टाटा ग्रुप ने हादसे में जान गवाने वाले लोगों के परिवार वालों को ₹1 एक करोड़ का मुआवजा दिलाने का ऐलान किया था। अब सवाल यह है कि क्या जमीन पर जान गवाने वाले मृतकों के परिवार वालों को भी ₹1 एक करोड़ का मुआवजा मिलेगा। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर हुए भीषण विमान हादसे में अब तक 274 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है,
मरने वाले में ना सिर्फ विमान में सवारते 241 यात्री और चालक दल शामिल है बल्कि हादसे के वक्त हॉस्टल में मौजूद 33 जमीनी लोग भी इसकी चपेट में आए। जिनमें छात्र, मेडिकल स्टाफ और कर्मचारी शामिल थे। कैसे हुआ हादसा? Being 7H7 ड्रीम लाइनर विमान टेक ऑफ के तुरंत बाद तकनीकी खराबी के कारण संतुलन खो बैठा और सीधे बीजे मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की इमारत पर जा गिरा। हादसे के समय कई छात्र दोपहर का भोजन कर रहे थे,
गुजरात बीजे मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि इस हादसे में उनके चार एमबीबीएस छात्रों की मौत हुई है। हॉस्टल में मौजूद 20 अन्य छात्र घायल हो गए। जिनमें से 11 को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। अब सवाल यह है कि क्या सभी को मिलेगा 1 करोड़ का मुआवजा?,
इस हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वह मृतकों के परिजनों को ₹1 एक करोड़ का मुआवजा देगा। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह मुआवजा सिर्फ विमान यात्रियों के परिवार तक सीमित नहीं रहेगा। टाटा ने स्पष्ट किया है कि जमीन पर जान गवाने वाले लोगों के परिवार भी इसके पात्र होंगे। इसके साथ ही घायलों का इलाज और लंबी अवधि तक देखभाल की जिम्मेदारी भी टाटा ने ली है,
ड्रीमलाइनर विमान के हॉस्टल पर गिरने से इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। टाटा समूह ने यह भी घोषणा की है कि वह बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की मरम्मत और पुनर्निर्माण में सहयोग देगा ताकि छात्रों की पढ़ाई और रहन-सहन पर कोई दीर्घकालिक असर ना पड़े,
जब टाटा समूह से पूछा गया कि क्या मुआवजे के अलावा मृतकों के परिजनों को नौकरी या अन्य सुविधाएं दी जाएंगी? तो एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल कुछ भी तय नहीं है। हम हालात का आकलन कर रहे हैं और जांच जारी है। इसके अलावा मृतकों के परिजन बीमा कंपनियों से लगभग ₹1 करोड़ 5 लाख तक का अतिरिक्त मुआवजा पाने के पात्र हो सकते हैं,
274 मौतें, एक विमान हादसा और एक कॉलेज हॉस्टल जो अब मलबा बन चुका है। इस हादसे ने यह दिखा दिया कि तकनीकी त्रुटियां और लापरवाहियां किस कदर निर्दोष जिंदगियों को निगल सकती हैं। अब देश की नजर प्रशासन पर है। क्या सभी वादे पूरे होंगे? क्या जमीन पर मरे लोगों को वही सम्मान और मदद मिलेगी जो हवाई यात्री के परिजनों को मिली?.