20 साल बाद सैफ अली खान ने सफाई दी है कि आखिर उन्हें जो 2005 में हम तुम फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड मिला था वह उनकी काबिलियत पर मिला था या उनकी मदर शर्मिला टैगोर के रेकमेंडेड सैफ अली खान को यह अवार्ड मिला था तब कई लोगों ने यह राय जताई थी कि सैफ अली खान इस अवार्ड के असल हकदार नहीं थे क्योंकि उस साल शाहरुख खान की स्वदेश आई थी वीरज आई थी डिजर्विंग कैंडिडेट तो शाहरुख खान ही थे इतनी शानदार फिल्मों में उन्होंने काम किया लेकिन हम तुम जैसी फिल्म के लिए सैफ अली खान को जब नेशनल अवार्ड मिला बेस्ट एक्टर के लिए तो लोग काफी शॉक्ड रह गए कई लोगों ने तब कहा था क्योंकि शर्मिला टैगोर जो सेफ की मदर है.
वह सेंसर बोर्ड की चेयर पर्सन है इसीलिए उन्होंने अपने बेटे को ही यह अवार्ड दिलवा दिया अब सालों बाद सैफ अली खान ने इस पूरे इंसीडेंट पर चुप्पी तोड़ी है सैफ ने कहा कि मेरी मां चेयरपर्सन रहते हुए अगर मेरे लिए कुछ करना चाहती तो वो बहुत बड़ा कुछ करती यह अवार्ड नहीं दिलवा ये एक बहुत ही छोटी सी चीज थी सैफ अली खान ने यह भी कहा कि तब मीडिया में बहुत कुछ कहा जा रहा था इसीलिए मैं बिल्कुल चुप था मैंने कहीं भी कुछ भी नहीं कहा और तो और उनका कहना है कि वह इंडिया में थे ही नहीं वो तो लंदन में थे और फिर वो अपने दोस्तों से पूछ रहे थे कि मुझे इस अवार्ड शो में जाना चाहिए कि नहीं जाना चाहिए तब उनके दोस्तों ने बोला कि जरूर जाना चाहिए.
उनके पेरेंट्स ने भी बोला तब जाकर सैफ अली खान इंडिया आए और उन्होंने अपना नेशनल अवार्ड लिया लेकिन हां तब इंडस्ट्री में यह बात जरूर चली थी कि सैफ अली खान इस अवार्ड के असली हकदार नहीं थे नेशनल अवार्ड दिया जा रहा है बेस्ट एक्टर का तो एक ऐसे एक्टर को देना चाहिए जिसने वाकई में कमाल किया हो और उस साल स्वदेश जैसी फिल्म आई थी स्वदेश जो आज भी लोग पसंद करते हैं उसे छोड़कर हम तुम को दिया गया था तो बातें होनी तो वाजिब थी हां अगर सैफ अली खान को ओमकारा के लिए मिलता तो कोई भी ऐसी आवाज नहीं उठाता.