क्या है गोविंदा की बर्बादी के पीछे की असलियत क्यों नहीं मिल रहा आजकल काम…

आज हम उन सुपरस्टार की कहानियां आपको बताने वाले हैं जिसे अपनी पहली फिल्म पाने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ा उसके पिता भले ही बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय थे लेकिन उसका कुछ ज्यादा फायदा उसे नहीं मिल पाया कड़ी मशक्कत के बाद 22 साल की उम्र में उसे पहली फिल्म लगती है और इस पर क्लिक करने के बाद वह अभिनेता कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता है हम बात कर रहे हैं गोविंदा की जो आज भले ही गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हैं लेकिन उनको लेकर एक ऐसा भी स्टारडम था जिससे पूरी दुनियां की थी 90 का दौरा कर देखेंगे तो गोविंदा एक बड़े सुपरस्टार के तौर पर काफी ज्यादा प्रसिद्ध हुई थे आलम तो यह था कि तमाम निर्माता निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करवाने के लिए तरह-तरह के प्रयास भी करते थे और उनके शरीर डिमांड को पूरा भी करने में लगे रहते थे तभी तो गोविंदा के पास इतनी सारी फिल्मों की भरमार रहती थी क्यों दिन में करीब छह से सात फिल्मों की शूटिंग किया करते थे.

और मेरे हिसाब से ऐसा स्टार आज तक किसी भी सुपर स्टार की किस्मत ने नहीं देखा गया तो चलिए गोविंदा कीजिए आज कंगाली की कोशिश करते हैं और इस वीडियो में हम आपको गुड अपनी जिंदगी से जुड़े हर एक सैंपल उसे इस वीडियो के माध्यम से रूबरू कराने वाले हैं गोविंदा की बात करें तो अपने शानदार फिर भी सफर के दौरान इन्होंने कई सारी बड़ी सुपरहिट फिल्में दी है इन फिल्मों में हीरो नंबर बनने के बाद इन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और राजनीति में भी और नंबर वन बना सकते हैं लेकिन बुरी किस्मत की वजह से राजनीति में आना इनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी इस भूल के चलते आज अपना कैरियर कमाकर गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए हैं गोविंदा की अगर बात करें तो उनका जन्म 21दिसंबर 1968 को मुंबई के विरार इलाके में हुआ था गोविंदा के पिता अरुण आहूजा विवादों से पहले पंजाब के गुजरांवाला में रखे थे और फिर माता महबूब खान के कहने पर अरुणा पूजा मुंबई आने 1937 में मुंबई आने के बाद महबूब खान ने उन्हें अपनी फिल्म एक ही रास्ता में अभिनय करने का अवसर दिया.

गोविंदा की मात्रा जी मुसलमान थी धर्म परिवर्तन करने के बाद उन्होंने अपना नाम निर्मला देवी रख लिया था निर्मला देवी फिल्म अदाकारा थी * दशम हिंदी सिनेमा में आए तो उस समय का दौर एक्शन और रोमांस का था उस समय कॉमेडी के क्षेत्र में कोई ऐसा ही वृद्धि जो फिल्म में लीड रोल निभा सके लेकिन यह बड़ा काम नमक गोविंदा ने चुटकियों करके दिखाया तो गोविंदा अपने माता-पिता की छठी संतान थी जिनमें गोविंदा सबसे छोटे ओर सबसे प्यारे थे गोविंदा का एक भाई भी है रितेश कुमार जो कि बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने प्रदूषण और ट्रैक्टर के रूप में आज भी सक्रिय हैं वहीं उनकी एक बहन भी है जिनका नाम है काम नहीं करना वह एक राइट म्यूजिक डायरेक्टर्स और गाय का रूप में भी देखी जा चुकी है इसी के साथ अगर गोविंदा की पत्नी की तरह से डालेंगे तो गोविंदा ने सुनीता आहूजा से शादी की है और इसे उनकी दो संताने हैं एक बेटा और एक बेटी अब जैसे कि आप सभी जान गए हैं कि गोविंदा की मां एक मुस्लिम परिवार से बिलोंग करती थी.

लेकिन कभी भी इसका असर उनके परिवार पर नहीं पड़ा पिता से शादी करने के बाद इन्होंने हिंदू धर्म का पालन किया और उनकी मां ने मुस्लिम जाति होने के बावजूद भी गोविंदा के अंदर सारे के सारे हिंदू धर्म वाले गुण और संस्कार उनकी माता ने दिए थे लेकिन जब गोविंदा का जन्म होता है तो उनके पिता अरुण झा उन्हें गोद में लेने से मना कर देते हैं और इस बात का खुलासा गोविंदा ने अपने एक पुराने ट्रिप के दौरान कहा था अपनी मां से जुड़ी इस याद को उन्होंने तरो ताजा किया इस दौरान उन्होंने अपनी मां को लेकर कहा था कि जब वह अपनी मां के पेट में थे तब उनकी मां साथ भी बढ़ गई थी वह शादीशुदा है और पति के साथ रहती थी लेकिन का जीवन बिल्कुल साथ भी जैसा हो गया था और जो गोविंदा का जन्म होता है तो उनके पिता उन्हें गोद में लेने से और छोटे भी नहीं है इसका कारण यह बताया था इस दौरान गोविंदा ने बताया था कि उनके पिता को लगता था कि गोविंदा की कारण उनकी पत्नी साध्वी बन गई है हालांकि कई सारे लोगों ने गोविंदा के पिता को समझाया कि गोविंदा की मां के साधु बनने में उनका कोई भी देश नहीं है इसके बाद गोविंदा के पिता अरुण ओझा मांगे और उनके अभिनय को अपना लिया शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद गोविंदा के अंदर भी एक्टिंग का कीड़ा जाएगा और यह जीरा अंत तक बरकरार रखा.

जैसे कि सभी जानते हैं कि इस साल 1984 में की पहली टर्म एग्जाम आती है और इस प्रेम को पाने के लिए गोविंदा उन्हें दर-दर ठोकरें दिखाई थी पिता का इन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिला और उनकी पहली फिल्म से जुड़ा हम आपको एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया करते हैं दरअसल इस फिल्म के निर्माता थे पहलाज निहलानी जुड़े गोविंदा के कि आने वाले समय मैं बहुत सारी फिल्में की तलाश में हैं जब इस फिल्म का निर्माण कर रहे थे तो प्लास्टिक के रूप में कई सारे सितारे इस फिल्म में नजर आए थे जिसमे शशि कपूर शत्रुघ्न सिन्हा का नीलम और आप इस तरह जैसे बड़े कलाकार और इस पर गोविंदा की जगह सबसे पहले मिथुन चक्रवर्ती को कास्ट किया था यह फिल्म एक डांस क्लास सिक्स समिति और उस दौरान मिथुन चक्रवर्ती डांस में काफी ज्यादा फेमस थी और डांस पर आधारित उनकी कई सारी फिल्में सुपर डुपर हिट भी रही थी लेकिन मिथुन चक्रवर्ती ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया था उनके पास डेट्स की कमी थी इसलिए उन्हें पहला सुनहली के एग्जाम को ठुकरा दिया और सभी पहला उसने हमले के ऑफिस में एक तेज-तर्रार लड़का आता है.

जो करीब 22 से ही साल का होता है वह अपने साथ एक सीधी में लेकर आता है इसमें उसके कई सारे डांस स्टेप होते हैं और जब उस लड़के का डांस कि देखते हैं तो वह कहते हैं कि मुझे मेरा हीरो मिल गया फिर में जितने मर्जी बड़े सुपरस्टार हैं लेकिन गोविंदा का डांस चारों तरफ आ गया और इस तरह उनकी पहली फिल्म लगी और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे पहुंचने वाली गोविंदा के काम ज्यादा खुश हुए कि बाद में उन्होंने कई सारी बड़ी फिल्मों के साथ बनाई क्योंकि उस दौरान मिथुन चक्रवर्ती के बाद गोविंदा एक ऐसे अभिनेता थे जिनके डांस वह हर तरफ छा गए थे 80 के मैटर में डांस वाले फिल्में काफी ज्यादा पसंद की जाती थी और यह ट्रेंड भी गोविंदा के बाद काफी ज्यादा फेमस हुआ और इसे आगे ब्यूरो ने बढ़ाया निर्धारित समय बीता और गोविंद दास दिव्य दृष्टि में छात्र रहे गोविंदा महत्व थे इसलिए तब निर्माता निर्देशक उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट भी करवाते थे और गोविंदा भी उनकी फिल्मों को करने से मना नहीं करते थे बल्कि उनके पास डेट्स नहीं रहती थी लेकिन फिल्म में साइन किया करते थे लेकिन एक बार बॉलीवुड के ट्रेजडी अकेला जाने वाले दिलीप साहब ने उनको लेकर एक बात कही थी और उनकी बात मानकर गोविंदा कामयाबी के और ऊंची ब्याज छूट थी.

दरअसल हुआ यूं कि एक बार गोविंदा कई सारी बड़ी फिल्में साइन करते थे उनके पास करीब 70 से ज्यादा फिल्में थी जो पेट नहीं थी और उसी दौरान हो दिलीप साहब के साथ काम भी कर रहे थे वह यू की शूटिंग सेट पर दिलीप साहब के साथ बैठे हुए थे और उन्हें बहुत ज्यादा थकान भी महसूस होती थी दिलीप साहब से उन्होंने इस बार मैजिक में प्रचलित साहब ने उन्हें समझाते हुए कहा कि आप एक्शन फिल्मों के लिए नहीं बने हो आप कॉमेडी में हाथ आजमा ओ और इतनी सारी फिल्में बस साइड का गोविंदा ने भी उनकी बात मानी और इस दौरान उन्होंने कई सारी बड़ी फिल्में करने से मना कर दिया और उनकी जो साइड कमांड भी थी वह भी उन्हें वापस कर दीजिए उसके बाद गोविंदा कॉमेडी मैं आगे कॉमेडी में आने के बाद गोविंदा का कोई भी तोड़ नहीं 90 के दौर में गोविंदा ने कई सारी कॉमेडी से लवरेज फिल्में की और इन फिल्मों को लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया नोटिस का दौरा आते-आते गोविंदा ने बहुत ही कम समय में वॉल्व वर्ष की अवस्था गए थे और वह बड़े सुपरस्टार के तौर पर काफी ज्यादा फेमस भी हो गए थे बड़े से बड़ा सुपरस्टार उनके सामने बौना नजर आता था.

और वह दिन में करीब छह से सात फिल्मों की शूटिंग भी किया करते थे लगभग 90 के दौर में उन्होंने कई सारी कॉमेडी से लवरेज फिल्में की थीं और इन फिल्मों को लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया लेकिन गोविंदा में क्या सोचा क्यों हीरो नंबर वन बनने के बाद नेता नंबर वन बनने निकल पड़े थे के साथ 2004 में कांग्रेस के टिकट पर गोविंदा ने मुंबई से लोकसभा चुनाव जीता चुनाव प्रचार के दौरान गोविंदा ने मुंबई के लोगों के लिए प्रवाह स्वास्थ्य और ज्ञान को अपने एजेंडे का मुख्य हिस्सा बताएं लोकसभा सदस्य बनने के बाद गोविंदा ने इंटरनेट के अनुरूप कोई भी काम नहीं किया शुरुआत 10 महीने में तो उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा स्थानीय विकास व निर्माण के लिए धनराशि का उपयोग तक नहीं किया यह आज मीडिया में आने के बाद गोविंदा ने स्थानीय विकास के प्रति ध्यान आकर्षित किया अब राजनीति से भटकने के बाद गोविंदा की जब चारों तरफ आलोचनाएं होने लगी तो वह इस समय उलझते हुए नजर आए और एक निजी चैनल द्वारा हुए स्टिंग ऑपरेशन में जब शक्ति कपूर को दोषी पाया कि आप तभी गोविंदा शक्ति कपूर के समर्थन में डांस बार को बंद करवाने जैसी कार्रवाई का भी 2 विनर खूब विरोध किया था तो राजनीति में सक्रिय और अपेक्षित भागीदारी नहीं निभा पाए और इसके बाद परिणाम स्वरूप हुए 2008 में अपने एक्टिंग करियर पर दोबारा से ध्यान देने के लिए राजनीति को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.

लेकिन गोविंदा ने जब यह फैसला लिया तो उन्हें बहुत ज्यादा दूर होंगी 2004 में तो वह कांग्रेस के टिकट पर राजनीति में तो खुद है लेकिन जब 2008 में उन्होंने राजनीति को अलविदा कहा तब तो बॉलीवुड की बहुत ज्यादा बदल गई थी 2008 के बाद गोविंदा जब दोबारा से अपना पैर वॉल्व फिल्म इंडस्ट्री में जमाना चाहते थे तो उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कतें पूरी उन्हें फिल्म में तो मिली लेकिन फिर मोमेंट की कोई भी हमारी नहीं देखने को मिली और बाद में कोई गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए अब ऐसा नहीं कि गोविंदा 2008 के बाद किसी बड़ी फिल्म का हिस्सा नहीं बने तो कई सारे सुपर स्टारों के साथ चकली शेयर तो करते हुए नजर आए लेकिन और फिल्मों को उस हिसाब से नहीं पसंद किया गया जैसा कि पहले पसंद किया जाता था और धीरे-धीरे वह पूर्ण दृष्टि से आउट थे नजर आप 2019 में उनकी आखिरी फिल्म रंगीला राजा रिलीज हुई थी जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई इस फिल्म में गोविंदा के डबल किरदार थे कॉमेडी से लबरेज इस फिल्म को लोगों ने सिरे से नकार दिया और आज भी को भी लाए एक बड़ी हिट फिल्म की तलाश में जुटे हुए हैं अब भले गोविंदा साल दो साल बाद किसी बड़ी फिल्म का हिस्सा बनते हैं.

लेकिन इन सबके बावजूद कविता के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोविंदा के मुंबई और उसके आसपास के इलाके में करीब 3 ग्रह इन एक बंगला मड आइलैंड और एक बंगला मुंबई के पॉश एरिया जो हूं मैं है जिसमें अपने परिवार के साथ रहते हैं इनके अलावा उन्होंने रियल स्टेट की कई सारी प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट भी करके रखा है गोविंदा करीब डेढ़ सौ करोड़ की संपत्ति के इकलौते मालिक है इस तरह आप भी समझ सकते हैं कि मौजूदा दौर में भले ही गोविंदा फिल्मों में दिखाई देते हो लेकिन फिर भी मसाला लाख करोड़ रुपए कमा ही लेते हैं गोविंदा यह पैसा ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिए भी कम आते हैं जो मैं अच्छा ख़ासा रकम भी देते हैं इसके अलावा रियल स्टेट से विश्व की बड़ी कमाई होती है और गोविंदा हर साल करीब 16 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं अब इसी के साथ अगर गोविंदा के अगर विवादों की तरफ नजर डालें तो गोविंदा भी बाकी सुपरस्टार के साथ कई बार विवादों में घिर चुके हैं और एक ऐसा भी था जब गोविंदा को लेकर आया तब किसी को उन पर यकीन नहीं हो रहा था यह मामला 2008 था जब उनके ही फैन ने उन पर आरोप लगाया था कि फिर मनी है तो हनी है कि सेट पर उन्होंने उन्हें जोरदार तमाचा जड़ा है इसकी क्लिप भी सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा पर कि इस किले में साफ तौर पर आप देख सकते हैं कि गोविंदा है कि हिसाब से संतोष राय को थप्पड़ रसीद किया था जिसकी गोद कोर्ट तक सुनाई थी और मजहबी मुकदमा चला तो इसमें संतोष राय की जीत होती नजर आई पर कोर्ट ने भी गोविंदा फटकार लगाई थी.

और बाद में बताया गया कि गोविंदा सुथरा से अपना पैचअप कर दिया इसकी तस्वीर भी काफी ज्यादा वायरल हुई थी इस तस्वीर में संतोष राय के साथ गोविंदा नजर आए थे तब जाकर मामला ठंडा पड़ा था अलग यह पहला दिन था जो गोविंदा काफी ज्यादा सूखने में थे इसके बाद वह अपने ही भांजे कृष्ण अभिषेक को लेकर काफी देर तक चर्चा में बने रहते हैं अक्षर बी र सोशल मीडिया पर कृष्णा और गोविंदा की फैमिली में तकरार होती रहती है तो दोस्तों कुछ इस तरीके की कहानी रही है गोविंदा की शुरू में बहुत ज्यादा स्ट्रगल किए और उन्हें इसका फायदा भी मिला नोटिस के दौर में वह बड़े सुपरस्टार बन गए लेकिन राजनीति में आने के बाद सभी लोगों को कहना है कि गोविंदा की बहुत बड़ी भूल थी और यह भूल वह समय रहते सुधार निभाई और जैसे कि आप सभी चाहते हैं कि आज गुमनामी की जिंदगी जीने पर मजबूर है तो दोस्तों आपको स्टोरी कैसी लगी और गोविंदा की जिंदगी से जुड़ी अगर मैंने कुछ बातें मिस करती हैं तो नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन के माध्यम से मुझे जरूर लिखना चाहिए था.

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