एक बूढ़े जो के कंधों पर अपने दौर के सबसे खूंखार विलेन को देखना शायद किसी के लिए भी दिल तोड़ने वाला हो सकता है बैड के सहारे इधर-उधर बढ़ते कदम जो की स्पीड और हफ्ता शरीर यह बताने को काफी है कि शेर अब पूरा हो चुका है कल फिल्म डायरेक्टर सावन कुमार का निधन हो गया था सावन कुमार व है जिन्होंने सनम बेवफा सावन और लैला जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई आज अपनी सावन का अंतिम संस्कार था.
जिसमें कोई भी यंग स्टार नहीं पहुंचा बल्कि यहां अपने अपने दौर के कई दिग्गज एक्टर डायरेक्टर नजर आए इन सबके बीच सबकी निगाहें प्रेम चोपड़ा पर आकर टिक गई जो चांसेस साल के होने के बावजूद भी यहां सावन कुमार को श्रद्धांजलि देने पहुंच गए बेटा होने के बावजूद भी जब प्रेम चोपड़ा को सहारे की जरूरत पड़ी तो ने विकी कौशल के पिता श्याम कौशल ने सहारा दिया दोनों आपस में बात करते हुए चले आ रहे थे यह वह कलाकार हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा को अपने कंधों पर उठाकर इस मुकाम तक पहुंचाया है प्र उड़ा के दमदार रोल भला कौन भूल सकता है.
उस दौर में विलेन ताकत से नहीं बल्कि अपनी एक्टिंग से खुद को बड़ा विलेन साबित करते थे उन्हें खूंखार होने के लिए बॉडी बनाने की जरूरत नहीं थी डराने के लिए उनकी आंखें और चेहरे के हाव-भाव भी काफी दे प्रेम चोपड़ा वह एक्टर है जिन्होंने वाकई में विलेन होने का मतलब समझें है अमरीश पुरी के बाद अब प्रेम चोपड़ा ही बचे हैं हालांकि जिंदगी का सच तो यही है जो आया है वह जरूर जाएगा भी लेकिन फर्क सिर्फ इस बात का है कि वह अपने पीछे क्या विरासत छोड़कर जाएगा प्रेम चोपड़ा ने अपनी विरासत खड़ी करती है उन्होंने हिंदी सिनेमा को बहुत कुछ दे दिया है उनका एहसान कभी उतारा नहीं जा सकेगा हम इश्वर से प्रार्थना करते हैं कि प्रेम चोपड़ा अब इस साल और दीजिए और अपनी खुशनुमा जिंदगी बिताएं फिलहाल प्रेम चोपड़ा के लिए आपके करेंगे अब यह हमें कमेंट पर दीजिए और ज्यादा से अपडेट्स के लिए.