फिल्म इंडस्ट्री में करप्ट सिस्टम के चलते एक फिल्म मेकर ने ऐसा कदम उठाया है कि सभी हैरान रह गए हैं आपको बता दें कि जब एक फिल्म बनती है तो अलग-अलग डिपार्टमेंट से एनओसी लेनी पड़ती है यानी कि नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जिसमें से एक एनओसी आपको उस बात के लिए भी लेनी पड़ती है कि अगर आपने फिल्म में किसी भी जानवर का इस्तेमाल किया है किसी भी जानवर को दिखाया है तो आपको उसके लिए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से एनओसी लेनी पड़ती है वहां से क्लीयरेंस मिलेगी तभी आपकी फिल्म अगले लेवल पर जाएगी।
बस इस एनिमल वेलफेयर वालों से ही ये फिल्म मेकर परेशान है इस फिल्म मेकर का कहना है कि ये पूरे करप्ट हैं ये किसी भी फिल्म को एनओसी देने के लिए बहुत ज्यादा मोटा पैसा ले रहे हैं अगर आपने अपनी फिल्म में एक मुर्गी दिखाई है या फिर गाय को गांस खाते हुए भी दिखाया है तो उसकी एनओसी के लिए भी यह 30 हज जैसी मोटी रकम वसूलते हैं ये बिना पैसा खाए एनओसी दे ही नहीं रहे हैं।
एनओसी देना इनका काम है लेकिन उसके बावजूद यह एक्स्ट्रा पैसा खाते हैं जिस कारण काफी फिल्म मेकर्स को परेशानी होती है और उनका बजट बढ़ जाता है जिस काम के लिए इन्हें बिठाया गया है जिस काम के लिए इन्हें सरकार पैसा दे रही है उस काम के लिए यह लोगों से भी पैसा ले रहे हैं बस इसी के खिलाफ आवाज उठाई है इस फिल्म मेकर ने इस फिल्म मेकर ने पहले तो सोशल मीडिया के थ्रू जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की लेकिन जब वहां से रिस्पांस नहीं मिला तो कल यह फिल्म मेकर छत्रपति शिवा शिजी महाराज पार्क के एक पेड़ पर चढ़ गया पेड़ पर चढ़कर इसने खुद को बांध दिया और वहीं से यह प्रोटेस्ट करने लगा पार्क में मौजूद लोग उसे देखकर परेशान हो गए क्योंकि अगर पेड़ से गिर गया तो कहीं चोट लग सकती है।यही कारण है कि वहां पर पुलिस को बुलाया गया फायर ब्रिगेड को बुलाया गया एक घंटे तक इस फिल्ममेकर को समझाया गया फाइनली इसे पेड़ से सेफली उतार कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया फिल्ममेकर ने डिमांड की है कि उसे महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे से मिलना है और इस करप्ट सिस्टम के बारे में बात करनी है इस फिल्म मेकर का नाम है प्रवीण कुमार महारे।