कौन होते हैं यहूदी? आखिर मुसलमानों के साथ उनका झगड़ा क्यों है? यहूदी धर्म के लोग किसकी पूजा करते हैं? दुनिया में यहूदियों की आबादी कुल कितनी है? इन सारे सवालों का जवाब आपको इस वीडियो में मिलेगा। दरअसल मुस्लिम और यहूदी समुदायों के बीच संघर्ष का मुख्य कारण जमीन, धार्मिक और राजनैतिक दावे हैं। खासकर इजराइल फिलिस्तीनी क्षेत्र में यह संघर्ष सदियों से चलता आ रहा है। जिसमें धार्मिक, ऐतिहासिक और राजनैतिक कारण भी शामिल है। इजराइल फिलिस्तीनी क्षेत्र विशेष रूप से यरूशलम दोनों समुदायों के लिए बेहद ही पवित्र है और दोनों ही इस पर अपना-अपना,
दावा करते हैं। 1948 में इजराइल की स्थापना के बाद से ही मुस्लिम यहूदी दुश्मनी की शुरुआत होती है। 1920 के दशक में दोनों समुदायों के बीच हिंसा की कई घटनाएं हुई थी और कई लोग मारे भी गए थे। दोनों पैगंबर इब्राहिम की औलाद हैं। उनके एक बेटे इस्माइल से शुरू होने वाली नस अरब कहलाई और इसहाक की औलाद यहूदी कहलाई। यरूशलम का मुद्दा इजराइल और फिलिस्तीनी अरबों के बीच के पुराने विवादों में से एक अहम मुद्दा रहा है। यरूशलम यानी वो शहर जिसे ईसाई, यहूदी और मुस्लिम सभी प्यार करते हैं और अपने धर्म की अलग-अलग कहानियों से जोड़ते हैं। जिनके इतिहास को,
लेकर भी काफी विवाद है। तीनों ही धर्म अपनी शुरुआत की कहानी को बाइबल के अब्राहम से जोड़ते हैं और इसी पवित्र जगह को लेकर यहूदियों और मुस्लिमों के बीच दुश्मनी है। चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर इजराइलियों का यहूदी धर्म क्या है और यह लोग किसकी पूजा करते हैं। यहूदी एकेश्वरवाद में विश्वास रखते हैं। मूर्ति पूजा को इस धर्म में पाप समझा जाता है। आज से करीब 4000 साल पुराना यहूदी धर्म वर्तमान समय में इजराइल का राजधर्म है। यहूदी धर्म की शुरुआत पैगंबर अब्राहम यानी कि अब्राहम या इब्राहिम से मानी जाती है जो ईसा से 2000 वर्ष पूर्व हुए थे। ईसा से,
लगभग 1500 वर्ष पहले अब्राहम के बाद यहूदी इतिहास में सबसे बड़ा नाम पैगंबर मूसा का है। पैगंबर मूसा ही यहूदी जाति के प्रमुख व्यवस्थाकार माने जाते हैं। चलिए अब आपको इजराइल के बनने की पूरी कहानी बताते हैं। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 14 मई 1948 यानी वो दिन था जब दुनिया भर में यहूदी लोगों ने आजादी का जश्न मनाया था। लेकिन पड़ोसी अरब देशों ने इजराइल की आजादी स्वीकार नहीं की और दूसरे ही दिन पांच देशों की सेनाओं ने नए-बने देश पर हमला कर दिया था। इजराइल के बनने के बाद लाखों की संख्या में फिलिस्तीनी अरबों को लड़ाई के,
दौरान पलायन का सामना करना पड़ा था। यहीं से फिलिस्तीनी शरणार्थी समस्या की शुरुआत हुई थी जो आज तक जारी है। अरब देशों के करीब 6 लाख यहूदी शरणार्थी और विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में जीवित बचे ढाई लाख लोग इजराइल की स्थापना के कुछ सालों में वहां आकर बसे। इससे इजराइल में यहूदी लोगों की संख्या दोगुनी हो गई। चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर दुनिया के किन देशों में यहूदी रहते हैं और वहां पर उनकी आबादी कितनी है। सबसे पहले बात इजराइल की करते हैं। यहां यहूदियों की कुल आबादी 7.2 मिलियन है। अमेरिका की अगर बात की जाए तो,
अमेरिका में 6.3 मिलियन यहूदी रहते हैं। फ्रांस में 4400 यहूदी रहते हैं। कनाडा में 398000 यहूदी रहते हैं। यूनाइटेड किंगडम में 312 यहूदी रहते हैं। अर्जेंटीना में भी यहूदियों की आबादी है। और यहां यहूदियों की कुल आबादी 1,71,000 है। रूस में 1,32,000 यहूदी लोग रहते हैं। जर्मनी की अगर बात की जाए तो जर्मनी में 1,25,000 यहूदी आबादी है। ऑस्ट्रेलिया में 1,70,000 यहूदी आबादी है। आपको बता दें कि इजराइल दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है जहां सिर्फ यहूदी रहते हैं। हालांकि इजराइल मुस्लिम देशों से घिरा हुआ है और लगातार हमले का शिकार भी होता रहा है। ईरान, हिजबुल्ला, हमास और हूतियों से इजराइल लगातार मुकाबला कर रहा है.