प नहीं कुछ शायद अच्छे कर्म किए होंगे मैंने आर्थिक कठिनाइयां बहुत ज्यादा थी खाने के पैसे नहीं रहते थे पिताजी के साथ धान उगाता था मैं खेत में धान का गट्ठर सर पर लात के ले जाता था आ साल का बच्चा था उस समय आप ग्लिसरीन लगा के भी रो सकते हैं आंसू जो है वह आ जाएंगे वह असली आंसू ही लगेंगे मैं असल में सच बता रहा हूं मैं इमोशनल हो जाता हूं जब यह सब बातें सोचता हूं और जब इस तरह के सवाल मुझसे पूछे जा तो मैं बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाता हूं क्योंकि मैं बहुत इमोशनल बंदा हूं एक्चुअली और मुझे पहली बार एहसास हुआ था कि मैं एक एक पॉपुलर स्टार बन गया हूं जब मैं कानपुर गया था और कानपुर में कुछ एक स्कूल में वह इवेंट था और वहां पर तकरीबन दोती हजार लोग थे.
और बल्कि और ज्यादा ही रहे होंगे मुझे लगता है चार पा 5 हज की भीड़ थी और पूरा कानपुर जो है वह जाम हो गया था मुझे पता ही नहीं था कि इस तरह के इवेंटस भी हुआ करते हैं मुझे पता ही नहीं था कि ऐसे लोग ऑर्गेनाइज करते हैं वहां पर शायद मेरी होर्डिंग वगैरह भी लगा रखी थी उन्होंने कानपुर में तो पूरे कानपुर में ट्रैफिक जाम था और वहां पर पहली बार मुझे एहसास हुआ उन लोगों ने ऐसा व्यवहार किया वहां की ऑडियंस ने जैसे कि.
मैं अमिताब बच्चन हो या माइकल जैक्सन या शाहरुख खान हो उस लेवल का तो उसके बाद बाद मैं घर आया और मैं एक हफ्ते तक रोता रहा मैंने कहा भगवान ये आपने क्या दे दिया एक मामूली सा बच्चा एक गरीब बच्चा जिसके पास खाने के लिए पैसा नहीं था उसको आपने क्या दे दिया तो मैं आज भी यह सब सोचता हूं तो बहुत इमोशनल हो जाता हूं और यह बहुत ही बहुत ही गजब की जर्नी है एक ऐसी जर्नी है जो कि बहुत कम लोगों को नसीब होती है और मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझता हूं मां का आशीर्वाद है और मेरे पता नहीं कुछ शायद अच्छे कर्म किए होंगे मैंने पता नहीं क्या है नसीब है लेकिन जो मुझे मिला है जो यह जर्नी रही है उसको एक्चुअली शब्दों में बयान करना मुश्किल है.
मैं लंडन गया था तो वहां पर मुझे पिडली सर्कस में घेर लिया था लोगों ने आपको मैं बताऊं कि जो प्रारब्ध होता है यानी जो भाग्य होता है वह बहुत कमाल करता है जीवन में आपको मैं बताऊं मैंने जीवन में कभी भी हवाई जहाज की यात्रा नहीं की थी मैं प्लेन से कभी चला नहीं था और क्योंकि हम आर्थिक रूप से संपन्न थे नहीं आर्थिक कठिनाइया बहुत ज्यादा थी खाने के पैसे नहीं रहते थे मैं साढ़े सा पने साल की उम्र से किसानी से मैंने काम शुरू किया था पिताजी के साथ धान उगाता था मैं खेत में और आठ आठ 1010 किलोमीटर धान का गट्ठर सर पर लात के ले जाता था ठ साल का बच्चा था उस समय में तो बहुत संघर्ष देखा और पहली बार जब प्लेन में बैठा मैं तो प्लेन से सीधा सिंगापुर गया विदेश यात्रा की सीधा मैंने अब आप बताइए क्या ये कैसा भाग्य है कि कभी भी डोमेस्टिक किया ही नहीं सीधा इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ी.
मैंने तो ऊपर वाला जो है वह कमाल के खेल खेलता है और जितना हो सके उतना आप ऊपर वाले का थैंक यू बोलते रहिए वही है सब कुछ मैं बस उन्हीं को थैंक यू बोलता हूं और लगातार अपने कर्म करता जाता हूं मेहनत करता जाता हूं यह जो जर्नी मेरे साथ जो हुई है मुझे ऐसा लगता है कि अगर मुझसे कोई सवाल पूछेगा आप अगले जन्म में क्या बनना चाहेंगे तो मैं बोलूंगा मैं फिर से सानंद बर्मा ही बनना चाहूंगा क्योंकि मुझे जो मिला है मुझे ऐसा महसूस होता है कि हर पल कोई अदृश्य शक्ति है जो मेरी उंगली पकड़ के मुझे आगे ले जा रही है आगे ले जा रही है आगे ले जा ही तो वो जो ईश्वर का साथ है वो जो एहसास है उसी एहसास के साथ मैं हमेशा जीना चाहूंगा हर जन्म उसी एहसास के साथ मैं लेना चाहूंगा कि कोई ऐसी शक्ति है जो हम सबको चला रही है और वह शक्ति मुझे हमेशा अपनी उपस्थिति का एहसास दिलाती है.
और इस एहसास से बड़ा एहसास कुछ हो नहीं सकता सर हमने सुना हसाना आसान काम नहीं होता है जो आप करते हैं ये मतलब शुरू से ही आपको कॉमेडी कॉमेडी करना था या इसकी शुरुआत कैसे हुई अचानक आपको कॉमेडी में रुच क से आ यह एक्चुअली ओवर पीरियड ऑफ टाइम डेवलप हुआ मैं एक्चुअली सिंगिंग में ज्यादा घुसा रहता था और एज एन एक्टर भी मैं हमेशा देव साहब की बहुत कॉपी करता था हमेशा ऊपर तक का बटन लगा के घूमता रहता था और जो लड़के मुझे देखते थे बोलते कैसा पागल है इतनी गर्मी पड़ रही है सबको पसीने आ रहे हैं.
और यह बंदा ऊपर तक का बटन लगा के घूम रहा है उस समय देव साहब का वो स्टाइल बहुत फेमस था ऊपर तक कब ये ऐसे चलते रहते थे तो मैं वो करता था तो कॉमेडी एक बहुत बड़ा आर्ट है लोगों को हंसाना सबसे ज्यादा मुश्किल है और मेरा मानना है कि एक्टिंग में सबसे ज्यादा डिफिकल्ट जो है वह कॉमेडी ही है क्योंकि अगर आप कोई रोने का सीन करना है तो आपको ग्लिसरीन मिल जाएगा आप ग्लिसरीन लगा के भी रो सकते हैं आंसू जो है वह आ जाएंगे वह असली आंसू ही लगेंगे ठीक है लेकिन हंसाने के लिए आपको कोई सपोर्ट नहीं मिलेगा आपका शियर टैलेंट ही काम करेगा आपकी जो कॉमिक टाइमिंग है वह कैसी है आपकी पिचिंग जो है वह कैसी है उस परे डिपेंड करता है.
तो सबसे ज्यादा मुश्किल है और यह मैंने ओवर अ पीरियड ऑफ टाइम जिंदगी से सीखा क्योंकि जिंदगी अपने आप में सबसे बड़ी कॉमेडी है हम लोग इतना सीरियसली लेते हैं हर चीज को लाइफ को इतना सीरियस सीरियसली लेते हैं पर लाइफ की जो अ टेंपरेरीनेस है उसको नहीं समझते हैं हम लोग हमेशा इस चक्कर में रहते हैं हमको ऐसा लगता है कि बस यह कभी खत्म ही नहीं होगा अरे कुछ भी ऐसा नहीं है जो परमानेंट है बॉस कुछ भी परमानेंट नहीं है तो जिस दिन हम इस चीज को समझ जाएंगे उस दिन हल्के फुल्के हो जाएंगे लाइट हो जाएंगे तो जब हम लाइट हार्टेड हो जाते हैं.
जिंदगी को हल्के फुल्के ढंग से लेते हैं बड़ी से बड़ी प्रॉब्लम को भी ज्यादा बड़ी नहीं समझते हैं और उसको लाइफ के उस पर्सपेक्टिव से देखने लगते हैं कि हा ठीक है इट्स ओके जैसे अच्छा वक्त नहीं रहता है गुजर जाता है वैसे ही बुरा वक्त भी नहीं रहता और गुजर जाता है तो अच्छे और बुरे दोनों वक्त में रहना चाहिए एक बैलेंस बना के रहना चाहिए तो जिंदगी सबसे बड़ी कॉमेडी है अपने आप और मैंने क्योंकि जिंदगी से बहुत कुछ सीखा है एक से एक घटनाएं घटी है मेरे साथ आप बोले और मैं बोलूंगा हां यह मेरे साथ हुआ है कुछ भी आप बोलले तो हर तरह की चीजें देखी है मैंने हर तरह के विलन देखे जिंदगी में हर तरह के खलनायक देखे हैं हर तरह के नायक भी देखे हैं.
तो जीवन अपने आप में एक बहुत बड़ा हास रस है और जिसने उस हास्य रस से को समझ रस को समझ लिया उस कॉमेडी को समझ लिया व अपने आप उसकी कॉमिक टाइमिंग जो है वो इंप्रूव होने लगती है तो धीरे-धीरे सीखते सीखते जिंदगी से आज की डेट में भगवान की दया से कॉमिक टाइमिंग ठीक ठाक हो गई है मेरी सर अभी आप विजय 69 में विलन का रोल कर रहे हैं तो उसम भी विलन के साथ कॉमेडी टच दिया है आपने किस तरीके का रोल है कुछ बताइए उसके बारे हा उसमें मैं एक पत्रकार बना हूं और मैंने डेफिनेटली कॉमेडी टच दिया है और कॉमेडी जो है.
वह बेसिकली सिचुएशनल है हम जरूरी नहीं है कि कॉमेडी भी अलग अलग तरह की होती है चार्ली चैपलिन की भी कॉमेडी है स्लैपस्टिक कॉमेडी है केले के छिलके पर फिसलना वह सब मुंह पर आटा गिरना वो सब वो स्लैपस्टिक कॉमेडी है और एक सिचुएशनल कॉमेडी होती है तो विजय 69 में सिचुएशनल कॉमेडी है और साथ में एक एक घटिया एक बिका हुआ एक जलील पत्रकार जो है वह कैसा हो सकता है और क्याक कर सकता है प्रोपेगेंडा वह उसमें दिखाया गया है सर टी प्लेटम भी है काफी स्कोप आया इतने सारे रट रट प्लेटम आ गए उसम भी आपने काम किया है कुछ ऐसे प्रोजेक्ट है जो अभी आपके आने वाले है या कुछ अलग किदार कॉमेडी से हट के क्योंकि कॉमेडी के वन लाइनर्स आपके इतने फेमस होते हैं लोग इतना पसंद करते हैं कि और कोई दूसरे किरदार में आप अपने आप को साजना चाहते हैं हां जैसे कि ओटीटी पे एक तो विजय 69 है इसके अलावा सुपर वुमन है तिगमांशु धुलिया जी के साथ यह फिल्म मैंने की है.
सुपर वुमन में मेरा अगेन एक बहुत ही पॉजिटिव कैरेक्टर है और उसमें मैं बेसिकली एक मैच मेकर बना हूं और यह रोल मैंने पहले भी किया था राजकुमार राव की एक फिल्म में हम दो हमारे दो उसमें भी किया था मैंने उसमें शादी राम मेरा नाम था कैरेक्टर का तो सुपर वूमन में बहुत ही अलग कैरेक्टर है और इसके अंदर बहुत ही सीरियस है और उसमें सिचुएशनल उसमें भी फन एलिमेंट्स हैं काफी सारे तो वह है उसके अलावा एक चक्कर घिनी नाम की फिल्म मैंने की है जिसमें मैं एकदम हार्डकोर विलन बना हूं गुप्त रोग विशेषज्ञ हूं मैं डॉक्टर हूं.
उसमें और उसी तरह मेरी मां कर्मा जो 5 अप्रैल को रिलीज है उसमें भी मैं विलन बना हूं बहुत ही खतरनाक बुरा आदमी एकदम खतरनाक डॉक्टर है यह भी तो हर तरह के रोल भगवान की दया से मैं कर रहा हूं पर मेरी खुद की कोशिश यह रहती है कि अगर कोई किरदार मैं कर रहा हूं कोई सीन में कर रहा हूं तो कुछ सिचुएशन ऐसी क्रिएट हो जिससे कि पब्लिक को एक इंटरटेनमेंट वैल्यू मिले तो अब आप उसको कॉमेडी कह ले या कुछ भी कह ले मुझे लगता है कि मैं बस एक इंटरटेनमेंट वैल्यू क्रिएट करता हूं जब मैं स्क्रीन के ऊपर आता हूं तो मेरी कोशिश यही रहती है के रोल चाहे कितना भी सीरियस हो सिचुएशन चाहे कितना भी सीरियस हो अभी जैसे एक सीरियल आता था जिसका नाम था.
अदालत रोनित रॉय साहब का उसमें मेरा पाच दिन का एक कैरेक्टर था जिसमें कि मैं एक मजलूम मजदूर बना हूं जिसके ऊपर जुल्म हुआ है अब उस पूरे में कहीं मैं रो ही रहा हूं पूरा कटघरे में खड़ा हूं और उसमें मैंने रुलाया है है ना तो उसमें रिक्वायरमेंट नहीं थी पर जहां पर मुझे ऐसा लगता है कि यहां पर यह लिबर्टी लेके मैं कुछ ऐसा कर सकता हूं जिससे कि ऑडियंस को गुदगुदा दूं थोड़ा उनको मजा आए तो मैं वोह हमेशा कोशिश करता रहता हूं सर वन लाइनर्स काफी फेमस होते हैं तो जब स्क्रिप्ट पढ़ते हैं ये वन लाइनर्स आप क होते हैं किस तरीके से प्रिपेयर करते हैं या उसमें कुछ चेंस लाते हैं वन लाइनर्स नॉर्मली मेरे ही होते हैं क्योंकि मैं बचपन में ही जब मैं 12 13 साल का था.
मैंने हजार हजार पेज के तीन नोवल लिखे थे मेरे पिताजी बहुत बड़े राइटर थे और मेरे अंदर एक राइटर का खून है तो मैं बहुत मजे ले लेक अपनी जो राइटिंग का टैलेंट है उसको अपनी एक्टिंग में यूज करता हूं तो जो स्क्रिप्ट रहती है उसको मैं इंप्रोवाइज करता हूं बहुत ज्यादा और उसमें अपनी बहुत सारी चीजें लेकर आता हूं जिससे कि ऑडियंस को इंगेज कर सकूं और उनका मनोरंजन कर सकूं तो वन लाइनर्स में मोस्टली याने मैंने आज तक जितना भी परफॉर्म किया है मुझे लगता है कि 50 % पकड़ लो आप कि 50 पर लिखा रहता है % मेरा डेड रहता है उसमें और मैं बिना ऐड किए मैं एक्टिंग कर ही नहीं सकता.
मैं वो लिखित लाइन एटली हां कई बार ऐसा भी होता है कि लिखित लाइन कुछ इतनी ज्यादा अच्छी है इतनी माइंड ब्लोइंग है तो वो मैं जैसे हम दो हमारे दो में एक बार मैंने किया था लिखित लाइन इतनी अच्छी थी कि मैंने उसको मेमराइज किया और मेमराइज करके उसको बोला थोड़ा मॉडिफिकेशन हां कभी-कभी ऐसा होता है कि यू कांट डू एनी मॉडिफिकेशन कभी-कभी वो स्क्रिप्ट इतनी अच्छी लिखी रहती है कि एक वर्ड इधर से उधर आप करोगे तो उस स्क्रिप्ट की ब्यूटी कंप्रोमाइज हो जाएगी तो इसलिए हम नहीं कर सकते पर ऐसा बहुत कम हुआ है मेरे साथ ना के बराबर हुआ है खाली हम दो हमारे दो मुझे याद है मेरे पूरे करियर में मुझे लगता है 15-20 फिल्में तो मेरी रिलीज हो चुकी हैं.
बड़े-बड़े वेब सीरीज आए हैं पर सिर्फ एक ही प्रोजेक्ट याद है हम दो हमारे दो का एक सीन था जिसमें मैंने मेरी जिद्द थी कि ये एगजैक्टली जो लिखा है वही बोलूंगा राइटर ने बहुत अच्छा लिखा है लेकिन उसके अलावा नॉर्मली मैं बहुत अपना अपने एडिशंस करता हूं और उसको को एंजॉय करके कैरेक्टर को फील करके सिचुएशन के हिसाब से अपना जो मेरा को एक्टर है उसके हिसाब से बनाता हूं और उसके बाद करता हूं अभी एक नया प्रोजेक्ट आ रहा है मेरी मां कर्मा तो कर्मा में कितनी कितना बिलीव करते हैं आप टीजर आउट हो चुका है काफी मजेदार है.
टीजर भी किस तरीके का ये स्टोरी होने वाला है किस तरीके का स्टोरी लाइन स्टोरी टेलिंग किस तरीके के ऑडियंस बहुत बढ़िया है इसका मृत्युंजय सिंह साहब ने डायरेक्ट किया है इसको युवा डायरेक्टर है वो और माता कर्मा का बहुत प्रताप है छत्तीसगढ़ साइड में और आपको याद होगा वर्षों पहले एक पिक्चर आई थी जय संतोषी मां जो कि बहुत बड़ी ब्लॉकबस्टर थी उस फिल्म के बाद लाखों करोड़ों लोगों ने संतोषी मां का व्रत रखना शुरू कर दिया था तो माता कर्मा यह जो फिल्म है मेरी मां कर्मा इसके साथ भी कुछ ऐसा हो सकता है क्योंकि मृत्युंजय सिंह ने बहुत अच्छे से इसको को डायरेक्ट किया है.
इसमें एक जो माइथोलॉजी का जो एक टच है वो तो है ही साथ में जो आज की डेट में उसको उन्होंने बहुत अच्छे ढंग से स्क्रीन प्ले में बांधा है कि आज की डेट में कैसे राक्षस हैं और पहले जो माता कर्मा ने फेस किया था उनकी जो लाइफ जर्नी है माता कर्मा ने खिचड़ी का आविष्कार किया था आप जो खिचड़ी खाते हैं वो खिचड़ी उस खिचड़ी को इन्वेंट किया था माता कर्मा ने तो बहुत महान देवी है वो और मुझे लगता है कि मेरी मां कर्मा जो है वह एक बहुत ही शानदार फिल्म है छोटे बजट की फिल्म है तो लिमिटेड रिलीज है बहुत ज्यादा हाईफाई हाईली मार्केटेक्सेस देना चा.
मैं यही कहूंगा कि मेरे हर काम को देखिए मुझसे प्यार करते रहिए और मेरी मां कर्मा की बात हुई है तो यह बता दूं कि जो अच्छे कर्म हैं उसका मतलब है जब तक आप खुश हैं आपके अच्छे कर्मों का मीटर ऑन है जब आप दुखी हैं आपके बुरे कर्मों का मीटर ऑन है तो इसलिए अनकंडीशनल हैप्पीनेस को एक्वायर कीजिए अनकंडीशनली खुश रहिए खुश रहने की आदत बना लीजिए बिना किसी रीजन के यह मत सोचिए कि आपको यह मिलेगा तभी आप हो नहीं वो मिलेगा उसके पीछे आप खुश होकर लगे रहिए.