सलमान खान की वांटेड फिल्म हाथ से निकली, स्क्रिप्ट पढ़े बिना की रेड 2..

कुछ दिन पहले एक वेब सीरीज रिलीज़ हुई थी जिसका नाम था दोपहिया उसमें एक एक्टर नज़र आए वही एक्टर कुछ दिन बाद रेट टू में नजर आए और रेट टू साल की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी हमारे साथ हैं यशपाल शर्मा यशपाल जी एनडी में आपका स्वागत है शुक्रिया पहले तो आपको ढेर सारी बधाई कि आपने रेड टू जैसी फिल्म दी और धुपहिया जैसी सुपरहिट वेब सीरीज दी आपने तो ये कौन सा जादुई चिराग है कि आप छोटा रोल करते हैं या बड़ी छाप छोड़ते हैं पता नहीं मुझे यह तो आप ही बता सकते हैं लेकिन मैं तो अपना जो भी काम होता है छोटा या बड़ा मैं घुस के दिल से मतलब करना चाहता हूं क्योंकि स्क्रीन पर चाहे 2 सेकंड के लिए नजर आए या चाहे 5 सेकंड के लिए या पांच मिनट के लिए या 2 घंटे के लिए लेकिन आपको मतलब ऑडियंस को देख के मजा आना चाहिए.

और ऑडियंस आपकी वेट करनी चाहिए अरे यार वो तो आ गया तो वो उस तरीके से कोशिश करते हैं कि इंटरेस्टिंग बने और अच्छा हो रे टू में आपका रोल छोटा था लेकिन पूरी कहानी को पलट देता है वो तो किस तरीके से उस छोटे से किरदार को निभाने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी आपको नहीं कोई एक्स्ट्रा मेहनत नहीं करनी पड़ी क्योंकि राजकुमार गुप्ता जो डायरेक्टर हैं उन्होंने बोला था कि बस तू चाहिए तू आजा जी मतलब तुझे करना है और मैंने कहा कुछ तैयारी करनी है स्क्रिप्ट बोला जरूरत नहीं है स्क्रिप्ट की जी तो स्क्रिप्ट भी नहीं पढ़ी थी.

मैंने बस वो सीन देते थे और मैं करता था और पूरा सरेंडर करके अपने आप को डायरेक्टर पे भरोसा करके जी एंड वो इतने कमाल के डायरेक्टर हैं ना कि जो उनको चाहिए जब तक उनको वो ना मिल जाए वो जाने नहीं देते छोड़ते नहीं जी तो मुझे कई बार प्रकाश झा हो गए जैसे या राजकुमार गुप्ता हो गए आशुतोष बारी करो कुछ कुछ डायरेक्टर ऐसे हैं जिनके साथ काम करते हुए उन पर शाम बनेगा भरोसा करके छोड़ दो जी खुद की तैयारियां खूब करने की जरूरत नहीं पड़ती मेरे ख्याल से अगर अगर हम टोटल सरेंडर कर दें तो जी तो आपने प्रकाश झा का नाम लिया श्याम बेनीगल का नाम लिया इनके आप फेवर फेवरेट एक्टर रहे हैं आप इनकी फिल्मों में नजर आए हैं आप तो क्या कैसे बना यह कनेक्शन आपका इन लोगों के साथ एक्टिंग से ही बना टैलेंट से ही बना झांकी चाहे गंगाजल हो अपहरण हो.

और कुछ साफ गोई से बना मेरी साफ गोई होती थी क्योंकि मुझे कभी भी इनसिक्योरिटी नहीं हुई कि रोल नहीं मिलेगा छिन जाएगा या क्या होगा फिर तो मुझे इस तरीके की इनसिक्योरिटी शुरू से ही जब मैं स्ट्रगल कर रहा था तब से भी नहीं थी तो इसलिए प्रकाश झा से जब मिले थे पहली बार तो मैंने उन्होंने बोला था कि एक रोल है अच्छा गंगाजल में तो मैंने बोला पैसे कितने देंगे अब तो अब प्रकाश झा के पास तो सब लोग रोल दे दो बस यही काफी है क्या पैसा नहीं तो उन्होंने जो पैसा बोला तो मेरी वाइफ जो शी इस आल्सो एन एक्ट्रेस एंड डायरेक्टर वो हंस पड़ी एकदम तो प्रकाश जी को एक झेप गए थोड़ा सा कि एक बहुत ही कम पैसा था तो लेकिन कई बार कई फिल्में हैं जैसे लगान है ये हैं कुछ चीजें पैसों के लिए नहीं कुछ चीजें आपको बहुत कुछ दे जाती हैं लाइफ में और उसमें से लगान गंगाजल ऐसी फिल्में हैं.

जो वाकई में बहुत कुछ दिया है मुझे अब जब लगान की बात करें तो उसमें लखा किरदार निभाया था आपने तो कितना चुनौतीपूर्ण था वो रोल करना और आमिर खान जैसे एक्टर के साथ ट्यूनिंग बिठा पाना लाखा का रोल मेरे जीवन का एक प्रोसेस कम से कम एक्टिंग वाइज नहीं मैं उस फिल्म को एक प्रोजेक्ट मानता हूं बड़ा वास्ट प्रोजेक्ट जो आशुतोष गवारीकर ने मुझे बहुत इंस्पायर किया है क्योंकि जितनी तैयारियां शुरू में की उन्होंने जिस तरीके से फिल्म कैसे बनती है क्या और मैनेजमेंट में पढ़ाई जाती है लगान कि कैसे बनी लगान वो एक बुक है कि पैशन ऑफ डेजर्ट कैसे बनी लगान हिंदी में है तो लगान की मेकिंग के ऊपर पूरा प्रोसेस कैसा है वो उस वो पढ़ाई जाती है और मेकिंग ऑफ लगान एक फिल्म भी है जो स्विट्जरलैंड में को लोकार्नो में जिसको बेस्ट फिल्म का अवार्ड भी मिला है तो उस तरीके से उसमें इतना इंस्पायरिंग है वो सब कि आप मैं बता नहीं सकता इसका जुड़ना मेरे लिए बहुत इंपॉर्टेंट और बहुत इंटरेस्टिंग था तो मैं स्ट्रगल कर रहा था उस वक्त फोन नहीं आए थे पेजर थे जी तो मेरे पास मैसेज आया कि कॉल आमिर खान प्रोडक्शन क्लमेंटना अब मुझे लगा ये किसी ने मुझे मतलब फदू बनाया है के क्लेमेंटना क्या होता है समझ में नहीं आ रहा फिर मैंने फोन किया चलो लैंडलाइन था.

बांद्रा में तो पता चला कि क्लमेंटना रिसेप्शनिस्ट का नाम है तो वो क्रिश्चियन है जी तो मैंने कहा चलो तो बोले आपसे मिलना चाहते हैं आशुतोष तिवारी कह मैंने कहा बिल्कुल मिलेंगे जी हालांकि मुझे लगा कि रोल तो कुछ बचे नहीं है क्योंकि मैंने सुना था आशुतोष राणा ये मुकेश ऋषि बहुत सारे राजेंद्र गुप्ता ये सब कास्ट हो चुके हैं तो अब क्या बचा होगा तो मैंने बोला चलो ठीक है मैं आता हूं तो मैं गया तो आशुतोष गवारीकर ने पूरे कमरे में 3 पौने 4 घंटे मुझे स्क्रिप्ट सुनाई और बोला कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा रहेगा ऐसे घूम-घूम करके मूजबा नहीं पढ़ के नहीं वो मुझे बहुत दिमाग में आज तक मतलब छाया हुआ है दैट काइंड ऑफ़ प्रोसेस ऑफ अ डायरेक्टर इज़ मतलब एक जीनियस लोग ही ऐसा कर सकते हैं मुझे ऐसा लगता है तो उन्होंने बोला कि लाखा का रोल लाखा का रोल मुझे एकदम झटका लगा मतलब मुझे आमिर खान वाला सच बता रहा हूं आमिर खान मेरे रोल से भी ज्यादा अच्छा लग रहा था वो पढ़ते पढ़ते पढ़ते पढ़ते क्योंकि वो हीरोइन से प्यार करता है.

पहले नेगेटिव है फिर पॉजिटिव है तो लेयर्स थी तो बड़ा अच्छा लगा तो मैंने कहा ठीक है बोला ठीक है नहीं मिला नहीं है अभी ऑडिशन देना पड़ेगा मैंने कहा ठीक है तो हम आमिर खान के घर गए ऑडिशन देने तो मैं ऑडिशन दे के निकला ऑटो में बैठा ही था स्टेशन के लिए कि मैसेज आ गया यू आर सिलेक्टेड तो मैंने क्योंकि उन्होंने आमिर खान को भेजा हुआ वो ए आर रहमान के पास थे चेन्नई तो उस उन्होंने उसी वक्त देख के ऑडिशन वापस बोल दिया कि यस तो बोले कि कल आकर के आप इनसे बात कर लीजिए रीना दत्ता थी प्रोड्यूसर वाइफ उनकी एक्स वाइफ तो अगले दिन मैं जा रहा हूं और मैं सोच रहा हूं यशपाल आज तो ₹1 लाख मांग लो मौका है तो मतलब 1 लाख उस वक्त मिले तो तो मैंने सोचा यार 1 लाख में मना कर दिया तो फिर मैंने कहा चलो 80 में तो मान ही लेंगे मतलब क्या हो गया फिर 60 तक मैं 20 तक आ गया मैंने कहा यार जो भी है खाली बैठा हूं कुछ भी है इतना बड़ा फिल्म है इतना बड़ा रोल है तो चला गया मैं सीधा बुलाया.

उन्होंने अंदर मैं गया रीना दत्ता जी बोली कि देखिए हमारा बजट बहुत कम है हम सबको ₹1-15 लाख दे रहे हैं और मेरे मुंह से निकला नहीं मैडम 2 लाख तो दो बोला ठीक है साइन कर दो मैंने कहा यह क्या हुआ हां तो नहीं नहीं मतलब मैं बता रहा हूं और लेकिन इस फिल्म ने जो दिया बाद में हम पूरी दुनिया घूमे मतलब अमेरिका कनाडा मॉरीशियस मलेशिया दुबई हां वहां कहां-कहां नहीं गए इसको लेकर के शोज़ को लेकर के और आईफा अवार्ड्स वगैरह जी सिने अवार्ड्स वगैरह सब जगह सिलेक्टेड थे तो उसके अलावा बहुत कुछ दिया ऑस्कर में नॉमिनेट हुई बेस्ट फाइव फिल्म के अंदर तो पैसे के अलावा बहुत कुछ दिया उस फिल्म में इसीलिए मैं बोल रहा था कि कई बार फिल्मों में पैसा नहीं देखा जाता कई बार सिर्फ डेपुटेशन देखे जाते हैं कि यस यू आर वर्किंग विद दिस काइंड ऑफ़ प्रोजेक्ट जी आपने कहा कि आप बहुत ही साफ गोई से बात करना पसंद करते हैं कोई ऐसा किस्सा जब साफ गोई से बात किया और फिल्म हाथ से निकल गई नहीं.

वो ऐसा था राऊड़ी राठौड़ फिल्म कर रहा था मैं तो शाम को डिनर के वक्त मैं प्रभु देवा जी को बहुत गुस्सा होता था कि कैसा घटिया सा रोल है ये डरपोक एक्चुअली रोल अच्छा था पर वो डरपोक था क्योंकि अक्षय कुमार को हाईलाइट करने के लिए एक डरपोक इंस्पेक्टर चाहिए था वो मुझे दिया हुआ था तो इतना प्यारा रोल था वो बाद में जब मैंने देखा तो रियली आंसू निकल गए मेरे कि क्या बात है बहुत अच्छा छोटा रोल लेकिन बहुत बढ़िया वो था तो वो उनको बड़ा बुरा लगता था मेरी साफ गोई थी उनको बुरा लगता था और उन्होंने उसके बाद उसके पहले एक बार मुझे उसमें रोल दिया था वांटेड में और मुझे बोला था बोनी कपूर जी ने कि महेश मंजरेकर वाला और प्रकाश राज वाला इन दोनों में से कौन सा बस वो हो नहीं पाया हमारे सेक्रेटरी साहब की वजह से जी खैर तो ये जो [संगीत] साफगोई की वजह से नुकसान हुआ फिल्म रिलीज हुई पूरा सुपरडुपर हिट हुई हाउसफुल रहे और प्रभु देवा जी का मैसेज आया कैन यू सी योर रोल नाउ टेल मी व्हाट इज योर रिएक्शन फिर मैंने उनके बोला आई एम सॉरी यू आर राइट इट इट्स अ ब्रिलियंट रोल बस इतनी बात रहा रामलीला से शुरू करके आप राष्ट्रीय जहां तक पहुंचे नेशनल लेवल तक पहुंचे आप तो क्या थी वो कहानी किस तरीके से रामलीला में रोल किया वो क्या वजह थी आप एक्टिंग में आए आप नहीं कीड़ा था.

वजह क्या होती है वजह तो यही है कि आपके अंदर कुछ अनकंफर्टेबलनेस होती है आप जो कर रहे होते हैं जो जो ऑफिस के काम या 9:00 से पांच की नौकरी मुझे शायद नहीं जम रहा हो कुछ ऐसे बैंक की रेलवे की नेवी में हो गया था एडमिशन नहीं जम रहा था कि इसमें में कहीं जाना है बस क्योंकि रात को 11 12:00 बजे तक तो हम रिहर्सल करते थे नाटक की फिर दीवार कूद के घर में एंटर करते थे चुपके से रसोई में खोल के ठंडा खाना खा लेते थे जो भी है ताकि गर्म करने की आवाज ना आए कोई उठे ना तो इस तरीके के तो किए हैं तो फिर 11 12:00 बजे तक जो रिहर्सल करें और जिसका रूटीन ही एक अलग टाइप का था मतलब मैं क्या बताऊं अभी खैर तो उसको मुझे लगता है कि और उस वक्त कुदरती कथा सागर मालगुड़ी डेज डिस्कवरी ऑफ इंडिया और इस तरीके के जो ये थे बहुत मुझे ह्ट करते थे ये नाना पाटेकर अंकुश फिल्म और श्याम बेनेगल की फिल्में सत्यजीत रे की फिल्में पाथर पांचाली उन दिनों में देखी तो मेरा ना एक्टिंग का एक जो अंदर वो था.

ना वो टूट गया कि ये नहीं ये है असली एक्टिंग कि पेड़ के चारों तरफ डांस करना या यूं ही तुम मुझसे बात यह अच्छी एक्टिंग नहीं है ये गाने अच्छे हैं अच्छी एक्टिंग वो है जो अभी देख रहा हूं मैंने नसीरुद्दीन शाह को देख रहा हूं मंडी देख रहा हूं मंथन देख रहा हूं ये देख रहा हूं वो देख तो मुझे बड़ा मेरा पूरा चेंज हो गया सिनेरियो और मुझे पता नहीं क्यों उसी तरफ जाने का मन हुआ बस यही था बच्चा आपने रामलीला में भी एक्टिंग की और एनएसडी में भी आके सीखी एक्टिंग आपने हुनर सीखा वहां भी तो ज्यादा आपने कहां सीखा देखिए वैसे तो जिंदगी भर सीखा लेकिन एनएसडी का जो पीरियड है वह 3 साल प्लस 2 साल रेपेट्रिक है वो पांच साल मेरे लिए गोल्डन पीरियड ऑफ माय लाइफ था और सुबह 5:00 बजे से उठकर 4:00 बजे से और रात को 1:00 बजे 12:00 बजे तक जितने बजे भी 24 घंटे सिर्फ एक्टिंग एक्टिंग एक्टिंग एंड लिटरेचर लिटरेचर लिटरेचर ड्रामा ड्रामा ड्रामा वर्ल्ड का नॉट ओनली इंडियन मतलब रशियन लिटरेचर एंथोनचे मासिम गोरकी ये अलेग्जेंडर पुष्किन और बड़े हेनरी केबिसन ये इतने जो पूरी क्रांतियां हुई जितनी भी थिएटर की या उसकी वो सारा जो था.

वो वो तीन पांच साल में ना वो बहुत पढ़ा और बहुत मुझे लगा कि आज जितने भी नफासत है एक्टिंग की या थोड़ी बहुत जितनी भी मुझे वो वहां से आई है बाद में तो खैर एक्सपीरियंस जिंदगी भर आदमी सीखता ही है बट एक जो स्कूल जो बोलते हैं वो स्कूल तो वही था आपने एक फिल्म भी बनाई हरियाणवी फिल्म थी वो उससे नेशनल पुरस्कार भी जीता तो अभी दोबारा नहीं हाथ आजमा रहे फिल्म नहीं नहीं उसका पार्ट टू बाकी है अभी पार्ट टू आना है उसका पार्ट टू बनाना है दादा लक्ष्मी का और बिल्कुल मेरे ख्याल से 106 107 अवार्ड मिल चुके हैं उस फिल्म को पूरी दुनिया में वो हर जगह उसका अवार्ड और कांस में भी दिखाई जा चुकी है और नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है और दो यूनिवर्सिटीज में सिलेबस में भी पढ़ाई जाती है वो फिल्म मास कम्युनिकेशन और सिनेमा स्टूडेंट्स को और काफी अच्छा एक्सपीरियंस रहा तो अभी कब शुरू करें छ साल लगे उस फिल्म को बनाने में क्योंकि इतनी रिसर्च इतनी थी इट वाज़ अ बायोपिक ऑफ अ फोक आर्टिस्ट जी तो वह पढ़ना उसके बारे में जानना बहुत जरूरी था सब कुछ तो अभी दूसरा अभी उसका अगला पार्ट कब शुरू करने जा रहे हैं.

आप जल्दी करेंगे वो छ साल में बनी है तो तीन साल तो चाहिए जी साउथ में आपने काम किया हरियाणवी फिल्म बनाई आपने बॉलीवुड में भी काम कर रहे हैं आप तो सबसे ज्यादा कहां कौन सी इंडस्ट्री सबसे ज्यादा प्रोफेशनल है जो आराम से बहुत ही आराम से फिल्म हो जाती है जहां नहीं प्रोफेशनल अगर बोला जाए तो वो तो साउथ की इंडस्ट्री बहुत बहुत प्रोफेशनल है जी मतलब यहां के लोग कई बार सरकारी नौकरी समझते हैं हो जाएगा अरे यह उठाना भाई अरे उठा लो यार कुर्सी उठा के वहां ही तो रखनी है स्पॉट क्या स्पॉट अरे उठाओ रखो खत्म हो गया काम पर वो नहीं यहां थोड़ा सा अजीब सा है पर साउथ में कमाल का प्रोफेशनलिज्म है जी अब इंटेरोगेशन की बात करें तो आपने रेड टू की कुछ दिन पहले अजय देवगन जैसे स्टार के साथ बड़ी-बड़ी फिल्में आपने की है तो इस फिल्म को चुनने की क्या वजह थी नए स्टार है प्रोड्यूसर डायरेक्टर कंटेंट स्टोरी एंड कैरेक्टर रोल हां क्योंकि मेरी अभी काफी फिल्में ऐसी आने वाली हैं लीड रोल में जो कि बजट बड़ा नहीं है लेकिन सेटिस्फेक्शन है और उतना ही बजट है जितनी कमा पाए तो उसके लिए मुझे आई एम वेरी हैप्पी के इस तरीके की फिल्म है.

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