रोहन ठक्कर के साथ अंशुला कपूर की सगाई तय हो गई..

बोनी कपूर के घर शादी की शहनाई बजने वाली है। बोनी की बेटी ने सगाई कर ली है। सगाई और रोका की तस्वीरें सामने आई हैं। जी हां, कपूर परिवार में बहुत जल्द शहनाई बजने वाली है। जानवी खुशी और अर्जुन कपूर की लाडली बहन अंशुला कपूर ने अपने बॉयफ्रेंड रोहन ठक्कर के साथ इंटिमेट फंक्शन में सगाई कर ली है। अंशुला की इंगेजमेंट का फंक्शन उनके पापा बोनी कपूर के बांद्रा में बने बंगले पर हुआ,

इस फंक्शन में पूरा कपूर खानदान शामिल हुआ। अब गोवर्धना यानी इंगेजमेंट सेरेमनी की तस्वीरें अंशुला ने अपने Instagram से शेयर की हैं। अंशुला ने भाई अर्जुन, बहन जानवी, खुशी और अपने पिता बोनी कपूर के साथ कई खूबसूरत पिक्चर्स शेयर की हैं। इन खूबसूरत पिक्चर्स में सोनम कपूर, शिखर पहाड़िया, शनाय कपूर और रिया कपूर भी नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में अर्जुन कपूर अपने होने वाले जीजा रोहन ठक्कर का टीका करते हुए दिखाई दे रहे हैं,

वहीं एक दूसरी तस्वीर में वो अपनी बहन अंशुला का हाथ थामे हुए काफी इमोशनल नजर आ रहे हैं। वहीं कई पिक्चर्स में बेटी की सगाई पर बोनी कपूर काफी खुश दिखाई दे रहे हैं। एक फोटो में वो अपनी बेटी और होने वाले दामाद के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। वहीं दूसरी पिक्चर्स में वो अपनी लाडली अंशुला संग डांस करते हुए भी नजर आ रहे हैं। एक फ्रेम में बूनी अपने सभी बच्चों अर्जुन, अंशुला, जानवी और खुशी के साथ होने वाले दामाद रोहन ठक्कर संग पोज़ देते नजर आ रहे हैं,

वहीं तस्वीरों में खुशी और जानवी की भी कई फोटो हैं। एक फोटो में खुशी और जानवी अंशुला के साथ खूब खुश दिखाई दे रही हैं। वहीं दूसरी तस्वीर में दोनों अपने होने वाले जीजा रोहन ठक्कर के साथ पोज़ देती हुई नजर आ रही हैं। अंशुला अपनी सगाई में दिवंगत मां मोना शौरी को भी याद करते हुए नजर आई। उन्होंने अपने पास में एक चेयर पर अपनी दिवंगत मां मोना की एक फ्रेम की हुई तस्वीर रखकर उन्हें याद किया,

अपने कैप्शन में अंशुला ने बताया कि इस खास मौके पर उन्हें अपनी मां की मौजूदगी का एहसास हो रहा था। फंक्शन में अंशुला ने पर्पल कलर का लहंगा पहना जिसमें वो बहुत सुंदर लग रही थी। इन फोटोस को शेयर करते हुए अंशुला ने लिखा, “यह सिर्फ हमारा गोरधना नहीं था बल्कि हर छोटी-छोटी बात में झलकता प्यार था। रोके पसंदीदा शब्द हमेशा से हमेशा और हमेशा के लिए रहे हैं और आज वह सबसे प्यारे तरीके से सच्चे लगने लगे,

उसका प्यार मुझे यकीन दिलाता है कि परियों की कहानियां सिर्फ किताबों में नहीं बल्कि ऐसे पलों में जिंदा रहती हैं। हंसी, गले लगना, दुआओं और उन लोगों से भरा कमरा जो हमारी दुनिया को भराभरा महसूस कराते हैं और फिर मां का प्यार। चुपचाप हमें अपने आगोश में ले लेता है। उनके फूलों में, उनके शब्दों में, उनकी सीट पर जिस तरह से उनकी मौजूदगी अब हर जगह महसूस हो रही थी। मुझे बस इतना याद है कि मैं इधर-उधर देखती और सोचती कि हमेशा के लिए ऐसा ही महसूस होना चाहिए.

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