शर्मिष्ठा पनोली को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुनायी खरी खरी, बोलने की आज़ादी पर पढ़ाया पाठ..

कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। यह मामला जस्टिस पार्थ सारथी चैटर्जी की पीठ ने सुना। कोर्ट ने शर्मिष्ठा को फटकार लगाते हुए कहा। यह वीडियो सोशल मीडिया पर बनाया गया था। इसे सुना गया। इस घटना ने कुछ लोगों की भावनाओं को आहत किया है। देखिए हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप दूसरों को चोट पहुंचाएं। हमारा देश विविधताओं से भरा है। विभिन्न जाति, धर्म और समुदाय के लोग यहां रहते हैं। ऐसे मामलों में सावधानी जरूरी है। परसों सुनवाई हो जाएगी। आसमान नहीं.

टूट पड़ेगा। यह बात कोर्ट ने परसों अगली सुनवाई की तारीख देते हुए कही। आपको बता दें कि शर्मिष्ठा पनौली ने हाई कोर्ट में जमानत के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट द्वारा 14 दिन की न्यायिक हिरासत के आदेश को भी चुनौती दी थी। उनके वकील ने दलील दी कि एफआईआर में जो आरोप हैं वह गैरसंगे यानी नॉन कॉग्निजिबल हैं। इसलिए बिना नोटिस के गिरफ्तारी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अवैध है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से पेश सरकारी वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पनौली और उनके परिवार को नोटिस भेजा गया था। लेकिन वह.

गुरुग्राम भाग गए जिससे नोटिस की तामीर नहीं हो सकी। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया और वहीं की मैजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया। जहां 3 दिन की पुलिस रिमांड दी गई। फिर उन्हें कोलकाता लाया गया। जहां ट्रायल कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। सरकारी वकील ने यह भी बताया कि ट्रायल कोर्ट पहले ही पनौली की जमानत याचिका पर विचार कर चुका है और उसे खारिज कर दिया गया है। आपको बता देते हैं कि यह पूरा मामला आखिर है क्या? शर्मिष्ठा पनोली जो कि पुणे की सिमबायोसिस लॉ स्कूल की छात्रा.

हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर नामक ट्रेंड के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्म, Instagram और एक्स पर एक वीडियो और कुछ पोस्ट किए। जिनमें कथित तौर पर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही गई थी। इस पर उन्हें तीखी आलोचना झेलनी पड़ी जिसके बाद उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिए और एक्स पर माफी भी मांगी। इस सब के बाद भी उनके खिलाफ 15 मई 2025 को एफआईआर दर्ज हो गई और 17 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ। उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया और कोर्ट में पेश किया गया। अब वो न्यायिक हिरासत में हैं और जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंची थी। अब यह,

मामला अगली वेकेशन बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। आगे शर्मिष्ठा का केस क्या रुख लेता है इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। आपको हाई कोर्ट का फैसला कैसा लगा हमें कमेंट्स में जरूर बताएं.

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