रहे हैं। तो कोई डाउट है इसमें? अधिकार है। अधिकार है उनको करना और हमारे हमारे देश को भी उनको बुलाना चाहिए। इनवाइट भी करना चाहिए। अगर नहीं भी किया हो तो अभी कर लेना चाहिए,

क्योंकि बोइंग का मेक मेड इन यूएस ही है। तो उनका अधिकार है उनके जो जो उन्होंने बनाया उसको चेक करने के लिए क्योंकि उनका रेपुटेशन स्टेक पे है अभी और दूसरे देशों के नागरिक जो मरे हैं उनके देश के जो गवर्नमेंट है उनको भी चाहिए आंसर कि कैसे हो गया? क्यों हो गया? आप पे भरोसा किया था हमने। आपके एिएशन पे भरोसा किया। आपके पायलट्स पे भरोसा किया। आपके मशीनंस पे भरोसा किया। आपके रेगुलेटर्स पे भरोसा किया। अब क्या हो गया? कैसे हो गया? तो उनका भी अधिकार है। अधिकार पायलट्स लोगों का भी है कि हमें भी पता चलना चाहिए कि सच क्या है,

क्योंकि हम भी अभी भी उड़ ही रहे हैं। अभी अभी एक खाली एयर इंडिया में 2700 एयरक्राफ्ट अभी भी चल रहा है। 27 एयरक्राफ्ट 7 87 वो तो बंद नहीं हुए। वो तो वो तो वो तो वैसे भी उनका रिकॉर्ड इतना इतना इन इतना परफेक्ट है। उनको बंद करने की कोई जरूरत भी नहीं है। तो ये मैनुअल एरर है। टेक्निकल एरर है कि कि स्ट्रक्चरल एरर है। कुछ समझ नहीं आ रहा ना सबको। तो मैं मैं आशा करता हूं कि ये जो हाई लेवल कमेटी बैठ गए हैं। डीएफडीआर मिल चुका है। मुझे पता है कि जैसे ही डीएफडीआर को आप आप उसको अनफोल्ड करोगे सॉफ्टवेयर में सॉफ्टवेयर में इंटीग्रेट करोगे आपको इतना तो पता चल चल जाएगा कि शुरुआत कहां से हुई है गलती।,

अर्ली वो शुरुआत पार्ट भी अगर हमें बता दें जो कि जो भी ऑफिशियल मेंस में वो एक्सपर्ट्स है वो ज्यादा बता पाएंगे। बट जितना जल्दी बता दें डिटेल इंक्वायरी आप टाइम लो आराम से लो पूरा डिटेल करो फॉरेंसिक करो सब करो ठीक है बट प्रीिलिमिनरी अगर आप छोट कुछ छोटा जो भी है जो इंपॉर्टेंट गलती हुआ अगर हम बता दें तो वो पायलट अपने आप को रेक्टिफाई कर लेगा कंपनी रेक्टिफाई कर लेगा इंजीनियर रेक्टिफाई कर लेगा तो मनोबल बढ़ेगा हम नहीं चाहते कि कोई पायलट थोड़ा सा अंडर कॉन्फिडेंट हो के एयरपोर्ट अपने कॉकपिट में बैठे कोई कमांडर क्वेश्चन मार्क लेके दिमाग में ना बैठे उसके दिमाग में वही ना चल रहा है कि कहीं कहीं स्ट्रक्चरल प्रॉब्लम तो नहीं है?,

कोई कुछ और तो नहीं है? ऐसे क्वेश्चन मार्क नहीं होना चाहिए उसके दिमाग में। ही शुड बी परफेक्टली रेडी फॉर ड्यूटी। नहीं तो गलतियां हो सकती हैं। रिपीट हो सकता है कुछ और। तो आई पायलट हूं। मैं मैं खुद उस सिचुएशन दे के गया हूं। जब भी कोई एक्सीडेंट होता है तो हमारे दिमाग में दिमाग में बहुत चीजें चलना शुरू हो जाता है। तो उस चक्कर में कोई मेजर प्रोसीजर ना भूल जाए। ना मेजर कुछ एब्सेंट माइंड में कुछ और ना छूट जाए। तो ये सब चीजों को नजर में रख के मैं मैं आशा करता हूं कि बहुत जल्दी कमेट कुछ ना कुछ कुछ ना कुछ इंपॉर्टेंट इंपॉर्टेंट करेक्टिव एक्शन के बारे में थोड़ा बहुत कुछ बता दे तो हम हम जान पाएंगे कि क्या हुआ है,

वो वो वो जो मतलब कंफ्यूज्ड स्टेट से हमें हमें निकालना चाहिए। ये ये जो एिएशन है फ्लाइंग है पायलट से इसमें सेकंड चांस नहीं होता है। एक ही चांस मिलता है जिंदगी में। तो जब भी आप फ्लाइंग कर रहे हो पूरा फिट पूरा फिट मेंटली स्ट्रेसलेस पायलट्स सब कुछ परफेक्ट मेंटेनेंस परफेक्ट सब सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए तभी जाके फ्लाइंग करो मत तो फ्लाइंग मत करो तो आज तक बहुत अच्छा रिकॉर्ड रहा है इंडिया का इससे पहले एक्सीडेंट्स भी हुए हर देश में हुए बट हमारा रिकॉर्ड बहुत ही अच्छा रहा है,

उस मामले में नंबर ऑफ एक्सीडेंट्स के बारे में हमारा रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है भरोसा करते हैं सारे दुनिया वाले अभी थोड़ा जो भरोसा टूटा है उसको ठीक करने के लिए थोड़ा टाइम लगेगा। सब निर्भर करता है कि हमारे गवर्नमेंट और हमारे जांच एजेंसीज कितना सही से ट्रांसपेरेंसी के मैनर में कितना कितना सही से टाइमली टाइमली इंक्वायरी करके हमारे पास पहुंचे। एबीपी गंगा खबर आपकी जुबां आपकी.

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