इस मशहूर अभिनेत्री को भीड़ ने इस कदर क्यों पीटा कि उनका ब्रेन हेमरेज हो गया एक ऐसी मशहूर अभिनेत्री जिसने छोटे पर्दे पर आकर अपनी एक्टिंग के हुनर से सभी का दिल को जीत लिया एक ऐसी अभिनेत्री जिसने टीवी पर काम किया लेकिन बड़े-बड़े फिल्मी सितारों को पीछे छोड़ दिया टीवी पर उन्होंने जो किरदार निभाया अपने दमदार अभिनय से उसे किरदार को अमर कर दिया और घर-घर में प्रचलित हो गई लेकिन इस धारावाहिक के सेट पर वो क्यों फूट-फूट कर रोने लगी थी और अपने करियर के पीक पर जाकर यह अभिनेत्री इंडस्ट्री से गायब क्यों हो गई आखिर क्यों उन्हें अपने से 13 साल छोटे बॉयफ्रेंड के साथ लिवि इन रिलेशनशिप में रहना पड़ा और ऐसा क्या हुआ.
कि हिंसक भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और उनका ब्रेन हेमरेज हो गया सब कुछ जानेंगे आज के इस वीडियो में हम बात कर रहे हैं टीवी के मशहूर धरावा एक महाभारत में द्रौपदी का किरदार निभाकर अमर हो गई रूपा गांगुली की महाभारत का नाम सुनते ही उसमें एक-एक पात्र आंखों के सामने आ जाते हैं और उनमें ही एक पात्र था द्रौपदी का जिसे रूपा गांगुली ने निभाकर उस किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया था महाभारत का वो सबसे कठिन अंश था जो द्रौपदी के हिस्से में आया था और वो था चीर हरण लेकिन अपनी शानदार एक्टिंग से रूपक गांगुली ने एक ही टेक में इस पूरे सीन को कंप्लीट कर लिया था और इतना बेहतरीन किया कि देखने वाले भी दंग रह गए जिस तरह से महाभारत के पात्र द्रौपदी ने जिंदगी में बहुत उतार चढ़ाव देखे थे.
वैसे ही रूपाली गांगुली ने भी अपनी जिंदगी में बहुत परेशानियां झेली एक समय तो ऐसा था जब अपने ही घर में रूपा पाई पाई की मोहताज हो गई थी हिंदी और बंगाली टीवी शो और फिल्मों की अभिनेत्रियां रूपा गांगुली उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता से पूरी की थी और वहीं से अपना कॉलेज भी पूरा किया उन्होंने कभी भी एक्टिंग में करियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था लेकिन उनके रिश्तेदार ने उन्हें एक बार ट्राई करने के लिए कहा उन दिनों विजॉय चटर्जी रवींद्रनाथ टैगोर की शॉर्ट स्टोरी पर एक लघु हिंदी फिल्म रूपमा बना रहे थे जिसके लिए उन्हें एक फ्रेश फेस की तलाश थी मनना होते हुए भी अपनी आंटी के कहने पर रूपा ने ऑडिशन दिया इस ऑडिशन में वोह पास भी हो गई.
और यह फिल्म दूरदर्शन पर प्रसारित की गई और इस तरह से जाने-अनजाने वो फिल्मों में आ गई 1986 में वो अनिल कपूर की फिल्म साहिबा में सपोर्टिंग रोल में नजर आई फिर बंगाली सीरियल मुक्त बांध में उनके काम को काफी तारीफ मिली 1988 में हिंदी टीवी धारावाहिक गण देवता में काम करके उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली लेकिन जिस रोल से वह घर-घर में पहचानी गई वो था महाभारत का द्रौपदी का किरदार दरअसल पंडित नरेंद्र शर्मा ने रूपाली को टीवी शो गढ़ देवता में देखा था और बी आर चोपड़ा से उनकी सिफारिश की थी लेकिन द्रौपदी के रोल के लिए जोही चावला राम्य कृष्णन और रूपा गांगुली समेत छह अभिनेत्रियों को चुना गया था जोही ने तो अपने डायलॉग की रिहर्सल तक कर ली थी मगर फिल्म कयामत से कयामत तक मिल गई जिसके लिए जूही ने इसे छोड़ दिया जूही के जाते रूपा गांगुली को इसके लिए फाइनल कर लिया गया क्योंकि राम्या से रूपा की हिंदी ज्यादा अच्छी थी और उनका स्क्रीन टेस्ट देखने के बाद चोपड़ा साहब को यकीन हो गया कि उनकी द्रौपदी तो रूपा गांगुली ही बनेगी जब महाभारत 1988 में डीडी नेशनल पर प्रसारित हुआ तो एक अलग ही इतिहास रच गया द्रौपदी के रूप में रूपा गांगुली घर-घर में पहचानी जाने लगी.
ऐसे तो महाभारत के किरदारों और सीन को आज भी याद किया जाता है लेकिन चीर हरन का वो दृश्य देखने वालों की ही नहीं उसको निभाने और फिल्म आने वालों की भी हालत खराब हो गई एक इंटरव्यू में चोपड़ा साहब के बेटे रवि चोपड़ा ने बताया था कि उनके सामने चीर हरण के सीन को शूट करना एक बड़ा चैलेंज था इसमें एक स्त्री के अपमान को दिखाना था वो भी बिना किसी अश्लीलता के ये सीन शूट होने से पहले रूपा को पूरा सीन समझाया गया चोपड़ा साहब ने रूपा को समझाया कि एक औरत का अपमान हो रहा है जिसके तन पर केवल एक कपड़ा है अब आपके मन पर क्या फीलिंग होगी इसको ध्यान रखते हुए आपको परफॉर्म करना है रूपा ने अपने सारे डायलॉग एक कमरे में अकेले बैठकर याद किए वो अपने कैरेक्टर में पूरी तरह से डूब चुकी थी और जब सीन शूट होने लगा तो डायलॉग बोलते बोलते बीच में रूपा अचानक फूट-फूट कर रोने लगी.
वो रोती जा रही थी वो इतनी भावुक और आहत महसूस कर रही थी कि उन्हें चुप करने में पूरी यूनिट को आधे घंटे से ज्यादा का समय लग गया उन्होंने दोबारा से वो सीन शूट किया द्रौपदी को कक्ष से घसीट कर लाने से लेकर चीर हरण होने तक पूरा सीन रूपक गांगुली ने सिर्फ एक टेक में पूरा कर लिया था इस सीन में उनकी भावनाएं और उनके डायलॉग बोलने का अंदाज आज ब हरत में डाल देता है उनका रोकर हाथ जोड़कर अपनी इज्जत बचाने वाला सीन पूरे महाभारत में यादगार सीन में से एक बन कहा जाता है कि उस समय चीरहरण के सीन को दर्शाने के लिए 250 मीटर की अनकट साड़ी का ऑर्डर दिया गया था हालांकि रूपा ने 6 मीटर की साड़ी पहनी थी स्पेशल इफेक्ट के जरिए सीन में 250 मीटर की साड़ी को दिखाया गया था दुशासन का रोल कर रहे विनोद कपूर रूपा गांगुली को फूटी आंख नहीं सुहा थे असल में द्रौपदी का रोल करते हुए रूपा इतनी डूब गई थी कि उन्हें विनोद असल जिंदगी में भी दुशासन ही नजर आते थे एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था.
कि विनोद बहुत अच्छा इंसान है लेकिन उनसे बात करने में बहुत अजीब लगता था चीर हरण का सीन करने के बाद भी उन्होंने विनोद कपूर से कभी बात नहीं की आपको जानकर हैरानी होगी कि द्रौपदी के किरदार से निकलने में उन्हें करीब 2 साल का समय लग गया था लेकिन इस किरदार को करने के बाद वोह पूरे हिंदुस्तान में फेमस हो गई थी इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी राह और आसान हो गई उन्हें 1989 में मृणाल सेन की फिल्म एक दिन अचानक मिली जिसके बाद उन्होंने कमला की मौत में पंकज कपूर के साथ काम किया 1991 में उन्होंने अक्षय कुमार की पहली लीड रोल फिल्म सौगंध में भी काम किया था उसके बाद मीना बाजार विरोधी फिल्मों में भी सपोर्ट रोल में काम किया.
इसके अलावा तेलुगु और मलयालम फिल्मों में भी उन्होंने काम किया कुछ समय बाद बांगला फिल्म की तरफ उनका झुकाव बढ़ने लगा और व गौतम घोष की अवार्ड विनिंग फिल्म के अंदर लीड रोल में नजर आई 1995 में अपर्णा सेन की फिल्म युगांत में ना सिर्फ उनकी जमकर तारीफ की गई बल्कि इसके लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिले इसके अलावा उन्होंने हिंदी और बांग्ला टीवी शोज में भी बहुत काम किया जिसमें सुकन्या लव स्टोरी कर्म अपना अपना कौन अपना कौन पर आया कस्तूरी वक्त बताएगा अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो जैसे सीरियल शामिल है साल 2012 में आई फिल्म बर्फी में भी रूपा गांगुली नजर आई थी अगर उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने शादी का फैसला ऐसे समय पर लिया जब उनका करियर टॉप पर था 1992 में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग ध्रुव मुखर्जी से शादी कर ली.
और एक्टिंग छोड़कर अपने पति के साथ कोलकाता शिफ्ट हो गए लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद उनकी परेशानियां बढ़ने लगी और वह रोजमर्रा के खर्चों के लिए पूरी तरह से पति पर निर्भर हो गई लेकिन उनके पति इन बातों पर ध्यान नहीं देते थे और इन बातों को लेकर झगड़ा होने लगा 1997 में उनके बेटे का जन्म हुआ काम छोड़ चुकी रूपा गुमनाम होने लगी थी जिसको लेकर उनके झगड़े और बढ़ने लगे रूपा के पति उनसे इनसिक्योर फील करने लगे थे क्योंकि वह एक सेलेब्रिटी थी और उनका स्टारडम था जब हद हो गई तो रूपा ने ध्रुव मुखर्जी को दे दिया अलग होने के बाद रूपा पूरी तरह से बिखर गई और उन्हें सहारे की जरूरत थी ऐसे में उनसे 13 साल छोटे सिंगर दिव्येंदु उनकी जिंदगी में आए और दोनों लिविन रिलेशनशिप में रहने लगे लेकिन यह भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाया.
और कुछ समय बाद दोनों अलग हो गए इसके बाद रूपा ने पॉलिटिक्स में आकर भाजपा जॉइन कर ली राजनीति में आने के बाद कई ऐसे मौके आए जब उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और छेड़खानी भी की गई एक सेलेब्रिटी और नेता होने के बावजूद एक बार 22 मई 2016 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में एक पॉलिटिकल पार्टी के करीब 20 कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया हमला इतना खतरनाक था कि उन्हें ब्रेन हैम हो गया था बात करें अगर उनके पुरस्कारों की तो सबसे पहले उन्हें द्रौपदी के दमदार किरदार के लिए स्मिता पाटिल मेमोरियल का अवार्ड दिया गया था बांगला फिल्मों के लिए उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का भी अवार्ड मिला उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला है आजकल रूपा राजनीति में व्यस्त हैं लेकिन उनसे और अच्छे किरदारों की उम्मीद हमेशा बनी रहेगी.