वी प्रोवाइड यू द प्लेटफार्म टू टर्न योर ड्रीम्स इनू रियलिटी। गिव विंग्स टू योर एस्पिरेशंस विद के आर मंगलम यूनिवर्सिटी। शेफाली जरीवाला का 42 इयर्स में ही मृत्यु हो गई। उनको हार्ट अटैक आया या फिर किस वजह से उनकी मौत हुई इसकी चर्चा शुरू है। शेफाली जरीारा के शव का पीएम हो चुका है। पीएम रिपोर्ट पहुंच चुका है और अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। पीएम हो चुका है। लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है आ रही है सेल्फ मेडिकेशन के वजह से शेफाली जरीवाला की मौत हुई है। ऐसी खबरें आ रही है। यह क्या होता है? इस बारे में हम,
जानना चाहेंगे डॉक्टर गौतम भंसाली जी से। गौतम जी ये सेल्फ मेडिकेशन क्या होता है? सेल्फ मेडिकेशन का अब अगर आप सिंपल भाषा में मतलब समझे तो मरीज अपनी मर्जी से दवाइयां खाता है। चाहे वह बुखार की गोली खाता हो, चाहे वो एंटीबायोटिक खाता हो, चाहे वो विटामिन की गोलियां खाता हो, चाहे वो रिंकल फ्री होने के लिए एंटी एजिंग होती है, डायबिटीज की मेडिसिंस होती है, वजन कम करने की मेडिसिंस होती है। जो मरीज अपनी मर्जी से ओवर द काउंटर जाके दवाइयां लेता है या ऑनलाइन मंगवा लेता है। बिना डॉक्टर के प्रिस्रिप्शन के बिना डॉक्टर को,
दिखाए जो दवाइयां खुद अपनी मर्जी से खाते हैं उसको सेल्फ मेडिकेशन कहा जाता है। ये कितना खतरनाक हो सकता है बिना डॉक्टर की सलाह से मेडिसिन खाना? सेल्फ मेडिकेशन बहुत ही ज्यादा खतरनाक चीज है। चाहे वो सिंपल पैरासिटामॉल है वो भी अपनी मर्जी से नहीं खानी चाहिए। सीवियर गैस्टाइटिस कर सकता है। ब्रूफेन की गोलियां लोग बीच में इतना खा रहे थे। सबको किडनी की प्रॉब्लम होना शुरू हो गया अधिकतर मरीजों को। सो ये बहुत ही डेंजरस होता है डॉक्टर की सलाह के बिना क्योंकि डॉक्टर को पता होता है कि किस मेडिसिन का क्या साइड इफेक्ट है। आपके,
कौन सा ऑर्गन वेदर ये लीवर है या किडनी है या कोई और ऑर्गन को डैमेज तो नहीं कर रही है। लोग बीपी की दवाइयां अपनी मर्जी से कई बार खाते हैं लेकिन उस दवाई का भी अलग-अलग चीजों में अलग-अलग इफेक्ट है। साइड इफेक्ट भी है। सो बिना डॉक्टर की प्रिस्रिप्शन बिना डॉक्टर की जांच के अपनी मर्जी से दवाइयां नहीं खानी चाहिए। एंटी एजिंग की दवाइयों की बात हो रही है। एंटी एजिंग दवाइयां कब ली जाती है और क्या क्या उसका उपयोग होता है? सो आज की तारीख में एक नया फैशन चला हुआ है मार्केट के अंदर और स्पेशली बॉलीवुड या जो हाई प्रोफाइल लोग,
हैं, जो सेलिब्रिटी टाइप के लोग हैं या जो रिच क्लास है या अपर मिडिल क्लास के लोग भी हैं। उनमें एक फैशन चला हुआ है कि मुझे 40 का दिखना। 60 वाला जो है वह 40 का दिखना चाहता है। बट उनको यह नहीं मालूम है कि 40 इज़ नेक्स्ट 60 नाउ। आप 40 दिखना चाहते हो। बट जो 60 साल की उम्र में हार्ट अटैक आता था अभी 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक आने लग गया है। डायबिटीज की दवाइयां या डायबिटीज से ज्यादा पतला होने की दवाइयां लोग अपनी मर्जी से कोई ओजेंपिक मेडिसिंस मोंजे इंजेक्शन से वह प्रॉपर डॉक्टर को दिखा करके अगर प्रॉपर इंडिकेशन,
है तो ही लेना चाहिए। अपनी मर्जी से कि मेरा वजन बहुत जल्दी कम हो जाएगा। एक महीने में 10-10 किलो लोग वजन कम करने पर लगे हुए हैं। यह बहुत ही घातक है, नुकसानदायक है। जानलेवा भी साबित हो सकता है और हो भी रहा है। एंटी एजिंग का हार्ट पर क्या असर होता है? एंटी एजिंग मेडिसिन से जनरली हार्ट के ऊपर डायरेक्टली इफेक्ट नहीं पड़ता है। बट यस आप भूखा पेट कई बार दवाई खाते हो। आप लंबे टाइम तक फास्टिंग में रहते हो और ओवरडोज मेडिसिन लेते हो तो आपका बीपी फ्लक्चुएट हो सकता है। बीपी बहुत कम हो सकता है। बीपी हाई हो सकता है।,
अगर बीपी बहुत कम होता है तो हार्ट में ब्लड फ्लो कम होता है। हार्ट के मसल्स को ब्लड मिलने में तकलीफ आती है। नहीं मिल पाता है और हार्ट अटैक आ सकता है। डॉक्टर साहब विसेरा रिपोर्ट कितना अहम होता है? क्या उससे मौत कैसे हुई है? यह पता चल सके। सो कोई भी पेशेंट होता है जो मेडिसिन की वजह से हो, चाहे पोइजनिंग की वजह से हो, चाहे वो एक्सीडेंटल केसेस हो, हर पेशेंट में विरा, फॉरेंसिक जांच, पोस्टमार्टम होता है और वो काफी कुछ एनालिसिस करके मालूम पड़ता है कि क्या कंज्यूम करने की वजह से उनकी पेशेंट की डेथ होती है या क्या कारण है। हार्ट में,
अटैक, हार्ट की वेसल्स वगैरह कैसी थी। उसकी वजह से विषा रिपोर्ट बहुत अहम होती है। उससे मौत की पता चल जाता है यानी किस वजह से हुई है। जी जी जी उसमें काफी कुछ इंडिकेशंस मिल जाते हैं। काफी पता लग जाता है कि क्या कारण है जो बॉडी पे इफेक्ट हुआ है या क्या चीज कंज्यूम किया गया है या क्या चीज लिया गया है या क्या चीज थी जिसकी वजह से मरीज को नुकसान हुआ है। अह बहुत-बहुत शुक्रिया। शेफाली जरीारा की मौत कैसे हुई इस बारे में जो भी चर्चा है, जो भी बातें हैं, उससे डॉक्टर साहब से जानने की कोशिश की.