‘बात आत्मसम्मान की थी…’, शैलेश लोढ़ा ने तारक मेहता शो छोड़ने की पूरी कहानी बताई..

तो एक सवाल जो आपको भी पता है बहुत रिपीटेडली पूछा गया जो हमारे सहयोगी संपादक कहां संदीप जी कहां गए हैं संदीप जी के बालक ने भी कहा है उनका बच्चा है छोटा की वह जरूर पूछेगा और वह है आपकी जो सबसे मशहूर एन टीवी सीरीज कहले तारक मेहता का उल्टा चश्मा से जुड़ा हुआ क्या हुआ ये कभी बताया नहीं था क्या हुआ लेकिन इशारों इशारों में तो कहा था बात आत्मसम्मान की थी और इसलिए फिर छोड़ दिया होगा,

क्योंकि मैंने मुंबई में हमारे पत्रकार है उनसे कहा था की जब भी बात करूंगा तो आपसे सबसे पहले कर लो वो प्रिंट में है लेकिन ए चुकी है सब टीवी पर एक दूसरा शो आया था गुड नाइट इंडिया कब की बात है यह डेड साल पहले की बात है मेरा शो नहीं था रात को 10:30 बजे जिसमें स्टैंड अप कॉमेडियंस आते थे और कलाकार आते थे तो उसे शो में उन्होंने मुझे बतौर सेलिब्रिटी गेस्ट बुलाया एक एपिसोड के लिए जहां मुझे मेरे कवि शैलेश लोढ़ा मैं गया तो 1980 से कविताएं कर रहा है,

और जो जो कुछ हूं मैं आज हिंदी कविता की वजह से हूं तो मैं गया और उसको दिक्कत भी नहीं थी मेरे जान में कोई रॉक तो थी भी नहीं हनी भी नहीं चाहिए और ना मैं किसी से प्रतिबंध में था की मैं नहीं जा सकते हो ना और इस प्लेटफॉर्म पर जी प्लेटफॉर्म पे हमारा शो आता था इस में 10:00 बजे आता था तो एक संबंध भी थे और निश्चित तोर पर कविता है मैं नमाज़ कविता मेरी कविता हुई मैं बच्चे ढूंढ रहा हूं वो कविता मैंने उसे दिन वो लंबी कविता और और भी कुछ सुना दूंगा,

दूसरा कुछ तो वो वो जरूर सुना दूंगा तो अच्छी कविता है वो तो ऐसा लोग है तो मैंने वहां जाकर कविता पड़ी और शो हो गया अब उनका फोन आया जी दिन वो शायद टेलीकास्ट होने वाला होगा उसके एक दिन पहले और आप कैसे गए वहां पर उनका मतलब तारक मेहता का उल्टा चश्मा अरे मुझे अपने दर्शकों को स्पष्ट करना होता है कुमार विश्वास भाई आते हैं वो भी कई लोगों का नाम नहीं लेते कुमार भी नहीं था,

मुझे नहीं पता था मेरे पास उनका के आप कैसे चले गए और इधर उधर कैसे लगे मतलब भाई मैं कभी हूं और एक शो के अंदर में मतलब सेलिब्रिटी गेस्ट रोल करने तो गया नहीं हूं आधे घंटे का एपिसोड है जिसमें मैं सेलिब्रिटी गेस्ट हो जिसमें मैं शैलेश लोढ़ा हूं है और उन्हें बड़ी असभ्य भाषा में बात की जो मुझे बर्दाश्त नहीं हुई ऐसा पहले बार हुआ जब आसिफ मोदी ने इस तरह की भाषा की लैंग्वेज उन्होंने बोली थी तब भी भिड़ंत हो चुकी थी,

कुछ समय पहले तो तब भी एतराज मेरी दो पंक्तियां भी मैंने कहा की हर बात पे मेरी हामी नहीं है और जुर्म के आगे सलामी नहीं है और भूल गया मेरी खुद्दारी का इम्तिहान लेने वाला मेरी रेगन में खून है गुलामी नहीं है क्या बात है तो उन्होंने जी भाषा में बात की वह मुझे स्वीकार ही नहीं थी मेरे लिए हम सब कम कर रहे हैं और सब ने मिलकर किसी चीज का निर्माण किया है और आप इस भाषा में तो बात कर ही नहीं सकते,

पहले तो आप प्रतिबंध इस तरह के नहीं लगा सकते मैं यह चीज तो बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा 17 फरवरी की बात है आ 22 22 जी और 17 फरवरी 2022 की बात है मैंने मेल कर दिया तो मैं आई एम नोट वर्किंग अन्य मोर लेकिन मैं जाता रहा सेट में क्योंकि वो बुलेट रहे मैं इसलिए जाता रहा की हमें भी पता है कोई लंबा शो चल रहा है तो आपकी स्टोरी है या रोल है,

वो खत्म हो जाए जब तक आपको जाना है तो मैं जाता रहा लेकिन उन्होंने फिर आम फिस्टिंग के लिए ये हुआ की हमारे इंडस्ट्री में एक नियम है की पैसे आप 90 दिन बाद क्लेम कर सकते हैं अगर 1 जनवरी पे किसी ने कम किया है तो 1 फरवरी 1 मार्च 1 अप्रैल तक उसका पैसा नहीं मिलेगा 1 अप्रैल के बाद मिलेगा अनहिनाम है.

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