90 के दशक के सुपरस्टार गोविंदा ने अपनी कॉमेडी फिल्मों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया उनकी फिल्में देखकर दर्शक लोटपोट हुए गोविंदा पिछले 40 सालों से बॉलीवुड में काम कर रहे हैं और उनकी ज्यादातर फिल्में जो हैं ऐसी रही हैं जिसको देखने के बाद दर्शक खूब हंसे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दर्शकों को हंसाने वाले गोविंदा अपनी जिंदगी में बहुत दर्द झेल चुके हैं उन्होंने अपने सामने 11 लोगों की मौत देखी है 11 लोग उनके परिवार के थे और हर एक मौत ने गोविंदा को अंदर से तोड़क रख दिया मैंने अपनी फैमिली में 11 मौतें देखी हैं.
इनमें से एक मेरी पहली बेटी की डेथ है जो चार महीने की उम्र में चल बसी वो प्रीमेच्योर बीबी थी बेटी के अलावा मैंने अपने पिता मां दो कजंस जीजा और बहन की डेथ देखी है इन सभी के बच्चों को मैंने ही बड़ा किया क्योंकि उनकी कंपनियां बंद हो चुकी थी और उनके पास कोई काम नहीं था मेरे ऊपर बहुत इमोशनल और फाइनेंशियल प्रेशर रहा है लोगों को लगता है कि गोविंदा दो बच्चों के पिता है लेकिन ऐसा नहीं है गोविंदा के तीन बच्चे हुए थे और यह भविष्यवाणी उनकी मां ने भी की थी कि गोविंदा बेटा तुम्हें तीन बच्चे होंगे गोविंदा को पहली एक बेटी हुई थी जो प्रीमेच्योर बेबी थी चार महीने में ही गोविंदा की बेटी चल बसी और उस दौरान गोविंदा बहुत दुखी थे.
वो उनके करियर का एक तरह से शुरुआती समय था और बेटी के गम से उभरने के लिए गोविंदा ने खुद को फिल्मों की शूटिंग में झोक दिया था और काफी दुख थे उनके परिवार में खुशी तब आई जब उनकी बेटी टीना अहुजा का जन्म हुआ गोविंदा के लिए उनकी मां का निधन भी बहुत सदमे भरा रहा आपको यह बता दें उस दौरान गोविंदा हीरो नंबर वन फिल्म की शूटिंग कर रहे थे यह फिल्म 1997 में आई थी और गोविंदा ने अपनी मां को खो दिया उस मां को खो दिया जिनको वह भगवान मानते थे और दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते थे कभी भी अपनी मां का कहना नहीं डालते थे यहां तक कि सुनीता से उन्होंने शादी भी अपनी मां के कहने पर की थी.
लेकिन गोविंदा ने अपनी जब मां को खोया तो वह बहुत ज्यादा दुखी हुए थे सदमे में चले गए थे बहुत दिनों तक वह डिप्रेशन में रहे परेशान रहे और अपनी मां के लिए तड़पते रहे गोविंदा के लिए उनके पिता का निधन भी बहुत दर्दनाक रहा गोविंदा के पिता अरुण आहूजा पहले बॉलीवुड फिल्मों में एक्टर थे बाद के दिनों में उन्होंने फिल्में प्रोड्यूस की लेकिन उनको बहुत घाटा हुआ और मुंबई में वह एक बंगले में रहते थे लेकिन बाद के दिनों में उनको विरार जाकर रहना पड़ा और उनके परिवार ने बहुत आर्थिक तंगी देखी गोविंदा जब फिल्मों में नहीं आए थे उसी दौरान उनके पापा चल बसे थे गोविंदा के लिए बहुत दर्दनाक रहा उनकी बहन पद्मा शर्मा का निधन जब पद्मा शर्मा का निधन हुआ तब उनकी गोद में चार महीने की बच्ची थी जी हां आरती सिंह जब सिर्फ 20 दिन की थी तब उनकी मां का निधन हो गया था वो कैंसर के शिकार हो गई थी.
और जब पद्मा शर्मा का निधन हुआ तब उनकी बेटी को जो है उनकी बुआ ने पाला जिनका नाम गीता सिंह है और वो उनकी यशोदा बनकर जो है उनकी देखभाल करती रही और एक तरह से पूरा परिवार बिखर गया था और गोविंदा ने आर्थिक तौर पर जो है अपने परिवार की काफी की मदद की उनके परिवार में जो भी लोग गुजरे उन बच्चों की देखभाल उनकी आर्थिक जिम्मेदारी तक गोविंदा ने उठाई गोविंदा की बड़ी बहन पुष्पा आनंद भी अब इस दुनिया में नहीं है बता दें अक्टूबर 2011 को उनका निधन हो गया पुष्पा आनंद खुद भी एक एक्ट्रेस थी गोविंदा की बहन पुष्पा आनंद ने गीतकार रवि आनंद से शादी की थी और उनके जीजा रवि आनंद का भी निधन हो गया और उनके जो बेटे हैं विनया आनंद व भी भोजपुरी फिल्मों में काम करते हैं पहले उन्होंने बॉलीवुड में शुरुआत की थी.
लेकिन वह बॉलीवुड में चल नहीं पाए आपको यह बता दें कि गोविंदा के तीनों जीजा अब इस दुनिया में नहीं है गोविंदा तीन बहन और दो भाई हैं और उनके तीनों जीजा अब इस दुनिया में नहीं है और जब उनके जीजा दुनिया से चले गए तब गोविंदा ने अपनी बहनों को भी आर्थिक सहारा दिया उनके जो भांजे भांजी हैं उन सबको भी जो है करियर बनाने में योगदान दिया आपको याद होगा गोविंदा ने आंटी नंबर वन नि फिल्म की थी इसके अलावा गोविंदा की एक फिल्म आई थी आमदनी अठनी खर्चा रुपैया और यह फिल्म गोविंदा ने ने अपने भांजे विनया आनंद के करियर को आगे बढ़ाने के लिए की थी साल 2019 में गोविंदा के घर में एक और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था घर का एक जवान बेटा चल बसा था और वह कीर्ति कुमार के बेटे जन्मेंद्र आनंद जो है अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे और गोविंदा इससे काफी दुखी हुए थे.
उनका जब अंतिम संस्कार हुआ तो वहां भी गोविंदा पहुंचे थे और परिवार पर आई इस विपदा के दौरान गोविंदा की आंखों में आंसू दिखा था 25 अप्रैल को गोविंदा की भांजी आरती सिंह की शादी हुई आपको बता दें कि पिछले आठन सालों से गोविंदा आरती और कृष्णा अभिषेक के संपर्क में ज्यादा नहीं रहते थे उनके साथ नहीं दिखते थे लेकिन जब भांजी की शादी हुई तो गोविंदा खुद को रोक नहीं पाए वो आरती सिंह को आशीर्वाद देने पहुंचे कहा जाता है कि वहां अपनी भांजी को दुल्हन के रूप में देखकर उनकी आंखों में आंसू भी आ गए थे गोविंदा वहां मुश्किल से 5 मिनट रुके और वो फिर चले गए कहते हैं अपने तो अपने होते हैं भले ही आप कभी-कभी लड़ाई करते हैं लेकिन जब परिवार में कोई ऐसी घड़ी आती है जैसे कोई दुख की घड़ी हो या फिर सुख की घड़ी हो तो कहीं ना कहीं पूरा परिवार एकजुट होता है और यही बड़प्पन जो है गोविंदा ने दिखाया.