हम आपको फिल्मों में राष्ट्रवाद के उस युग के बारे में बताएंगे जो आज मशहूर अभिनेता मनोज कुमार के निधन के साथ समाप्त हो गया यह वो युग था जिसमें सिनेमा विचारों का आईना हुआ करता था और मनोज कुमार उसका उजाला थे मनोज कुमार हिंदी सिनेमा के उन गिनेचुने कलाकारों में से एक रहे जिन्होंने पर्दे पर सिर्फ एक्टिंग नहीं की बल्कि एक विचार एक सोच और एक मिशन को जिंदा रखा और वो भारत के पहले राष्ट्रवादी अभिनेता थे.
और देश के लोग उन्हें मनोज कुमार कम और भारत कुमार के नाम से ज्यादा जानते थे क्योंकि अपनी फिल्म में मनोज कुमार हर बार यह संदेश देते थे कि अपने देश से प्यार करना चाहिए भारत से पर गर्व करना चाहिए अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए आजकल राष्ट्रवाद की बड़ी बातें होती हैं लेकिन मनोज कुमार ने अपने दौर में फिल्मों के जरिए लोगों को देश भक्ति की भावना का बहुत गहराई से शायद पहली बार एहसास कराया.
और इसी देश प्रेम की बदौलत उनके चाहने वाले उन्हें भारत कुमार कहने लगे थे सो आज जब राष्ट्रवाद की इतनी बड़ी-बड़ी बातें होती हैं हम सोचते हैं कि कुछ लोगों को कहते हैं यह राइट विंगर है कुछ लोगों को कहते हैं यह लेफ्ट विंगर है उस जमाने में मनोज कुमार ने देश को यह सिखाया और आज भी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर देश जिन गानों के साथ राष्ट्रभक्ति के रस में डूब जाता है वो गाने मनोज कुमार ने ही इस देश को दिए हैं.
और आप याद कीजिए मेरे देश की धरती सोना उगले भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं जैसे मशहूर गीत लोग आज भी गुनगुनाते हैं और इन गीतों को सुनने के बाद अपने देश पर गर्व करते हैं और देशभक्ति की भावना से भर जाते हैं मनोज कुमार का निधन 87 वर्ष की उम्र में हुआ है और उनका एक मशहूर डायलॉग था दुनिया में सबसे बड़ा धर्म है.
अपने देश के लिए प्यार और देशभक्ति दिखावे की नहीं बल्कि दिल की चीज होती है और इन्हीं शब्दों के साथ आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते हैं भारत के हर उस व्यक्ति की तरफ से जो अपने देश से प्यार करता है जो भारत से प्यार करता है और जो राष्ट्रवाद से भरा हुआ है.