धीरज कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे असित मोदी, रजा मुराद, सुरेंद्र पाल और कई अन्य..

धियो यो प्रचोदयात ओम [प्रशंसा] स्वाहा तत्सविम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो ना प्रचोदयात जो है आपका शांत होता है और सब शहरत कमाई और शहरत के साथ साथ रेपुटेशन और आपने वक्त तक काम करते रहे मेरी आपने इनसे मुलाकात की साहब के मुलाकात की हमने उनकी शादी में भी की थी। 1979 में उनकी शादी की थी। सो एक अच्छी जिंदगी थी। अच्छी और जिंदगी में उनका चढ़ावें लेकिन आइए सभी लोग हाथ जोड़ेंगे पवित्र आत्मा की संगति के लिए प्रार्थना आरंभ करते हुए आप साइड हो जाओ साइड हो जाओ अपनी अपनी श्रद्धांजलि पूज्य स्वर्गीय धीरज कुमार जी की आत्मा की,

संगति कितनी सीरियल कितनी फिल्में बनाई उन्होंने कितनी कितने प्रोडशंस में जो है उनका जो रुप था पुलिस आदमी को काम देना तो काम मिलता था और मुझ जैसे एक्टर को जिसने कभी काम नहीं दिया 50 साल में उन्होंने मेरे जैसे एक्टर तमाम लोगों को काम दिया सबसे बड़ी बात ये है वो गरीबों के मसीहा थे और स्ट्रगलर्स के छोटे-मोटे कलाकारों के लिए बहुत करते थे वो और कभी कभी इन्होंने सताया नहीं बहुत बढ़िया अरेंजमेंट था खाने का पीने का प्रोडक्शन का हर जगह हर जगह उनका इन्वॉल्वमेंट रहता था वो किसी गरीब की बद्दुआ नहीं लेने की हमारी फिल्म,

इंडस्ट्री इंडस्ट्री में चलता है ना थोड़ा बहुत रिजर्व लेकिन वो नहीं करते एकदम साफ दिल था और सबसे बड़ी दुख की बात ये है कि एकदम तंदुरुस्त थे बातचीत करते हुए एक दिन में ही सब मामला हो गया यह उन्होंने बहुत कुछ किया जब वो टीवी में संसार सीरियल थी बहुत सारी सीरियलें थी Zee टीवी पे उन्होंने बहुत अच्छा काम किया तो तभी तो हम लोग नए-नए थे तो उनके वहां मैं स्ट्रगल करने भी जाता था तो बहुत प्यार से बात करते थे और जब से बाद में धीरे-धीरे मेरी कुछ तरक्की हुई तो हमेशा मुझे शुभकामनाएं देते थे और बधाई देते थे। अभी पिछले गुरुवार को ही उन्होंने पहले,

प्रोड्यूसर थे जिन्होंने मुझे मैसेज दिया और बधाई दी कि तारक मेहता के 444 एपिसोड हो गए और आज भी तेरा शो अच्छा कर रहा है तो बहुत खुश हो गए और बहुत सोचा नहीं था कि एकदम अचानक ऐसे हो जाएगा। अब पता चला तो मैंने दो-तीन लोगों से कंफर्म किया कि मेरा तीन-चार दिन पहले तो बात हुई है। ऐसे कैसे हो सकता है? तो बहुत दुख की बात है। जिन्होंने इंडस्ट्री में इतना बड़ा छाप छोड़ा हो और इस तरह जाना क्या लॉस है? लॉस है। बहुत बड़ा लॉस है क्योंकि वो वर्करों के लिए और सारे लोग के लिए डायरेक्टर असिस्टेंट डायरेक्टर जो होते हैं आर्टिस्ट,

होते हैं, वर्कर्स होते हैं, लाइटमैन, स्पोर्ट बॉय सभी क्राफ्ट हमारे जितने भी डांसर और टेक्नशियन के जितने भी क्राफ्ट है उनके लिए वो मेडिकल कैंप करते थे साल में एक बार और सेहत के बारे में सबको अच्छा नॉलेज मिले क्योंकि हम लोग वर्कर लोग को बहुत काम करना पड़ता है, खड़ा रहना पड़ता है। तो वो उनको वो अपना सेहत का ख्याल नहीं रख पाते। तो उन्होंने वर्करों लोग के लिए सारी इंडस्ट्री के लिए एक सेवा का बहुत अच्छा काम करते थे। तो वो हमेशा बोलते थे कि अभी बस अच्छा काम करना है। तो आज मैं भी बहुत बड़ा ऐसा दुख हो रहा है कि,

सोचा नहीं था और एकदम हो गया। ऐसे फिट रहते थे। आज कहना चाहूंगी धीरज सर अब नहीं रहे बट 80 साल की जर्नी में कहां आपको कितनी मेमोरी अब याद आ रही है? मेरी मित्रता उनके साथ थी करीब 40 साल हो चुके हैं। महाभारत जब आई थी 38 इयर्स बैक उससे भी पहले हम लोग बहुत अच्छे दोस्त थे। बहुत अच्छे मित्र थे और अक्सर मिलते रहते थे। पारिवारिक उनके साथ मेरे संबंध रहे हैं। और एज ए प्रोड्यूसर ही वाज़ अ वेरी सक्सेसफुल मैन। बहुत अच्छे बहुत अच्छे-अच्छे शोज़ बनाए उन्होंने। अ मायका ओम नमः शिवाय अ घर संसार बहुत सारे करीब मैं 48 शोज़ के तो,

नाम भी नहीं ले सकता हूं इतने पर। एंड अ वेरी सक्सेसफुल प्रोड्यूसर। बहुत दूरदर्शिता थी उनकी और जब भी कोई बहुत अच्छा पावरफुल रोल आता था तो मुझसे हमेशा कहते थे कि सुरेंद्र तुम मेरा शो नहीं करोगे? तो मैं बड़ा मजबूर हो जाता था और उनका शो मैं पकड़ लेता था। मैंने कहा नहीं सर आपका शो तो कभी भी नहीं छोडूंगा मैं और जब भी वो मुझे कोई अच्छा प्रपोजल लेकर आते थे मैं हमेशा कहता था। करीब 48 उन्होंने शोज़ बनाए हैं टेलीविज़ के ऊपर। एंड ऑल शोज़ वर वेरी वेरी सक्सेसफुल। इसमें ओम नमः शिवाय वाज़ अ डीडी के ऊपर आता था। दैट वाज़ हैज़ क्रिएटेड,

द हिस्ट्री ऑन टेलीविज़। जिस तरह महाभारत ने एक इतिहास लिखा था उसी तरह ओम नमः शिवाय ने भी एक इतिहास लिखा है दूरदर्शन के ऊपर और हम लोग अगर बहुत टाइम हो जाता था मुझे मिले हुए तो मैं अक्सर ऑफिस में जाकर भी उनको मिलता था और मेरे लिए तो एक परिवार था और मेरे परिवार का एक सदस्य आज हमारे बीच में नहीं है तो ये घटना तो बहुत दुखद है ही और जिसका इंसान इस दुनिया से छोड़ के चला जाता है। उसी इंसान को उसकी अहमियत पता है कि वो कितना प्रिय था उनके बीच में। मैं तो ईश्वर से यही प्रार्थना करूंगा कि उनके परिवार को शक्ति दे इस,

दुख को सहने के लिए और आज जर्नी से अपने देखते आए हैं। आज लास्ट क्या कुछ कहना चाहेंगे? मेरी मेरी उनकी एसोसिएशन जो है वो 50 साल से ज्यादा पुरानी है। मेरे सीनियर थे वो एफटीआईआई में 1965 में जब वो जेरे तालीम थे वहां पे तो एक यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स फिल्मफेयर कॉन्टेस्ट हुआ था जिसमें राजेश खन्ना विनर थे। विनर करार दिए गए थे और ये भी फाइनलिस्ट थे। तो इन्होंने वो एक्टिंग कोर्स मुकम्मल नहीं किया। एक साल के बाद इन्होंने छोड़ दिया और एक फिल्म मिली थी उन्हें रातों का राजा। है फिल्म इंडस्ट्री लाइन लग गई धीरज कुमार,

के घर के बाहर प्रोड्यूसर की लाइन लगी रहती थी और फिल्म नहीं चली तो सबने साथ छोड़ दिया। हीरो बनने के लिए आए थे। हीरो ना बन पाए तो हालात से समझौता किया। कैरेक्टर रोल्स शुरू कर दिए। मनोज कुमार की हर फिल्म में होते थे। और एक बहुत ही मशहूर गाना है स्वामी का। आए ना बालम का करूं सजनी। वो इन पे भी शरायद हुआ था। फिर इन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस खोला। पहली फिल्म बनाई वक्त के शहजादे उसमें मैंने काम किया था। उसके बाद यह बदसूर टीवी शोज़ बनाते रहे। कहां गए वो लोग? एक इनका सीरियल था जो फ्रीडम फाइटर्स पे था। किस तरीके से वो लड़े थे। मुल्क की आजादी,

के लिए उन्होंने अपनी जाने कुर्बान की। उसके बाद उन्होंने एक और सीरियल बनाया। उसका नाम था संसार। उसमें भी हमने काम किया। फिर उन्होंने अदालत बनाई उसमें भी हमने काम किया। तो हमारे साथी थे। हमारे बगैर वो कुछ भी नहीं बनाते थे। सीधा सच्चा नेक इंसान था। कोई बुराई नहीं थी। कोई बुरी आदत नहीं थी। कोई लत नहीं थी। और दो घंटे रोज पूजा करते थे। वो जो उनका वक्त था वो उनका वक्त था। फिर वो ना तो किसी से फोन पे बात करते थे ना किसी को एंटरटेन करते थे। दो घंटे रोज पूजा करते थे। इंडस्ट्री को बहुत बड़ा लॉस है और खुसूसन टीवी,

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