एक बार फिर अक्षय कुमार ने दिया बेतुका बयान साऊथ इंडस्ट्रीज से लेकर हुआ ट्रोल…

अक्षय कुमार की फिल्म बड़े मियां छोटे मियां रिलीज होने जा रही है इस फिल्म की रिलीज से पहले अक्षय कुमार की नर्वसनेस साफ नजर आ रही है और नर्वसनेस होना भी जायज है क्योंकि पिछले कुछ समय से अक्षय कुमार ने फ्लॉप फिल्में दी है और एक-एक फिल्म के साथ उनकी रिपोर्ट कार्ट लोगों के सामने आ रही है ऐसे में अब अक्षय कुमार ने बड़े मिया छोटे मियां फिल्म की रिलीज से पहले जो बात कही है उसे कहीं ना कहीं लगता है कि अक्षय कुमार फिल्मों के हिट होने का नैरेटिव बदलने की कोशिश कर रहे हैं इन दिनों फिल्में सिर्फ और सिर्फ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर टिकी हुई है.

जिसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 100200 करोड़ क्रॉस कर गया वो फिल्म तो हिट मानी जाती है बाकी आप फ्लॉप है अब अक्षय कुमार ने कहा है कि फिल्मों को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के तौर पर देखना गलत है क्योंकि आप फिल्मों की कॉस्ट देखिए एक फिल्म बन जाती है कम बजट में ही ठीक-ठाक बजट में ही लेकिन हमारा फिल्मों को प्रमोट करने का बजट इतना ज्यादा होता है कि इससे फिल्म की कॉस्टिंग बढ़ जाती है और यही कारण है कि फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमा नहीं पाती है हमें प्रमोशन के मामले में साउथ इंडस्ट्री को फॉलो करना चाहिए साउथ इंडस्ट्री बहुत ही सिस्टमैटिक तरीके से चलती है.

उनका प्रमोशन का बजट जो है 2 करोड़ से ज्यादा नहीं होता है अक्षय कुमार ने यह बात कह के साउथ इंडस्ट्री की तारीफ करने की चाहे कोशिश की हो लेकिन अक्षय कुमार खुद भूल गए हैं कि साउथ की सबसे बड़ी फिल्म आरआरआर जब रिलीज हुई थी तो इस फिल्म का प्रमोशन का बजट ही 20 करोड़ से ऊपर का था और यह जो दो से 3 करोड़ की बात अक्षय कुमार कर रहे हैं वो दो से ती करोड़ तो सिर्फ एसएस राजा मौली ने रामचरण और जूनियर एनटीआर के फैंस को एक इवेंट तक पहुंचाने के लिए फ्लाइट टिकट पर खर्च किया था एसएस राजा मौली की फिल्म अच्छी थी.

उसके बावजूद उन्होंने इस फिल्म का ग्रैंड प्रमोशन किया इसका रिजल्ट उन्हें मिला भी फिल्म ने जबरदस्त कमाई की और फिल्म ऑस्कर्स तक पहुंची और फिर ऑस्कर्स के लिए प्रमोशन में उन्होंने एडिशनल 80 करोड़ डाला था तो अगर आपकी फिल्म अच्छी बनी है अगर आपने फिल्म में अच्छा काम किया है एक्टिंग अच्छी की है कंटेंट अच्छा है तो फिर लोग उस फिल्म को देखेंगे ही देखेंगे और जहां तक मार्केटिंग की बात है तो मार्केटिंग किसी भी फिल्म के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि अच्छी फिल्में होती है लेकिन उन्हें प्रॉपर एक्सपोजर नहीं मिल पाता इसलिए लोगों तक वो पहुंच नहीं पाती है और कई बार ऐसा भी हुआ है कि फिल्म बहुत ही नॉर्मल है लेकिन मार्केटिंग की वजह से वो फिल्में चल गई शायद अक्षय की फिल्मों के मामले में भी ऐसा कई बार हुआ होगा.

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