बॉलीवुड फिल्मों की गिरती कमाई का रीजन पहले तो स्टार सिस्टम को बताया जा रहा था कि आखिर स्टार सिस्टम की वजह से कैसे फिल्में खराब बन रही है यह एक्टर और कोई नहीं बल्कि अभिषेक बैनर्जी है जिन्हें हम स्त्री में देख चुके हैं अभिषेक एक कास्टिंग डायरेक्टर है और खुद एक एक्टर भी है उन्होंने बताया कि जो स्टार सिस्टम है इसकी वजह से फिल्मों की कास्टिंग पर बहुत असर पड़ता है कई बार जब फिल्मों में किसी स्टार को कास्ट कर लिया जाता है तो फिर जो साइड एक्टर्स के रोल है उनके लिए प्रोड्यूसर्स के पास बजट ही नहीं बचता है इनफैक्ट जो साइड एक्टर्स है यानी कि जो सपोर्टिंग स्टार कास्ट है उनको स्टार के बॉडीगार्ड उसके हेयर ड्रेसर उसके मेकअप मैन से भी कम सैलरी दी जाती है.
और यही एक मेन रीजन है कि स्टार और उसका पूरा जो स्टाफ है वो इतना पैसा खा जाता है फिल्म का कि अच्छे एक्टर्स को फिल्म में नहीं ले सकते हैं सपोर्टिंग कास्ट में अगर हम अच्छे एक्टर्स को लेते हैं तो उन्हें फीस ठीक देनी पड़ करती है लेकिन प्रोड्यूसर से सारा पैसा तो स्टार ही ले जाता है ऐसे में सपोर्टिंग कास्ट के लिए उतना पैसा नहीं बचता है फिर प्रोड्यूसर हमें कहता है कि कोई सस्ता एक्टर लेकर आओ हम सस्ता एक्टर ढूंढते हैं तो उसे काम ठीक से नहीं आता है और इस तरह से फिल्में खराब बनती है फिल्म में जितनी जरूरत स्टार की है उतनी ही जरूरत एक अच्छे सपोर्टिंग स्टार कास्ट की भी है.
लेकिन इस स्टार सिस्टम की वजह से कास्टिंग ठीक से नहीं हो पाती और यहीं से चीजें बिगड़ने शुरू हो जाती है अभिषेक बैनर्जी ने बताया है कि कई ऐसी फिल्में हैं जहां पर स्टार के सिक्योरिटी वाले को स्टार के हेयर ड्रेसर और मेकअप मैन को दूसरे सपोर्टिंग एक्टर से ज्यादा पैसा दिया गया है अभिषेक बैनर्जी का कहना है कि स्टार की फीस कम करो और वह जो पैसा बचता है वह अच्छी सपोर्टिंग स्टारकास्ट अच्छे राइटर्स पर इन्वेस्ट करो तो कहानी खूबसूरत बनेगी यही कारण है कि पिछले कुछ समय में हमने फिल्में देखी जहां पर स्टार तो बहुत बड़े-बड़े थे लेकिन उन फिल्मों में कहानी के नाम पर कुछ भी नहीं था सपोर्टिंग स्टारकास्ट के नाम पर कुछ भी नहीं था ऐसे में फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम से गिरी.