अमिताभ बच्चन के भाई का हालत देखकर रो देंगे, मुंबई पहुँचे भाई को भगा दिया…

स्वीकार कहां से करेंगे और उनसे मुझे कुछ नहीं चाहिए सबको करोड़पति बना देते हैं अपने भाई को इस तरह से बना दिया जी आप आप टीवी में देखते होंगे आप भी देखते होंगे पत्रकार जी कि टीवी में जो है करोड़पति बनाते हैं सबको ना लेकिन बाहु पट्टी वालों को भिखारियों की तरह जो है छोड़ दिया है एकदम अनाथ की तरह छोड़ दिया है अपने गांव को ही भूल गए हैं अपने गांव को भूल गए जबकि बाहु पट्टी वाले उनसे कुछ नहीं मांग रहेगा मां होती है व मां को भूल गए हैं को भूल गए उस धरती को भूल गए और साथ-साथ अपने पिता के जो धरोहर थी उस धरोहर को भी भूल गए वो कोई नहीं ऐश्वर्या राय जी अमिताभ बच्चन की बहु है उन्होंने कहा था कि मैं सबको लेकर आऊंगी लेकिन वो आज तक ना ऐश्वर्या राय जी आई ना कोई आया ना कोई [संगीत] आया सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के पत्रिक गांव में है जी हां आप देख सकते हैं हरिवंश राय बच्चन स्मारक पुस्तकालय जो उनके पिता जी के याद में बनवाया गया है.

बाबू पट्टी प्रतापगढ़ में आज इसकी जो हालत है वो खंडार हो गई अच्छा आप उम्मीद करके गए थे अमिताभ बच्चन जी मिलेंगे जी हां उम्मीद करके गए थे उन्हीं के लिए गए थे और बड़े उससे गए थे कि अंताप जी से मिलकर हम लौटेंगे लेकिन वह सफल नहीं हुआ एक एक कहानी सुने हैं आप जानते हैं श्री कृष्ण भगवान सुदामा जी हां जब व अपने मित्र से मिलने जाते हैं तो उनका मित्र कृष्ण उन्हें गले लगा लेता है श्री कृष्ण अमीर रहते हैं सुदामा गरीब रहते हैं लेकिन अमिताभ बच्चन गरीब अमीर हैं आप गरीब हैं तो क्या लगता है कि आपको श्री कृष्ण ने स्वीकार नहीं जी हां श्री कृष्ण ने मुझे स्वीकार क्या श्री कृष्ण ने मुझे देखा नहीं तो स्वीकार कहां से करेंगे क्योंकि जब कोई मित्र पहुंचता है जैसे आपने एक एग्जांपल दिया कि कृष्णा और सुदामा का एग्जांपल दिया ना तो सुदामा दरवाजे पर पहुंचे और पहुंचने के बाद कृष्ण से मुलाकात नहीं हुई और मैं इस बात से बहुत दुखी था वहीं पर बैठे-बैठे मुझे बड़ा दुख ही हुआ जब वो चले गए तो मुझे बड़ा दुख हुआ कि क्या बताएं उतनी दूर से चल कर के हम किसी तरह यहां पहुंचे.

इनके पास और उसके बाद इनका दर्शन भी नहीं हो पाया तो बातचीत तो दूर है कैसे-कैसे गए थे कैसे-कैसे पहुंचे थे क्या-क्या कुछ घटनाक्रम थोड़ा सा बताइए कारण यह है कि मेरा भाई वहां पर बबे में हम रहता था मैं अपने भाई के पास गया था भाई से पूछा हमने कि अमिताभ बच्चन जी का मकान कहां है तो भाई मेरा ले गया वहां पर गए और वहां पर जुहू पड़ता है जूहू के किनारे वाले मकान पर मैं गया था जो जूह नहीं चौपाटी जूह चौपाटी वाले अमिताभ बच्चन जी के घर तो वही उसी मकान पर मैं पहुंचा था तो वहां पर जब मैं पहुंचा तो दो आत्मन वहां पर बैठे हुए दिखाई दिए तो मैंने कहा कि भाई साहब नमस्कार नमस्ते किए थे आप जी हां मैंने कहा भाई साहब नमस्कार तो थोड़ा मैं टट फ टाइट था अच्छा जीभी अमिताभ बच्चन के भाई तो थे ही और पहना पहनाए वगैरह भी दूसरे थे हा अमिताभ बच्चन तरह लग रहे थे कि गए थे नहीं अरे यार फिर वही बात किया पत्रकार जी आप वो बात कीजिए जो मतलब की थोड़ा सा अपने आप में शूट करती हो क्या बात है क्या बात है आप बताइए दर्शको सचाई बताइए सच्चाई ये है कि मैं मेंटेन हा होकर उनके पास गया था हा लग रहे थे.

अमिता बच्चन जी के भाई है जी हां और उसके बाद जब मैं पहुंचा वहां पर तो देखा यह दृश्य देखा कि अंदर जो है मतलब बहुत बड़ी बाउंडी थी बाउंडी के अंदर कालीन बिछी हुई थी कालीन बिछी हुई थी वहां गाड़ियां खड़ी हुई थी वामन से बारबार रिक्वेस्ट किया हमने हमने कहा यार मिला दो भाई अगर कुछ लेना चाहो तो ले भी सकते हो मुझसे मैंने ये भी कहा कि अगर आप कुछ लेना चाहो तो मुझ से ले भी घस घूस जी हां कुछ भी लेना चाहो तो आप ले सकते हो किसी रूप में ले सकते हो आप चाहे मित्रता के रूप में चाहे जिस रूप में लेकिन एक बार मिलवा दो यार इतनी दूर आया हूं परेशान हो कर के हैं 24 घंटे का रास्ता है इतनी परेशानी से मैं आपके पास पहुंचा हूं और साथ साथ जो है मतलब की मुलाकात ना हुई तो समझ लीजिए कि मैं बड़ा दुखी हो जाऊंगा और दुखी होकर वापस चला जाऊंगा फिर क्या होता है.

फिर क्या होता है फिर उसके बाद फिर वापस चले आए मिलने नहीं देते हैं वहां बताया उन्होंने मैंने बताया क्या कहा कि यहां पर कोडवर्ड एक होता है उनका अगर कोडवर्ड होता आपके पास तो जरूर आपकी मुलाकात उनसे हो जाती कोडवर्ड नहीं था आपका लेकिन मेरे पास नहीं था उस आपके भाई हैं और आपको कोडवर्ड ही नहीं दी अब बताइए जब मुलाकात ही कभी नहीं हुई अभी पास से दर्शन भी नहीं हुआ जै आप जैसे आप खड़े हैं और मैं खड़ा हूं जब एकदम पास से नजदीक से कोई दर्शन ही नहीं हुआ आपका तो बात कैसे करूं आपसे अच्छा आपका मन करता है कि कभी बुलाए अमिताभ बच्चन जी के और आप मिले कभी बारबार इच्छा होती है कि अमिताभ अमिताभ बच्चन जी यहां आवे या वहां बुलावे हम अगर वहां भी बुलाते हैं तो वहां भी मैं जाने के लिए तैयार हूं हम आज अगर बुलावे आज उनका संदेश आ जाए ना मोबाइल नंबर है उनके ना कोई नंबर है हमारे पास मैं उनसे बात कर सकूं हैं अगर बुलाते हैं आज भी बुलावे मैं सुबह तैयार हो कर के निकल जाऊंगा उनके उनसे मिलने के लिए मेरी इतनी हार्दिक इच्छा है मिलने की और उनसे मुझे कुछ नहीं चाहिए.

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