बॉर्डर बंद हो रहा है पाकिस्तानी नेशनल्स जो हैं इन भारत से अपने देश वापस जा रहे हैं लेकिन कुछ अब ऐसी फैमिलीज़ भी हैं कि बच्चे अपनी मांओं से बिछड़ गए हैं इस क्लोज़र की वजह से हमारे साथ ये बच्चे हैं बच्चे क्या नाम है आपका ज़ैनब ज़ैनब आप कितने साल के हो और पाकिस्तान से कब आए थे हम रमजानों में आए थे अलविदा के टाइम तो नानी से मिलने आए थे तो अब आप जा रहे हो पाकिस्तान लेकिन आपके जो मदर हैं.
आपकी जो मम्मी हैं वो वापस नहीं जा रहे क्या नाम है आपकी मम्मी का और वापस क्यों नहीं जा रहे उनका नाम शमीन है वो यहां पर वो इंडियन पासपोर्ट अलाउ नहीं कर रहे जो वो कह रहे हैं जो पाकिस्तानी पासपोर्ट है वो यहां से जाएं और जो इंडियन पासपोर्ट है वो यहीं रुक जाए तो आप तो मम्मी के साथ रहते थे हमेशा तो कितना मुश्किल हो रहा है मम्मी के बिना और वीजा कब तक था हम बहुत मुश्किल हो रहा है हम दिल टूट गया ऐसा लग रहा है.
दिल टूट गया होगा तो बोला आपने सरकार को या किसी को बोला कि हमें मम्मी के साथ मम्मी को भेज दो पाकिस्तान नहीं सरकार से यह शिकाय है कि आप बैठकर बात करें और आम लोगों को तंग मत करें जो टेररिस्ट है उनप चाहे आप जो भी कर ले पर आम लोगों को तो जाने दें हां बच्चे आपका क्या नाम है आलियान मोहम्मद आलियान मोहम्मद आलियान आपकी मम्मी का क्या नाम है नबीला तो वो भी इंडिया आपके साथ आए थे.
लेकिन इंडिया रह गए वो जी तो आप मम्मी के बिना जा रहे हैं जी क्यों वो इंडिया क्यों रह गए क्या बोला आपको उनका वीजा ना यहां इंडियन वीजा था तो जाने नहीं दे रहे थे यहां से इंडियन पासपोर्ट है उनके पास जी इंडियन पासपोर्ट था जाने नहीं दे रहे तो ये चार बच्चे चार बच्चे अपनी मम्मियों के बिना जा रहे हैं मम्मी इंडिया रह गई तो कितना मुश्किल है बच्चे आपके लिए बहुत मुश्किल है वहां दिल टूट गया है.
दिल टूट गया मम्मा मम्मा की याद आ रही है हमारी मम्मा जा रही है मम्मी की याद आ रही है जी कुछ कहना चाहते हैं सरकारों से और ये जो टेररिस्टों ने ये काम किया है पहलगाम में लोगों को मारा है उसको किस तरह देखते हैं बच्चे उसकी वजह से ये सब हुआ जी ये कहना चाहता हूं जो मुश्किल जो आसान लोग हैं उनको भेजा जाए जैसे बुरी फैमिली है उनको भेजा जाए मम्मा पापा को भेजा जाए मेरी मम्मा को भेजा जाए मेरी मम्मा को भेजा जाए मेरी मम्मा को कोई नहीं बेटा हो जाएगा ठीक से ठीक है रिकॉर्ड तो मम्मी ने क्या बोला आप जब वापस आ रहे थे.
तो मम्मी ने कुछ बोला आपको नहीं बोला नहीं मैं जल्दी आऊंगी हां मम्मी ने ये बोला था मैं जल्दी आऊंगी तो मैं रिक्वेस्ट करूंगी मैं जल्दी आऊंगी इन्होंने ये बोला था जहां बॉर्डर बंद हो रहा है यहां पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच तो पाकिस्तानी नेशनल्स जो हैं वो वापस जा रहे हैं लेकिन कुछ ऐसी कहानियां है कि पहलगाम टेररिस्ट अटैक ने ना सिर्फ निर्दोष लोगों को मारा है बल्कि परिवारों को जुदा भी कर दिया है हमारे साथ ऐसा परिवार है पाकिस्तानी परिवार क्या नाम है आपका मोहम्मद इरफान मोहम्मद इरफान जी आप इंडिया कब आए थे.
और किस-किस के साथ आए थे और क्यों आए थे मैं अपने बच्चों के साथ आया था वाइफ के साथ आया था और 27 तारीख 27 मार्च मार्च को आए थे हम लोग हम जी किस काम के लिए आए थे हम अपने इनकी मम्मा से मिलने आए थे अपने ससुराल आए थे समझ लो हम क्या कहां पे यह दिल्ली में जामा मस्जिद की तरफ तो जब बॉर्डर बंद हो रहा है आप वापस जा रहे हैं तो पूरा परिवार जा रहा है या क्या मुश्किल आई है नहीं सिर्फ बच्चे जा रहे हैं मेरे दोनों मेरी वाइफ वहीं पर ही हैं क्योंकि उनका इंडियन पासपोर्ट है तो उनको एंबेसी भी बंद है.
पाकिस्तानी और क्योंकि यहां बॉर्डर पे छोड़ नहीं रहे हम्म वीजा होने के बाद भी नहीं कह रहे हैं छोड़ेंगे हम अलाउ नहीं है क्योंकि आपके पास उनकी आपकी वाइफ के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट नहीं है तो आप आप भी पाकिस्तानी नेशनल है ना बच्चे भी पाकिस्तानी नेशनल वो जा रहे हैं लेकिन आप अपनी वाइफ को छोड़ के जा रहे हैं छोड़ के जाना पड़ रहा है तो ये कितनी बड़ी मजबूरी हो गई और इतनी बड़ी मजबूरी है जिसका खुद तसवुर में भी नहीं सोच सकते थे कि ऐसा हो जाएगा हम तो खुद इतने टाइम बाद आए थे कि चलो मिल जाए अपने मां-बाप से मिलने हम बहुत तकलीफ हो रही है.
इस टाइम आपके बच्चों का क्या नाम है ज़ैनब और जन्निश ज़ैनब और जनीश तो ज़ैनब और जनीश जो है ज़ैनब से हमने बात की तो वो 11 साल की है बच्चों के लिए तो बहुत परेशानी होगी मदर के बिना बहुत बहुत ज्यादा परेशानी है हम कि मैं आपको बता भी नहीं सकता बयान भी नहीं कर सकता बोला भी नहीं जा रहा इतनी तकलीफ है बच्चे भी रात भर रोते हुए आए हैं सरकार को क्या अपील करना चाहते हैं मोदी सरकार को हम यही अपील करते हैं कि जो जो भी टेररिस है जिन्होंने जो भी यह वाकया करा है उनको कड़ी सी कड़ी सजा दी जाए उनको ऐसी सजा जाए दी जाए कि इबरत का निशान बन जाए ताकि जो है ना ये जिस तरीके से बंटवारा हो रहा है.
ना आज कल जमीनों का होता था आज इंसानों का बंटवारा हो रहा है परिवारों का बंटवारा हो रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए और जो आतंकवादी हैं उनको कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और जो ये बच्चे मां-बाप मां और बाप से बिछड़ जाए ऐसा नहीं होना चाहिए मोदी साहब से अपील है तो इस पे थोड़ी सी नजरसानी करें कि ताकि बच्चे अपने मां-बाप से मिल सके तो जो पहलगाह में टेररिस्टों ने हरकत की है उसको लगता नहीं कि निर्दोष लोगों को तो मारा है लेकिन आपका परिवार भी बांट दिया उन्होंने बिल्कुल बिल्कुल उन्होंने ऐसी हरकत करी है कि इंसानों का बंटवारा कर दिया परिवारों का बंटवारा कर दिया क्या समझे उनको तो ऐसी सजा देना चाहिए वर्तनाक सजा देना चाहिए डर का माहौल है.
आपके अंदर बिल्कुल बिल्कुल जाहिर सी बात है बच्चे भी डरे हुए हैं मां नहीं है पूरी रातस्ते में से रोते हुए आए हैं क्या उम्मीद है कब तक इनके मां जो आपके पास आ जाएंगे बस अभी छोड़ के आए हैं वो यही मां बहुत हमने बोला कि आप भेज दें कह रहे नहीं हम भेज ही नहीं सकते जब तक ऊपर से आर्डर नहीं आएगा सरकार का क्या नाम है आपका मोहम्मद इमरान मोहम्मद इमरान जी आप पहले बताइए क्या आप पाकिस्तान में कहां के रहने वाले हैं और यहां कहां आए थे आप मैं पाकिस्तान में कराची का रहने वाला हूं और मेरी वाइफ जो है वो दिल्ली की रहने वाली है हम्म तो कब हुई थी आपकी शादी मेरी शादी को 18 साल हो गए हैं हम्म तो अब हुआ क्या इस पूरे इस पूरा जो डिसीजन हुआ है.
उससे आपको क्या असर पड़ा है हमें यह असर पड़ा है के अब इंसानियत खत्म होती जा रही है हम आम आदमी जो है ना सेफ नहीं है हम बुक करे कोई भुगत वही है नहीं आप मतलब आप अपनी वाइफ के साथ आए हैं वापस जा रहे हैं कि नहीं नहीं मैं वाइफ को छोड़ के जा रहा हूं रीज़न रीज़न ये है कि जो पुलवामा में हमला हुआ है उसकी वजह से एंबेसी बंद हुई हां एंबेसी बंद होने की वजह से जाने की इजाजत नहीं है इसलिए कि वो आती हैं यहां पे फिर पाकिस्तानी एंबेसी से वीजा लेती हैं फिर जाती हैं हम साथ आते हैं साथ ही जाते हैं हम मगर अब के छोड़ के जा रहे हैं.
हम 18 साल में तो आप भाई छोटे-छोटे बच्चे हैं मेरा बच्चा पैरालाइज है हम ये बताएं हम पूरी फैमिली गए थे और अधूरे जा रहे हैं हम ये कब तक ये मामला चलेगा हम कब तक मिलेंगे इमरान साहब ये बताइए कि जब पाकिस्तान से आए थे तो आप कौन-कौन आए थे आप और आपके कितने बच्चे और वाइफ जो मेरे दो बच्चे ये हैं हां और मेरी वाइफ और मैं और मेरा भाई और उसके दो बच्चे आए थे और उनकी वाइफ भी आई जी उनकी वाइफ दोनों बहने हैं हम दोनों भाई हैं अच्छा अब हुआ ये है कि जो आपकी वाइफ्स हैं आपकी और आपके भाई की जी जी तो वो यहीं रह रही हैं यहीं रह रही हैं क्योंकि इंडियन पासपोर्ट है जी जी इंडियन पासपोर्ट है वो पाकिस्तान नेशनल नहीं है.
जी तो इतने साल में वो पाकिस्तानी नेशनल नहीं हुए नहीं अभी नहीं हुए तो अब क्योंकि सिर्फ सिर्फ पाकिस्तानी नेशनल्स को जाने दिया जा रहा है तो आप बच्चों को लेके जा रहे हैं और वाइफ को छोड़ के जा रहे हैं जी जी क्या करें इंडियन गवर्नमेंट ने मना करा है कि वो नहीं जा सकते इसलिए कि एंबेसी भी बंद है एंबेसी से वीजा मिलता तो वो जाती हम अब ऐसी हमने फैमिली देखी जिनके पास वीजा भी है नूरी वीजा भी है मगर वो भी बॉर्डर नहीं क्रॉस कर सकी जो वीडियो में हमने देखा है हम और वहां से सख्ती से मना हो गया भाई ये नहीं जा सकती हमने छछ महीने के बच्चों को देखा है कि वो लेकर आई हुई थी मदर इंडियन थी और बच्चे पाकिस्तानी थे उनको भी बोले आप जाए इनको लेके जाएं तो आपका आपके बच्चे जो हैं वो बीमार हैं.
ये मेरा बच्चा पैरालाइज है मैं इस सिले में आया था कि छ साल के बाद अपनी माता से भी मिलेंगी हम और इनके वालिद जो है पिता उनका इंतकाल हो गया वो भी मिलने आई थी कि इंतकाल के बाद नहीं गई थी हम उस दौरान और बच्चे के इलाज के लिए भी आया था अब ऐसे ही जाना पड़ रहा है अब बताएं कैसे संभाले लास्ट कब आई थी इंडिया मैं 2019 में हम तो अब कितने देर का आपके पास वीजा था और मेरे पास 45 दिन का वीजा था हम और समझ लें एक महीने में रहा हूं उसी में जो है ना बोल दिया आप जाएं तो आपको लगता नहीं कि जो पहलगाम में टेररिस्ट अटैक हुआ है.
दोनों देशों को जो बीच हुआ वो तो हुआ लेकिन आपका परिवार बट गया आपकी बीवी यहां रह मैं यही कहना चाह रहा हूं कि मैं यही कह रहा हूं कि इंसानियत जो है ना वो बढ़ती हुई नजर आ रही है अब पहले तो बॉर्डर होते थे अब इंसान भी बट रहे हैं अब बताएं इंसान बट रहे हैं वो कैसे हम संभालेंगे अपने बीवी बीवी के बगैर और ये बच्चे छोटे-छोटे हैं कैसे करेंगे ऐसे हमारे अलावा भी बहुत सारी फैमिलियों को हमने देखा है कैसे होगा तो लिहाजा मोदी साहब से भी और शबाज शरीफ साहब से भी हम गुजारिश है कि एंबेसी खोलें ताकि ऐसी फैमिली जिनकी शादियां इधर से उधर हुई हुई है.
उन परिवार को मिलने की इजाजत दें और वो अपने-अपने घर आए हम इधर से भी उधर से भी उनको ना तंग किया जाए और जो ऐसे टेररिस्ट हैं उनके लिए तो इतनी सख्त सजा होना चाहिए दोनों तरफ से कि ये कभी ना हो इसलिए कि उसकी वजह से पूरी-पूरी कौमों को भुगतना पड़ रहा है हम लेकिन हम भुगत रहे हैं हम हमारे वहां से चलें तो दिल जो है फट रहा है ये बच्चों को बड़ी मुश्किल से गाड़ी में बिठाया है पूरे रास्ते रोते हुए आए हैं हम रोते हुए आए हैं हमारे वो घर वाइफ वहां रो रही हैं पाकिस्तान से तो कैसे सबर ये जो है ये कौन है आपके रिश्तेदार आपके ये मेरे साथ हैं.
हम छोड़ने आए थे इनको यहां पर आपकी बहन जो मैरिड थी पाकिस्तान में यहीं रह गई जी जी यहीं रह गई तो ये सब गलत है जो शादीशुदा है उनको तो कम से कम इजाजत देनी चाहिए जो बाकी टेररिस्ट हैं उनको कड़ी से कड़ी सजा दें लेकिन आम लोगों को परेशान नहीं किया जाए आपका क्या नाम है जी मेरा नाम मोहम्मद शोएब है हम तो आपने सुना अभी किस तरह जो इस इस सारी जो प्रोसेस हुआ है जिसमें बॉर्डर बंद हुआ है ऐसी फैमिलीज भी हैं जो डिवाइड हो गई हैं और ये देख सकते हैं कि ये जो ये पूरी फैमिली थी जो यहां पर आई थी.
और ये बच्चे जो हैं जा रहे हैं अपनी मां के बिना जा रहे हैं वापस और क्योंकि मोहम्मद इमरान का कहना है कि ये जो पूरी सिचुएशन बनी है वो ऐसे बनी है कि वो अपनी दो बच्चों और वाइफ के साथ यहां इंडिया आए थे लेकिन बॉर्डर बंद होने की वजह से उनकी वाइफ क्योंकि उसके पास इंडियन पासपोर्ट था वो यहां रह गई और यह अपने बच्चों के साथ अकेले पाकिस्तान वापस जा रहे हैं.