कोई आशंका नहीं है कि डिटेल्स नहीं निकलेगा। पूरा डिटेल्स निकलेगा। अभी अब आप लोग हमारी प्रतिक्रिया लें। अब उसका कोई मतलब नहीं है। पायलट गलती शायद ना के बराबर था। पायलट लोगों ने शायद पूरा प्रोसीजर फॉलो किया है। दोनों इंजन फेल हुए या फिर दोनों इंजन में जितना थ्रस्ट चाहिए था वो बन नहीं पाया और उसके साथ कुछ और भी सिस्टम्स फेल हुए हैं। पिछले 1/2 महीने में छह एयरक्राफ्ट्स छह हेलीकॉप्टर्स डाउन हुए। एक्सीडेंट या फिर इंसिडेंट या छोटा-मोटा एक्सीडेंट? ऑक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो ईएस उन लोगों ने आके भी शुरू कर दिया,
और दो ब्लैक बॉक्स मिले हैं ऐसा चर्चा सर देखिए पहली बात तो दो ब्लैक बॉक्स दो ब्लैक बॉक्स पता नहीं किसने में मतलब रिपोर्ट कर दिया हम लोग एक ही ब्लैक बॉक्स बोलते हैं और दूसरा एक रिकॉर्डर है। अगर दोनों को आप ब्लैक बॉक्स बोलोगे चलेगा क्योंकि दोनों का काम वही है। एक तो है वॉइस रिकॉर्डर है। कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर वो इतना सेंसिटिव है कि आप पायलट लोगों ने कितनी बार सांस भी लिया वो भी रिकॉर्डेड होगा। और आवाज कैसा था? क्या था? था। कॉकपिट में कुछ और डैमेज था। क्या-क्या उन्होंने पायलट्स ने बात किया बीच अपने बीच में और फिर क्या देखा?,
कौन से लाइट ऑन हुआ। पक्का पायलट ने अपना प्रोसीजर फॉलो किया और वो जो पहले का डीएफडी है जिसको जो जो सबसे महत्वपूर्ण है। इससे भी महत्वपूर्ण वो है। तो वो पहले से मिल चुका है। तो अभी कोई चीज के लिए मतलब कोई कोई आशंका नहीं है कि डिटेल्स नहीं निकलेगा। पूरा डिटेल्स निकलेगा अभी। तो हम जितना भी अनुमान बना लें कुछ भी बात कर लें YouTube में कर लें वो कर लें मैं कर लूं हम जितने भी अब आप आप लोग हमारी प्रतिक्रिया लें अब उसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि सब सारी सच्चाई उसी में है पर हां मैं इतना बोल दूं दिन-ब दिन जो वीडियो पहले दिन से आया था वो ब्लड था उसमें हम लोग अजमशंस लगा रहे थे कोई ज़ूम करके देखने की कोशिश कर रहा था,
तो वो वीडियो बेसिकली फट रहा था टाइप्स वो ब्लड हो जाता था वो दिख नहीं रहा था अभी धीरेधी धीरे-धीरे ये सब पता चल रहा है। लैंडिंग गियर का भी पोजीशन अभी हम लोग अब जो एक्सपर्ट्स हैं कल से वह भी देख रहे हैं। हम भी देख रहे हैं। तो देख अभी समझ में धीरे-धीरे से आ रहा है कि पायलट गलती शायद ना के बराबर था। पायलट लोगों ने शायद पूरा प्रोसीजर फॉलो किया है। जो अनुमान अभी नया-नया एविडेंस नया-नया जो निकल के आ रहा है। पायलट पायलट का जो गलतियां जो हम सोच रहे थे जूनियर पायलट, सीनियर पायलट ये वो वो शायद कम है,
कम प्रोबेबिलिटी में हो गया। अभी सबसे ज्यादा प्रोबेबिलिटी अभी हो रहा है अनुमान जो हम लगा सकते हैं शायद दोनों इंजन फेल हुए हैं। जो समझ में आ रहा है फिलहाल या दोनों इंजन फेल हुए हैं या फिर दोनों इंजन में जितना थ्रस्ट चाहिए था वो बन नहीं पाया और उसके साथ कुछ और भी सिस्टम्स फेल हुए हैं। शायद वो लैंडिंग गियर के फेल हुए हैं या फिर फ्लैप्स के फेल हुए हैं। कोई बोल रहा है फ्लैप्स एक्सटेंडेड थे। जो जो फोटो आए हैं डैमेज डैमेज एयरक्राफ्ट का जो नीचे गिरा पड़ा है वो बोल रहा है उसमें उसमें दिख रहा है फ्लैप्स एक्सटेंडेड है बट वो तो डैमेज्ड विंग है ना डैमेज विंग में कोई भी पहिया कोई भी पार्ट टूट के बाहर निकल सकता है तो हमें क्या पता सब कुछ सारे रिकॉर्ड फ्लैप्स का पोजीशन क्या था किस एंगल में था,
लैंडिंग गियर किस एंगल में था लैंडिंग गियर ऊपर क्यों नहीं गया किस कारण नहीं गया कौन से सिस्टम फेल हुआ था इंजन थ्रस्ट क्यों नहीं मिला किस किस हाइट पे नहीं मिला किस टेंपरेचर में नहीं मिला। या फ्यूल फ्यूल कोई बोल रहा है फ्यूल में कंटैमिनेशन था। फ्यूल में कुछ गड़बड़ी था। शायद इसीलिए दोनों इंजन आउट हो गए। तो ऐसे भी अनुमान लगाया जा रहा है। तो वो है नहीं है सच है। हम चाहे जितना भी बोले क्योंकि हम तो बाहर से बैठे थे बस एक एक छोटा सा वीडियो देख के जो अनुमान लगा रहे हैं। नहीं जरूरत है नहीं अभी। अ पक्का डिटेल्स पक्का डिटेल्स। कंफर्म मिलने वाला है कुछ दिनों में,
अगर एक प्रिलिमिनरी रिपोर्ट निकाल के लेके आए जैसे आपने बोला कि एएआईबी एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो वो मुझे लगा था अब तक पहुंच गया होता या फिर वो दो-तीन दिन लिया क्योंकि जो एक्सपर्ट्स है एक साथ बैठ के वहां मीटिंग करके फिर इंडिया आए होंगे क्योंकि ये बहुत अहम है ये लोग बहुत अहम है। वो बहुत अहम है। हम लोग इंटरनेशनल सिविल एिएशन ऑर्गेनाइजेशन का एक मेंबर हैं। तो हमें नियम मानना पड़ेगा। सारी दुनिया में जो नियम है, वह नियम मान रहे हैं। तो, जो जब भी कोई एक्सीडेंट होता है, तो एएआईबी के एक टीम आते ही हैं। और यह यह फटाफट भी आ चुके हैं। उनका भी कमिटी फ़ॉर्मेशन हो गया। यह कमेटी का जो इंडिपेंडेंट रिपोर्ट होगा जो हमारे देश का कमिटी बना है,
डीजीसीए का, उसके साथ इंटीग्रेट होगा, कंपेयर होगा, बात करेंगे। उनके मीटिंग्स काफ़ी चलेंगे। तो एक प्रिलिमिनरी रिपोर्ट आने का शायद हमें मिल सकता है क्योंकि मुझे इतना पता है जिस दिन से डीएफडीआर मिला है और अगर वो उसको आप अपने जो फ्लाइट सेफ्टी के कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर में इंटीग्रेट कर दिया इनपुट ले लिया अब तक उनके पास सारे पिक्चर होंगे ऐसा नहीं कि नहीं होंगे 100% है और वो जो जो फ्लाइट सेफ्टी वाले हैं उनको तो पता ही है कंफर्म क्या है तो उन वो कितने जल्दी प्रीिलिमिनरी रिपोर्ट निकालें या फिर कितने कितने जल्दी सावधान करें हमारे एयरलाइन वालों को जिसकी भी गलती हो कितनी जल्दी करें उसका उस उसके लिए हम लोग वेट कर रहे हैं,
वो तो वो जो वो जो वेटिंग पीरियड ज्यादा लंबा ना हो क्योंकि पायलट्स लोगों का थोड़ा मनोबल थोड़ा डाउन है। इंजीनियर लोगों का भी डाउन है। उनको समझ नहीं आ रहा किसने गलती किया है। तो इंजन में प्रॉब्लम था। फ्यूल जो फ्यूल फ्यूल वाले होते हैं वो अलग डिपार्टमेंट है। उनकी गलती था क्या? इंजीनियरिंग का गलती था क्या? पायलट्स लोगों का अभी अभी धीरे-धीरे दिख रहा है कि पायलट्स लोगों का शायद गलती था ही नहीं। तो जब वो इतने बुरे हाल में फंस ही गए वो प्रोसीजर फॉलो किए। मुझे मुझे इसीलिए पहले दिन से डाउट हो रहा था कि इतने अनुभवी कमांडर इतने अनुभवी कमांडर सुमित सवर अग्रवाल उनसे गलती होना बहुत बहुत बहुत कम चांसेस हैं,
तो अ उन्होंने परफेक्ट प्रोसीजर्स फॉलो किए हैं। जितना हम लोग अंदर और देख रहे हैं जा रहे हैं। मतलब समझ में आ रहा है। वह जो हमें सिखाया गया था, जो बोइंग ने हमें सिखाया था, जो सिमुलेटर में प्रैक्टिस करते थे, या फिर जो कैप्टन सबरवाल जो फॉलो करते हैं, स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जो उन्होंने हमें भी सिखाया था, उन्होंने एग्जैक्टली वही फॉलो किया। बहुत कोशिश किया लास्ट मोमेंट तक और ऐसे प्रो प्रोफेशनल पायलट वो लास्ट सेकंड तक गिव अप नहीं किया। वो चेष्टा में लगे रहे। बट नहीं हो पाया। वो जो भी लक है या भगवान का जो भी जो भी उनका जो भी था भगवान का अह उस दिन के लिए बुरा टाइम, खराब टाइम जो भी बट वी आर इन अ वे धीरे-धीरे ऐसे लग रहा है,
कि पायलट गलती कम है। टेक्निकल प्रॉब्लम मैकेनिकल प्रॉब्लम होने के ज्यादा चांसेस हैं। सर यस्टरडे भी क्लास हुआ था। अच्छा ये शायद सेवंथ है। पिछले छह इस हफ्ते में नहीं सेवन सात लोग चल जान चली गई। पर मैं ये बोलना चाहता हूं कि अह पिछले 1 1/2 महीने में छह एयरक्राफ्ट्स। छह हेलीकॉप्टर्स डाउन हुए। एक्सीडेंट या फिर इंसिडेंट या छोटा-मोटा एक्सीडेंट। छह हो गए। और वही हिमाचल, उत्तराखंड वही जहां पे भी चारधाम या कश्मीर या अह जहां पे बिज़नेस टूरिस्ट हैं। चारधाम के रिलीजन अह मतलब अपने धर्म के नाम पे जो भी टूरिज्म है वो तो बार-बार हो रहा है। कल सस्पेंड भी हुए हैं कुछ पायलट्स। क्योंकि वेदर ठीक नहीं था। बस जबरदस्ती गया है,
तो ये सब आप समझ लो। यह कमर्शियल इंटरेस्ट है। ये ये सही फ्लाइट सेफ्टी और आपकी जान के लिए उनका इतना इंटरेस्ट है ही नहीं। वो कमर्शियल इंटरेस्ट से काम करें। जितना पैसा बन सकता है वो कंपनी वाले जितना पैसा बना सकते हैं। वो जो फ्लाइट सेफ्टी के जो अपॉइंटेड इंस्पेक्टर होंगे वहां पे एफक्यू आई या क्या नाम पूरा पूरा मैं भूल गया हूं। वो क्वालिटी कंट्रोल जो करते हैं फ्लाइट क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर्स। तो वो अपना काम नहीं कर रहे हैं ढंग से। वहां पे जो हेलीपैड्स हैं वो ढंग से मेंटेन नहीं हो रहे हैं और पायलट्स को पायलट्स को भी प्रलोभन दिखाया जाता होगा कि ज्यादा पैसा बनाओ। सीजन टाइम है,
छुट्टी टाइम है, चार सब सब दौड़े हुए आ रहे हैं। सबको चाहिए तो टिकट प्राइस भी बढ़ा के ज्यादा ड्यूटी कर लो। जो ड्यूटी के ड्यूटी के जो परमिशन ले लिमिट है उससे ज्यादा होगा। तो यह आप सीधी-सीधी बात है। यह सब ग्रीड की वजह से हो रहा है। व्यापार की वजह से हो रहा है। ये जो जाने जा रही हैं व्यापार के लिए जा रहा है वो वो लोग तो अपना व्यापार कर ही रहे हैं। आपके जान खतरे में डाल रहे हैं। इसका सीधी-सीधी सीधी-सीधी उत्तर सीधा सीधा उत्तरदाय कौन है? सेंट्रल गवर्नमेंट और उनका सिविल एिएशन डिपार्टमेंट। सिविल एवन मिनिस्टर आपके जो लोग वहां पर मॉनिटर करना चाहिए था वो नहीं कर रहे हैं,
क्वालिटी मेंटेन नहीं हो रहा है। आपको बार-बार वो वार्निंग दे रहे हैं। छह हेलीकॉप्टर डाउन हो चुके हैं पिछले डेढ़ महीने में छह या पांच। अब अब अभी तक आपने ऐसा कोई कोई कदम नहीं उठाया कि वो बंद हो। तो ये टोटल टोटल रिस्पांसिबिलिटी है अ सिविल एवीएशन मिनिस्टर और डायरेक्टर डायरेक्टर जनरल सिविल एवीएशन इंडिया। क्योंकि यह कोई ऐसा कदम नहीं लिया अब तक इतने जितने भी जाने गई यह आपके ला लापरवाही की वजह से गए तो आप आपको बिजनेस करना है या फिर लोगों की जाने बचानी है.