बतौर गायक कलाकार मोहन जोशी को आपने बॉलीवुड की तमाम बड़ी फिल्मों में देखा होगा और उनके अपने से आप भी प्रभावित कोई नी मोजडी की बात करें तो यह शुरुआत में मराठी फिल्मों का हिस्सा बने लेकिन साथ 1992 में फिर जागृति इनकी हिंदी सिनेमा की फिल्म थी और इस फिल्म को करने के बाद वह की जो सीट कभी पीछे मुड़कर नहीं देखें।
आने वाले समय में वह तमाम मराठी व हिंदी सिनेमा की फिल्मों का हिस्सा बनते गए और उन्होंने अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान काफी नाम और शोहरत भी कमाया खैर मौजूदा दौर की बात करें तो आज भले ही मोहन जोशी की एक गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं आज उनकी कोई भी हिंदी सिनेमा की फिल्म भले ही आती हो लेकिन वह लगातार मराठी सिनेमा की कई सारी बड़ी फिल्मों का हिस्सा बन रहे हैं मोहन जोशी वैसे बॉलीवुड के उन चुनिंदा कलाकारों में से एक है जो आज भले ही इंडस्ट्री से दूर है।
उन्होंने 70 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया और उनकी कुछ मराठी फिल्मों में कई साल ऐसी फिल्में हैं जिन फिल्मों की खुमारी आज भी तो रोकता है शुरुआती दौर में क्षेत्र में करने के बाद साथ 1992 में जागृति उनकी पहली हिंदी सिनेमा की फिल्म आती है और इस फिल्म को करने के बाद मोहन जोशी की कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं हालांकि आने वाले समय में उन्हें कई सारी और मराठी व हिंदी सिनेमा की फिल्में की।लेकिन साल 1994 में आई फिल्म भूकंप ने उन्हें एक नया मुकाम दिया और बताया जाता है कि इस फिल्म में उनके किरदार की जमकर तारीफ हुई थी 1994 में अधिकारी ब्रदर्स गौतम अधिकारी और मकर अधिकारी ने उन्हें बॉलिवुड फिल्मों का ऑफर की थी जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया और उन्होंने इस फिल्म में खलनायक अक्षर तय करता किरदार भी निभाया था।यह बालों में खलनायक के रूप में उस दौरान काफी ज्यादा चर्चाओं में आ गए थे और उनके खिलाफ कि सफर की शुरुआत भी हो चुकी थी और इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा की कई सारी ऐसी फिल्में हैं इन फिल्मों में उन्होंने खलनायकी का अपना परचम लहराया और वह बहुत ही कम समय बॉलीवुड के प्रसिद्ध खिलाड़ी को में से एक बन गए वैसे देखा जाए मोहन जोशी ने अपने शानदार फिल्मी सफर के दौरान हिंदी सिनेमा की कई सारी बड़ी फिल्मों में काम किए और उनके हर किरदार को जमकर पसंद भी किया गया लेकिन अचानक से उन्होंने बॉलीवुड में काम करना बंद हुआ था और उसके बारे में जब एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया तो उन्होंने इसके पीछे का कारण बताया इस दौरान मोहन जोशी बताते हैं कि मैंने हिंदी फिल्मों में काम करना बंद कर दिया।बॉलीवुड आज रिश्तेदारों से भरा हुआ है बहुत से नए लोग हिंदी फिल्मों में अभिनय कर रहे हैं बहुत सारे समूह और शिविर है मेरे जैसे अभिनेताओं के लिए वहां कोई भी जगह नहीं है जो किसी समूह से संबंधित रही है ताकि आजकल हीरो विलेन का रोल करता है इसलिए हमारे लिए कोई काम बचा ही नहीं है मैंने कई भोजपुरी फिल्मों में काम भी किया है और मुझे यह भाषा बहुत प्यारी लगती है और भोजपुरी फिल्मों में काम करने का मजा भी आता है तो ऐसे में दोस्तों आप भी समझ सकते हैं कि मोहन जोशी जो बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के एक शानदार कलाकारों में से एक थे आज वह इंडस्ट्री से बिल्कुल गायब हो चुके हैं और हिंदी सिनेमा की वह बहुत ही कम फिल्मों में नजर आ रहे हैं।हालांकि मराठी और भोजपुरी फिल्मों का हिस्सा जरूर बन रहे हैं यह आपको इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि मोहन जोशी अगर अपने ट्रांसपोर्ट का बिज़नस बात नहीं करते तो शायद आज जितने बड़े कलाकार वह नहीं बन पाते तो तूने आठ सालों तक ट्रक चलाया और एक हफ्ते के बाद उन्हें अपनी इस बिजनेस को बंद करने का फैसला किया था और उनका फैसला सही भी साबित को खैर जैसे मर्जी रहो लेकिन मोहन जोशी को आज भी लोग बहुत ज्यादा प्यार करते हैं आज इंडस्ट्री से बिल्कुल गायब ही हो चुकी हैं।