जीवन के दिन छोटे सही हम भी बड़े बुरी आंखों वाली एक हसन अदाकारा 70 के दशक में जिसकी मासूमियत और मुस्कान के लाखों लोग दीवाने हो गए [संगीत] ना जान क्या हो गया की सब कुछ फिल्मों में एंट्री कर अपनी नेचुरल एक्टिंग का लोहा मानव दिया था [संगीत] इन्हें फिल्मों में जबरदस्ती कम करने पर मजबूर किया गया और बचपन से जवानी तक की साड़ी कमाई छन कर इन्हें पाई-पाई का मोहताज बना दिया गया.
हकीकत कौन बैठा सकता है इनकी दोनों बेटियों ने भी इनके साथ रहने से माना कर दिया और पैसे वाले सुपरस्टार पिता के साथ चली गई [संगीत] कौन थी अदाकारा जिसे हर रिश्ते ने दर्द और धोखा दिया और क्यों सैकड़ो फिल्मों में कम करने और करोड़ रुपए कमाने के बावजूद यह एक्ट्रेस भाई-फाई के मोहताज हो गई.
दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं फिल्म इंडस्ट्री की सिंपल और टैलेंटेड एक्ट्रेस सारिका की और इन सभी सवालों के जवाब जन के लिए आप वीडियो अंत तक जरूर देखिएगा [संगीत] [संगीत] तो सबसे पहले जानते हैं की इन्होंने शुरुआत कहां से की सारिका का पूरा नाम सारिका ठाकुर था इनका जन्म 5 दिसंबर 1960 को दिल्ली के एकमराठी राजपूत परिवार में हुआ था सारिका की मां का नाम कमल ठाकुर और पिता का नाम दिनेश सावन था.
इनकी मां एक सख्त और लालची महिला के तोर पर जानी जाति थी तो वहीं पिता सारिका के बचपन में ही अपनी पत्नी और सारिका दोनों को छोड़कर चले गए थे और बाद में दूसरी शादी कर ली थी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पति के घर छोड़ने के बाद सारिका की मां सारिका को लेकर मुंबई ए गई थी.
और इन्हें फिल्मों में कम दिलवाने की कोशिश करने लगी कुछ कोशिशें के बाद कम मिल भी गया क्योंकि सारिका बचपन से ही बेहद खूबसूरत और आकर्षक दिखती थी और मैं आज 5 साल की उम्र से ही सारिका ने फिल्मों में आगे एन चाइल्ड आर्टिस्ट कम करना शुरू कर दिया था [संगीत] और वो खुद मेहनत नहीं करना चाहती थी तो मासूम बच्ची का इस्तेमाल करना बेहतर लगा उन्होंने सुन रखा था की फिल्मों में तब छोटे बच्चों को आसानी से कहां मिल जाता था इसलिए बेटी को सजाकर अलग-अलग स्टूडियो लेकर पहुंच जाति थी.
ऐसे में बचपन में ही सारिका के ऊपर जिम्मेदारियां का भारी बोझ गया और इन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही कम करना शुरू कर दिया चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में इन्हें 1967 में रिलीज हुई फिल्म हमराज में कम करने का मौका मिला जिसमें यह एक्ट्रेस विमी की बेटी बनी थी लेकिन क्या करूं मम्मी नहीं आई मम्मी को बहुत याद करती हूं हां बहुत याद करती हूं नजर आई थी बालक बेटी छोटी बहू जैसी कई फिल्मों में नजर आई और अपनी अदाकारी और मासूमियत से दर्शकों की खूब तारीफे बटोरी [संगीत] यो की वजह से सारिका बचपन में स्कूल नहीं जा सके.
और एक्टिंग के दौरान सेट पर ही किसी तरह कभी थोड़ा बहुत कुछ सिख लिया करती थी फिल्मों में ऐसी कुछ जरूर पड़ी तो मैन कुछ समय तक घर में ही ट्विटर रख दिया जो थोड़ी बहुत अंग्रेजी पढ़ा सके लेकिन स्कूल जान की इजाजत नहीं मिली तुम्हारी सौगंध सौगंध टूट जाए तो पता है क्या होता है क्या होता है की सारिका के कमाई हुए पैसों से उनकी मां ने मुंबई और दिल्ली में कई फ्लैट खरीदें मुंबई में सारिका के पैसों से पांच अपार्टमेंट खरीदे गए मगर इनमें से कोई भी सारिका के नाम पर नहीं था और ना ही ये उसमें नॉमिनीति इनका खुद का कमाया सर पैसा इनकी मां अपने पास रख लेती थी बताया जाता है की जब एक बार सारिका को फिल्म से कुछ पैसे मिले और इन्होंने उसमें से 1500 खर्च कर किताबें खरीद ली थी.
तो इनकी मां ने इन्हें बहुत बुरी तरह हिदायत दी की आगे से सर पैसा लाकर उनके हाथों में ही दें आखिरकार मां की अत्याचारों से टांग आकर सारिका ने घर छोड़ दिया कुछ दोनों तक ये अपने कर में ही रही फिर कुछ दिन पृथ्वी थिएटर और कुछ दिन दोस्तों के घर में बना लेने के बाद आखिरकार कारा के घर में शिफ्ट हो गई हालांकि तब तक सारिका ने लीड एक्ट्रेस के तोर पर भी कुछ फिल्में करनी शुरू कर दी थी और 1975 में आई राज किरण के अपोजिट फिल्म कागज की नव एक हीरोइन के तोर पर इनकी पहले फिल्म रही जो की राज किरण की भी पहले फिल्म थी.
मां मेरा इसी साल फिल्म गीत गट चल भी रिलीज हुई जिसमें सचिन के साथ इनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया [संगीत] जोड़ी वास्तविक जिंदगी में भी करीब आई लेकिन ज्यादा दूर तक नहीं जा साकी वहीं इसके बाद इंडियन क्रिकेट टीम के तब के कप्तान रहे कपिल देव के साथ भी सारिका के रिश्ते की चर्चा होने लगी थी पर ये रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं चल सका [संगीत] 70 और 80 के दशक में सारिका एक मजबूर अभिनेत्री बन चुकी थी.
ग्रह प्रवेश और कटली जैसी फिल्मों ने जहां इन्हें एक नई पहचान दिलाई तो वही संजीव कुमार के साथ कम कर इन्होंने एक्टिंग की नई बारीकी या भी सखी मैंने सिर्फ अपने डार्लिंग के बड़े में सोचा है आपकी पसंद और नापसंद को अगर मैं नहीं समझेगी तो और कौन समझेगा राजतिलक देवता जानी दुश्मन और विधाता जैसी हिट फिल्मों में अभिनय किया और खूब शोहरत कमाई लेकिन खुद की बात नहीं बताती.
अरे मेरे मुंह बोले भैया अमर के साथ इसकी जो आंख में चोली चल रही है ना वो मुझे सब पता है सारिका का फिल्मी सफर अच्छा चल रहा था तभी 1984 में आई फिल्म राज तिलक की शूटिंग के दौरान सारिका की मुलाकात साउथ के सुपरस्टार एक्टर कमल हसन से हुई पहले से ही टूटी और तन्हाइयों में जी रही सारिका उनके करीब ए गई और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया [संगीत] मैं किसी को दीवार नहीं बने दूंगी कुछ समय बाद सारिका और कमल हसन लिविंग रिलेशनशिप में रहने लगे और 1986 में सारिका ने एक बेटी को जन्म दिया जिसका नाम रखा गया.
श्रुति हसन लेकिन तब तक इन दोनों ने शादी नहीं की थी क्योंकि कमल हसन पहले से शादी सुदा थे और पूर्व पत्नी से तलाक की भीम अभी पुरी नहीं हुई थी श्रुति के जन्म के 2 साल बाद कमल हसन और सारिका ने 1988 में शादी की फिर 1991 में इनकी दूसरी बेटी अक्षरा का जन्म हुआ इसके बाद सारिका ने एक अभिनेत्री के तोर पर फिल्मों में कम करना कम कर दिया और कॉस्टयूम डिजाइनिंग पर फॉक्स करने लगी 2001 में आई फिल्म है.
राम के लिए सारिका ने बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइनर का नेशनल अवार्ड भी अपने नाम किया है करीब 16 साल सब कुछ ठीक चला जिसके बाद पति पत्नी के बीच सारिका के बेस्ट फ्रेंड गौतमी की एंट्री हुई गौतमी की शादी टूट चुकी थी और वो अक्सर सहायिका के घर आकर रहती थी सारिका को इस बात का जरा भी अंदाज़ नहीं था की इनकी सबसे अच्छी दोस्त और इनके पति मिलकर इन्हें धोखा देने वाले आखिरकार जब सारिका को अपने पति के इस नाजायज रिश्ते के बड़े में पता चला तो वो बुरी तरह टूट गई और खबरे के मुताबिक चेन्नई के अपने फ्लैट के फोर्थ फ्लोर की बालकनी से नीचे चलांग लगा दी काफी चोट आई.
और हड्डी टूट जान की वजह से 3 मीना तक सारिका अस्पताल में ही रही अस्पताल से वापस लौट के बाद सारिका ने कमल हसन से अलग होने का फैसला कर लिया और 2004 में दोनों का तलाक हो गया राम मंदिर हो तुम मुझको गम ही से तलाक के बाद 16 साल की श्रुति हसन और 13 साल की बेटी अक्षरा हसन ने मां के साथ जान से इनकार कर दिया और कोर्ट में कहा की वो अपने पापा के साथ रहना चाहती हैं बेटियों ने पैसे वाले पिता कमल हसन का साथ सुना और सारिका एक बार फिर अकेली र गई और बुरी तरह से टूट गई ये खामोशी से मुंबई वापस ए गई.
और अकेले रहने लगी हालांकि लंबे समय तक फिल्मों से दूर रहने की वजह से इनके पास ज्यादा बैंक बैलेंस नहीं बच्चा था कुछ दिन बेहद गरीबी में गुजरे क्योंकि सारिका ने पहले के कमाई सारे पैसे अपनी बेटियों और अपने परिवार पर खर्च कर दिया था खैर इन्होंने हिम्मत नहीं हरि और एक बार फिर फिल्मों का रुख किया सालों तक फिल्मों से दूर रहने के बावजूद 2005 में आई इंग्लिश फिल्म पर जानिए में सारिका ने बेहतरीन एबिन किया.
और बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड भी अपने नाम किया इसके बाद इन्होंने 2007 में आई भेजो फ्री और मनोरमा 6 फिट अंदर 2008 में आई यह मेरा इंडिया 2009 में आई कच्छ लिंबू और 2010 में आई सोसाइटी जैसी फिल्मों में कम किया फिर सारिका ने कुछ बड़ी फिल्मों में भी अभिनय किया जिम 2012 में आई जब तक है जान 2013 में आई क्लब 60 2014 में आई पुरानी जिम्स और 2016 में आई फिल्म बार-बार देखो शामिल है.
आखरी बार यह 2022 में आई सूरज बाढ़ जाति है डायरेक्टेड फिल्म ऊंचाई में देखा गया था जिसमें अमिताभ बच्चन और अनुपम खेर जैसे दिग्गज कलाकारों ने भी कम किया था सारिका की जिंदगी पटरी पर लोट आई तो उनकी बेटियों की कुछ तस्वीर साथ में दिखने लगी जो की अब इसे मिलने आया करती हैं सारिका की दोनों बेटियां श्रुति हसन और अक्षरा हसन भी बाद में अभिनेत्रियां बनी हालांकि लंबे स्ट्रगल के बावजूद दोनों ही मां के स्टारडम को नहीं ऊ सके [संगीत] इंटरव्यू में इन्होंने अपने कड़वे अनुभवों को सजा करते हुए बताया की लोग डॉ के समय इनके पास कोई कम नहीं था.
और इनके पैसे खत्म हो गए थे जिससे इन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा यहां तक की महीने में यह मुश्किल से 3000 रुपए भी नहीं काम पाती थी और इस वजह से घर की जरूर के समाज खरीदना भी मुश्किल हो गया था सोचिए 100 से ज्यादा फिल्मों में कम करने वाली और करोड़ रुपए कमाने वाली एक अदाकारा जिसके पैसे सभी अपनों ने मिलकर लूट और बुरे वक्त में किसी ने साथ नहीं दिया हालांकि सारिका ने हर बार खुद को संभाल और अपने जीवन में आगे बढ़नी रही बेबाक बॉलीवुड की टीम की तरफ से सारिका को उनके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के लिए डॉन शुभकामनाएं.