80 के दौड़ से आज तक जॉनी ने अपनी बेहतरीन मिमिक्री और क्रमिक टाइम से लोगों को खूब गुदगुदाया है 80 के दौर की शुरुआत की बात कर लें या फिर सन 2008 20 के आसपास की बात कर लें आज भी जॉनी किसी बड़े को मेडिसिन के तौर पर ही जाने जाते हैं जैसे कि सभी जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में अपना नाम कमाने के लिए कई सारे अभिनेता व अभिनेत्रियों ने खूब स्ट्रगल किया है लेकर असल में स्ट्रगल क्या होता है यह जॉनी ने अपने जिंदगी में लोगों को बताया हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के फिल्मों में आपने अक्सर देखा होगा कि हीरो जो जबरदस्त एक्शन करता है वहीं हीरोइन जो अपनी खूबसूरत अदाओं से लोगों का दिल जीत लेती है वहीं विलेन की बात करें जो अपने खोज से लोगों की रातों की नींद उड़ा देता है.
लेकिन बाद में सिनेमा में जब रोमांटिक थ्रिलर फिल्मों के साथ-साथ कॉमेडी का तड़का लगा तो बस सिनेमा को एक नई दिशा ही मिलेगी वैसे अगर बॉलीवुड के मोस्ट पॉपुलर को मेरिट की बात हो तो जॉनी का नाम सबसे पहले आता है और उन्हें की कहानी को आज हम इस वीडियो में बताने की कोशिश करने वाले हैं कि हमने आपको पहले बता दिया कि जॉनी ने अपने करियर को संवारने के लिए काफी कुछ स्ट्रगल किया और भारत का मशहूर कॉमेडियन बनना उनके लिए इतना आसान भी नहीं था पहले आपको इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि जॉनी का असली नाम जॉन रहा था वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे उनका परिवार एक चॉल में रहा करता था उनके पिता प्रकाश राव हिंदुस्तान लिमिटेड नाम की कंपनी में काम किया करते थे साथियों ने पीने की बुरी लत भी थी.
जिसकी वजह से उनके अधिकतर पैसे उसी में चले जाते थे वहीं जूनियर उस दौरान महज 13 साल के थे वह स्कूल के बाद छोटे-मोटे काम किया करते थे ताकि घर खर्च मैं मदद कर सके वहीं जब जॉनी घर पर आते थे तो उनके पिता पीकर मारपीट और मोहल्ले में लोगों से झगड़ा किया करते थे यह देखते-देखते एक दिन ओनली इतना परेशान हो गए कि उन्होंने सुसाइड करने का मन बना लिया वह भरने के लिए रेलवे प्लेटफार्म पर जा कर लेट गए और ट्रेन आने का इंतजार करने लगे मौत का इंतजार करने जॉनी की आंखों के सामने अचानक उनके परिवार वालों की शक्ले सामने आने लगे अगर तुम अपनी से उठे और का प्लान कैंसिल कर दिया और उन्होंने जिंदगी में कुछ कर गुजरने का फैसला किया जो निपटने सातवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी.
वह बस पैसा कमाना चाहते थे उन्हें डांस कॉमेडी करना शुरू कर दिया जहां कहीं भी कोई फंक्शन होता वहां कॉमेडी के लिए बहुत जाते इसके बदले उन्हें एक ₹10 मिल जाया करते थे वहीं उसी दौरान जॉनी की दोस्ती दो ऐसे लोगों से हो गई थी जो ने मिमिक्री सिखाते थे जो ने भी उन्हें अपना गुरु मानने लगे थे वहीं एक बार जॉनी उन लोगों के साथ कहीं जा रहे थे तभी एक शख्स ने उन्हें रोककर कहा कि जिनके साथ वे जा रहे हैं वह है अगर वे भी उनके साथ रहेंगे तो वैसे ही हो जाएगी जो ने पूछा कि फिर उन्हें क्या करना चाहिए तो शख्स ने कहा कि वह पैन बेचते हैं क्या तुम पैन भेजोगे जिसके बाद जो नहीं उस सच के साथ 3 महीने तक सड़कों और बसों में पैन बेचने लगे फ्रेंड्स इसके हुए जॉनी बॉलीवुड के अलग-अलग अभिनेताओं की आवाज निकालते इसे संग्रहक उनके पास आते और पैन खरीदते जोड़ी का यही अंदाज लोगों को खूब पसंद आने लगा.
और धीरे-धीरे समय आग अब आप यहां आप इस बात की जानकारी देना चाहेंगे कि जॉनी का नाम कैसे पड़ा दरअसल हुआ कुछ यूं कि जॉनी कुछ समय बाद अपने पिता के ही कंपनी हिंदुस्तान में ही काम करने लगे थे एक बार कंपनी में एक फंक्शन रखा गया था जिसमें सोनी कुड़ी करने का बहुत इस फंक्शन में जैसे ही जॉनी स्टेज पर पहुंचे और हाथों में माइक लिया वैसे उन्होंने अपनी कंपनी मौजूद सभी लोगों की मिमिक्री करना शुरू कर दिया यह कंपनी के बॉस तक जोरों से उठा लगाने लगे और तभी से सभी के नाम के पीछे लगाने लगे ऐसे में चोट रहा है उससे वह जॉनी बने यहां तक इतने ज्यादा पापड़ बेलने के बाद भी जॉनी को अपने करियर का टर्निंग प्वाइंट की तलाश थी और उन्हें मिला भी पिता की कंपनी से काम छोड़ने के बाद जॉनी अपना पूरा समय स्टैंड अप कॉमेडी करने लगे.
धीरे-धीरे उनके लिंक भी बनने लगे कुछ समय बाद में मशहूर सिंगर सोनू निगम के पिता संत प्रोग्राम है ध्यान रखें जहां पर कॉमेडी कर लोगों को खूब हंसाते थे वहीं पर एक ऐसे ही शो में ऐक्टर शत्रुघ्न सिन्हा भी पहुंचे जहां उन्होंने जॉन को कॉमेडी करते हुए देखा इस रो में जॉन के कई दिग्गज कलाकारों की नकल की लेकिन शत्रुघ्न सिन्हा को खुद की मिमिक्री खूब पसंद आई इसके बाद बताया जाता है कि मशहूर अभिनेता सुनील दत्त ने जॉनी को स्टेज पर परफॉर्म करते हुए देखा और वह उनके दीवाने हो गए उन दिनों सुनील दत्त एक फिल्म बना रहे थे जिसका नाम था दर्द का रिश्ता जिसमें उन्होंने जॉनी को भी कास्ट किया.
यह फिल्म 1982 में रिलीज़ हुई थी जहां से उनका फिल्मी करियर शुरू हुआ था और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा हां जैन लेवर देश के मशहूर कोमेडिसिन के तौर पर जाने जाते हैं और आज के दौर में भी कॉमेडी से लवरेज कोई भी हिंदी फिल्म आती है तो वहां पर जॉनी का किरदार पेश होता ही है इसके साथ ही अगर उनके आखिरी फिल्म की तरह नजर डालें तो सन 2008 में उनकी आखिरी फिल्म कुली नंबर वन रिलीज हुई थी इस फिल्म में अपने किरदार के लोगों ने काफी सराहना की थी.