बोइंग ड्रीम लाइनर 787 एक बेहतरीन एयरक्राफ्ट था एयर इंडिया का। लेकिन एकाएक एयरप्लेन में ऐसी क्या ग्लिच आई जिसके चलते इस प्रकार की दुर्घटना हुई जिसने अब तक 200 से 70 से भी ज्यादा लोगों की जान ले ली है। हम इस समय एक ऐसे घर में मौजूद हैं जहां पर हम आपको एक तस्वीर के जरिए दिखाएंगे कि Being 787 ड्रीमलाइनर का जो कॉकपिट है वो किस प्रकार है? कैसे दिखता था और यहां पर जो है,
क्योंकि एयरक्राफ्ट और इन तमाम टेक्निकल चीजों को लेकर शौकीन लोग रहते हैं तो इन्होंने अपने घर में इस कॉकपेट को एक पिक्चर में जो है इसके जरिए रखा हुआ है। अगर आप देखेंगे तो यह कॉकपिट है जहां पर पायलट और कोपायलट की जो सीट है वो आपको नजर आएगी। इसके अलावा किस प्रकार यह जो है कॉकपिट डिजाइन होता है। इसमें क्या कुछ टेक्निकिटीज होती हैं वो भी आप इसके इस तस्वीर के जरिए समझ सकेंगे,
हमारे साथ बात करने के लिए अजय उपाध्याय हैं जो इनके साथ घटना दरअसल ऐसी हुई है कि यह फ्रैंकफोर्ड से दोबारा मुंबई लौट रहे थे और उसी दरमियान यह 787 के ही एक ड्रीम लाइनर एयरक्राफ्ट में मौजूद थे। लेकिन इनके भी प्लेन में कुछ टेक्निकल ग्लिच आई जिसके चलते प्लेन से कुछ फाउल स्मेल आने लगी। दरअसल क्या कोई आग लगने की दुर्घटना हुई थी या क्या हुई थी जिसके चलते इनकी फ्लाइट जो है वो लगभग 26 से 36 घंटे डिले हो गई। अजय उपाध्याय जी हमारे साथ बात करने के लिए। सर सबसे पहले तो उस दिन क्या हुआ था,
यह कब की बात है और क्या कैसे आप उसको नरेट करेंगे? थैंक्स मैडम। सबसे पहले तो मैं यह जो हादसा हुआ है अहमदाबाद में उस हादसे में जो लोग पीड़ित हैं जो लोग उसमें अपने नियर एयर डियर लोगों को लूज किए हैं मैं उनके लिए संवेदना व्यक्त करता हूं। हमारे साथ मैं स्टॉकहोम गया हुआ था। 29 तारीख को मैं स्टॉकहोम से फ्रैंकफर्ट आया। फ्रैंकफर्ट में 8:20 शाम को मेरी फ्लाइट थी। एयर इंडिया की फ्लाइट थी 2028 एयर इंडिया फ्लाइट और इस फ्लाइट से हमें फ्रैंकफर्ट से बॉम्बे आना था। हमारी फ्लाइट एकदम समय से रेडी हो गई। बिल्कुल रेडी,
हमने फ्लाइट मूवमेंट स्टार्ट हुआ। हम लोग रनवे की तरफ बढ़ने लगे। जैसे हम रनवे की तरफ बढ़ रहे थे। 787 में इमेज के लिए एक टेलीविजन छोटी सी रहती है। उसके ऊपर सारे सेफ्टी इंफॉर्मेशंस बताए जा रहे थे। हमने उसको बड़े ध्यान से देखा। हम फाइनली जो टेक ऑफ स्थान है वहां पर हमें ऐसा लगता है कि उस वक्त रात में लगभग 9:00 बजे टेक ऑफ स्थान पर पहुंच चुके थे। सारी क्रू बैठी हुई थी अपने-अपने पोजीशन पे टेक ऑफ के लिए और उसी समय कुछ हमें जलने का कुछ बर्निंग स्मेल आना शुरू हुआ। जैसे ही बर्निंग स्मेल आना शुरू हुआ। अह मुझ मैं मैं और मेरे साथ कई लोग सभी ने एक साथ आवाज करने लगे। उन्होंने क्रू को बताया। क्रू दौड़ के आए,
बहुत इमीडिएटली आए क्रू। उन्होंने उस चीज को बड़े ध्यान से देखा। इमीडिएटली कैप्टन को बताया। कैप्टन ने टेक ऑफ को उसी वक्त अबेंडन किया। वहां पर रुक गए और लगभग 20 से 25 मिनट हम वहां पर उसी स्थिति में थे। उसके बाद फिर हमें अनाउंस किया गया कि कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम है। हम वापस पार्किंग वे में आएंगे। हमारी एयरक्राफ्ट वापस पार्किंग वे में आ गई। पार्किंग वे में आने के बाद में कुछ समय बाद 10-15 मिनट बाद काफी इंजीनियर्स अंदर आए। उन्होंने देखना शुरू किया चारों तरफ लगभग एक घंटा यह देखने की प्रक्रिया चलती रही,
उसके बाद अनाउंसमेंट हुआ कि टेक्निकल प्रॉब्लम है। अभी तक सॉल्व नहीं हुआ है और फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट जो है वो रात में 11:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक उसमें टेक ऑफ लैंडिंग बंद है। इस वजह से हमारे फ्लाइट जो है वो कैंसिल की जा रही है। हमें होटल में शिफ्ट किया जाएगा। हमने एक्सपेक्ट किया कि सुबह जब 6:00 बजे एयरपोर्ट ओपन होगा तो हमारी फ्लाइट निकलेगी। वी हमने बड़े ऑप्टिमिस्टिक तरीके से हम होटल में गए। संजोग से होटल में जाने के बाद धीरे-धीरे धीरे-धीरे डिले होता चला गया। फाइनली शाम को 5:00 बजे हमको हमें कहा गया कि भाई यू कैन कम बैक टू द एयरपोर्ट। हम एयरपोर्ट पे आ गए। एयरपोर्ट आने के बाद हमें सिक्योरिटी क्लीयरेंस ये सब चीज जो हुई,
हम जब बूट किए तो हमने देखा कि द सेम क्रू एंड द सेम एयरक्राफ्ट। तो मैंने बहुत ही मैं थोड़ा सा इस बारे में जरा ध्यान रखता हूं। मैंने और क्रू से मैं बड़ा फ्रेंडली था। पहले दिन भी मैं उनसे बात कर रहा था। मैं नेक्स्ट डे जब उनसे बात किया मैंने कहा भाई आप लोग सभी सेम बोला हां कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम थी। टेक्निकल प्रॉब्लम अभी सॉल्व हो गई है और अब हम लोग इसी वही फ्लाइट जो एयरक्राफ्ट कल थी वही एयरक्राफ्ट आज जाने वाली है। हमें बड़ा सरप्राइज़ हुआ कि ऐसा क्या टेक्निकल ग्लिच था कि उस टेक्निकल ग्लिच को क्लियर करने के लिए लगभग 22 से 24 घंटे समय लग गए। हमने क्रू से जानने की कोशिश की लेकिन यू नो एस सच क्रू ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है,
लेकिन जब यह हादसा अहमदाबाद में हुआ है। अब हमारे दिमाग में वो सारी की सारी चीजें रिपीट होने लगी हैं कि क्या कारण था। हमारा हमारा सौभाग्य था। आई कैन से हमारा एक सौभाग्य था कि हम उस स्थिति में अचानक टेक ऑफ से पहले ये जानकारी हुई और हम लोग बच गए। और चकि हम लोग जमीन पे थे तो उतना ज्यादा कोई पैनिकिक अंदर क्रिएट नहीं हुआ। लोग अपने आप में कंफर्टेबल थे। बस स्मेल के बारे में उन्होंने कहा। सो इट वाज़ रियली अ पेनफुल थिंग। हम लोग लगभग 26 27 घंटे बाद फ्लाइट टेक हुई। बोर्ड की लेकिन दरअसल अब जो दुर्घटना अहमदाबाद में हुई है.