सर मैं ये पूछना चाहता हूं बहल साहब इससे पहले जो एक्सीडेंट्स हुए हैं हुए हैं बोइंग के भी हुए हैं दूसरे जहाज के हुए कि नहीं हुए मुझे नहीं पता। इनकी जांचों में क्या निकला है? कभी जहाज की गड़बड़ी निकली है? कई बार जहाज की गड़बड़ी भी निकली है। टेक्निकल फॉल्ट्स भी निकले हैं। ह्यूमन एरर के बाद टेक्निकल डिफेक्ट एक नेक्स्ट सबसे बड़ा कॉज माना जाता है। उसके बाद आता है बर्ड हिट बर्ड्स का। अब अगर इसमें एक चीज मैं कहना चाहूंगा कि जैसे जहाज एडवांस होते हैं तो उनके बैकअप सिस्टम्स भी बढ़ते हैं। लेकिन साथ-साथ में क्या होता है?,
ये जहाज जो है कहते हैं थ्योरेटिकली ये टेक ऑफ भी कर सकते हैं और लैंड भी कर सकते हैं थ्योरेटिकली। अपने आप अपने आप मतलब इतनी इसमें ऑटोमेशन आ जाती है। लेकिन प्रॉब्लम क्या आती है कि जिस मशीन है किसी दिन फेल हो जाए। तो पायलट इज द ओनली पर्सन जो इस जहाज को वापस लेके आ सकता है या वापस उसको कोई भी इमरजेंसी कंडीशन के अंदर उस पे करेक्ट एक्शन ले सकता है,
तो पायलट को हर टाइम और जैसे-जैसे ऑटोमेशन बढ़ती है वैसे-वैसे पायलट की प्रैक्टिस और चाहिए होती है सिमुलेटर्स के अंदर। इसी वजह से पायलट्स को भेजा जाता है पीरियडिकली। थ्योरेटिकली ये जहाज अपने आप भी टेक ऑफ कर सकता था बिना पायलट के मदद से। थ्योरेटिकली। अब एक चीज और मैं इस पे कहना चाहूंगा जो वो बात कर रहे थे कि वार्निंग सिस्टम्स अब इनके अंदर वार्निंग सिस्टम्स बहुत है,
अगर फ्लैप्स उसने नहीं लोअर किए टेक ऑफ करे ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि फ्लैप्स अगर नहीं लोअर किए होते और उसने थ्रोटलल खोला होता इतनी सारी वार्निंग शुरू हो जाती है। रेड लाइट्स ब्रिंग करती हैं। आपको जोर का हॉर्न आ जाता है कि आपकी कॉन्फ़िगरेशन जो है इस समय मीट नहीं कर रही और आप जहा आप टेक ऑफ नहीं कर सकते। ये आपको एयरक्राफ्ट ही बता देता है। उसके ऊपर भी ओवराइड कर सकता है,
पायलट लेकिन कोई भी नहीं करेगा ऐसी सिचुएशन में और वो तो इमीडिएटली हो जाएगा। जो प्रॉब्लम वेस्टर्न वाले बता रहे हैं वो थोड़ी सी अलग है। वो चाहते हैं कि ब्लेम पायलट पे आए तो शुरू से कह रहे हैं कि टेक ऑफ करने के बाद अंडर कैरेज को रिट्रैक्ट करने की जगह गलती से पायलट ने फ्लैप को रिट्रैक्ट कर दिया है। वो उस पे जोर डाल रहे हैं। ये तो अभी पता चल जाएगा जब इंक्वायरी होगी और सारा सच का सच बाहर निकल,
नहीं एक और ये अस्यूम कर रहा है कि ये इतनी बेसिक गलती कोई पायलट कर देगा। ये ये मुझे तो प्रिटीजेस दिखाई देता है इसके अंदर। सर सॉरी एक ऐड करूंगा पॉइंट। कि जो लोकेशन है फ्लैप की और जो उसकी है अंडर कैरज की दोनों की लोकेशन इतनी है कि आप हाथ यहां पर कोई स्विच यहां पर करेंगे आप तो हाथ यहां का यहां जाएगा। यहां नहीं आएगा। अब्सोलुटली। आपको जो चीज़ यहां से ऑपरेटर कैरेज मतलब नीचे जो है,
इंट्रैक्ट करने का बटन वो कहां होता है? जी वो नॉर्मली नीचे इधर होता है तो ईजी होता है आप करते हैं और के लिए रूल है ऊपर है उसके बीच में अब इसमें कैसे गलती हो जाएगी 2 2ाई फीट का अंतर है कम से कम कोई आजूबाजू में नहीं है वो कोई मतलब आपका हाथ जाएगा कहीं और जाएगा तो आपको ग्रिप है ग्रिप आप पकड़ेंगे आपको माउंट पड़ जाता है फील कर जाते हैं आप बिल्कुल मतलब नॉनसेंस बात है ये कहना है कि पायलट ने इसकी जगह ये दबा दिया कोई बात नहीं,
मतलब वही सोशल मीडिया पे अट्रैक्शन के लिए वो अपना बड़े उनके बड़े सीनियर एिएशन एक्सपर्ट्स पायलट्स ये बात कर रहे हैं तो थोड़ा सा मेरे ख्याल से हमें हमारे यहां लोग उनके इंटरव्यू भी कर रहे हैं और कंट्रोल्स भी डुप्लीकेट होते हैं तो मतलब पायलट कोपायलट जनरली आर डूइंग सर मैं एक और इस जहाज के बारे में बता दूं एक्सटेंडेड ईटीपीस एक्सटर्डेड रेंज जिसका आपने जिक्र भी किया था कल मैं सुन रहा था तो एक्सटर्नल रेंज ऑपरेशंस के लिए इसको क्लियर किया गया रूल ये है कि एफएफए एफए जो है फेडरल ये अमेरिका अमेरिकन जो इंस्टिट्यूट है,
उन्होंने इसको क्लियर किया था कि भाई आप एक्स्ट्रा रेंज के लिए टू एयर टू इंजन के साथ क्लियर हो रूल क्या है कि 2 घंटे जो जहाज कर सकता है वो ये जहाज 6 घंटे कर सकता है अपने आप अपने आप दो इंजन लगातार 2 घंटे तो पानी के ऊपर ओवरसी वाटर कर सकता है तो मैं थ्योरेटिकली देखेंगे जहाज इज़ वंडरफुल एयरक्राफ्ट और यही रीज़न है कि इतने सालों में हमें कोई एक्सटेंट इसको सुनाई नहीं पड़ रहा था निश्चित रूप से जो बाकी मेंटेनेंस है जिसमें कि अब ये ग्रे एरिया है हिंदुस्तान का कि यहां पर जो मेंटेनेंस के जो स्टैंडर्ड्स हैं वो थोड़ा सा कंप्रोमाइज किए हुए हैं जो कि अगर 100 के उसमें मैं एक रिपोर्ट पढ़ रहा था.