नकद, सोना, पासपोर्ट, प्लेन के मलबे में मिली और भी चौंकाने वाली चीजें..

70 तोले सोना, 80,000 की नगदी, भगवत गीता, विदेशी यात्रियों के पासपोर्ट और कीमती सामान। यह सब कुछ मिला वहां जहां अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ था। और अब इस सारे सामान को दिया जा रहा है उन परिवारों को जिनके अपनों का यह सामान था। 12 जून को जब अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 हादसे का शिकार हुई तब सिर्फ जिंदगियां नहीं गई। उनके साथ चले गए कई सपने, कई अधूरी यात्राएं और उनके परिवारों की तो मानो पूरी दुनिया ही उजड़ गई। अहमदाबाद के मेघाणी नगर में जब एयर इंडिया का विमान हादसे का शिकार हुआ,

तो घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में थे 56 साल के राजू पटेल। जिनका दफ्तर घटना स्थल से बस कुछ मिनटों की दूरी पर था। जैसे ही हादसे की खबर मिली, वह अपनी टीम के साथ दौड़ पड़े। बिना किसी डर के, बिना कुछ सोचे समझे कि आगे क्या होगा। जो उन्होंने वहां देखा वो किसी खौफनाक फिल्म से कम नहीं था। हर तरफ धुआं, आग के भयंकर लपटे और उन लपटों में चीखती इंसानी आवाजें। कोई मदद के लिए चिल्ला रहा था। कोई अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था। स्ट्रेचर नहीं थे तो साड़ियों और चादरों को ही स्ट्रेचर बना लिया गया,

जिसे जैसे हो सका अस्पताल पहुंचाया गया। शाम होते-होते जब आग बुझाई गई और घायलों को हटा लिया गया तब राजू और उनकी टीम ने वहां काम शुरू किया जो अब मुश्किल काम था। हादसे में बिखरी चीजों को समेटने का। चैन निकाली, मंगलसूत्र भी निकाला, दो-तीन घड़ियां भी निकाली और अंगूठियां भी निकाली, स्मार्टफोन भी निकाले, कवर्स भी निकाले और बॉडी भी थी। एक हाथ था ऐसे और घेरा वगैरह वो सब निकाला,

मलवे में डबा था सब कुछ। मलवे में ढूंढ-ढूंढ के निकाला सब लोग सब ऊपर ही थे। अच्छा अक्षय इतना कीमती सामान है कभी आपको वो नहीं आया कि नहीं नहीं लालच नहीं लालच नहीं कभी जिंदगी में लालच नहीं लालच बुरी भला है। बुरी भला है। सही यार मेहनत करके खाते हैं। हराम का नहीं। क्या बात है। ये देखिए ये है अपना भाई जो कह रहा है कि लालच बुरी बला है। हम मेहनत करके खाते हैं। और ऐसे ही लोगों के अह मेहनत का नतीजा है,

ईमानदारी का नतीजा है कि बहुत सारे जो फॉरेंसिक एविडेंस हैं, बहुत सारे जो मूल्यवान सामान हैं, वह लगातार गुजरात पुलिस हैंडओवर लोगों को कर रही है। बिखरे बैग, जले हुए कपड़े, टूटी हुई चूड़ियां, किसी बैग से निकले सोने के जेवर, 70 तोले से भी ज्यादा, कहीं मिला ₹80,000 नगद। एक जगह से मिली भगवत गीता और कई पासपोर्ट। जिनसे पता चलता है कि इनमें कई ऐसे भी थे जिन्होंने पहली बार विदेश जाने का सपना देखा था। राजू पटेल ने इन सभी चीजों को बिना एक पल की देरी किए पुलिस को सौंप दिया। उनका कहना था यह उनकी आखिरी पहचान हैं,

यह उनके परिवारों को जरूर मिलनी चाहिए। गुजरात पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जो भी सामान मिला है उसे ठीक से दस्तावेजों में दर्ज किया जा रहा है और जल्द ही सभी चीजें मृतकों के परिजनों तक पहुंचा दी जाएंगी। एक परिवार को ₹4.5 लाख के सोने के गहने सौंपे भी जा चुके हैं और उन्होंने पुलिस और प्रशासन की ईमानदारी के लिए आभार भी जताया। अच्छा अक्षय आपके परिवार में कौन-कौन है? घर में कौन-कौन है? मम्मी है, पापा है,

छोटा भाई है, दादी है। और आप ही काम करते हो या मम्मी भी करती है। मम्मी और मैं करता हूं। तो यही जो मजदूरी का काम है वही आप लोग करते हैं। हां वही करता हूं। देखिए मजदूरी का काम करते हैं। घटना स्थल पर पिछले पांच छ दिनों से काम कर रहे हैं। बहुत मूल्यवान सामान भी मिला। लेकिन आप देखिए कि हमारे समाज के भीतर यह भी एक तरीके की मिसाल है कि इतने मूल्यवान सामान मिलने के बाद भी अक्षय के मन में ना कोई लालच आया ना कोई दूसरे तरीके की भावना आई। यही एक एक अच्छी चीज है जो इस तरीके के जब वाक्य होते हैं तो उसमें पता लगता है कि हमारा समाज कितना वाइब्रेंट है। किस तरीके के लोग हैं इसमें। तो ये अक्षय जैसे ही लोग हैं,

तमाम जो 40 मजदूर हैं वो लगातार इस क्रैश के साइट पर जो 200 मीटर के दायरे में फैली हुई है वहां पर लगातार काम कर रहे हैं। वहीं गुजरात के गृह मंत्री हर संघवी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा एयर इंडिया यात्री हर एक पाया गया सामान वापस किया जाएगा। एयर इंडिया के विमान दुर्घटनाग्रस्त के बाद अहमदाबाद सिटी पुलिस ने मृतकों के परिवार को उनके प्रियजनों की संपत्ति वापस करने के लिए अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर काम किया,

वीना बहन अघेड़ा के शरीर से जब्त किए गए लगभग 4 से पांच तोले सोने के जेवर जिसकी कीमत लगभग ₹4.5 लाख थी। वह बड़े ही सूझबूझ से ढूंढकर उनके परिवार को वापस कर दिया गया। परिवार ने पुलिस की ईमानदार कार्यशैली की प्रशंसा की और उनकी सेवा के प्रति समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया। अहमदाबाद पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को उनके असाधारण सेवा के लिए बहुत-बहुत प्रशंसा। इस हादसे ने बहुत कुछ तबाह कर दिया,

लेकिन कुछ लोगों की इंसानियत ने यह साबित कर दिया कि जब सब राख हो जाता है तब भी कुछ लोग होते हैं जो बाकी रह गए हर टुकड़े को जोड़ने की कोशिश करते हैं। राजू पटेल जैसे लोगों को सलाम है जो मलबे से सिर्फ चीजें नहीं इंसानियत निकाल लाते हैं। सलाम गुजरात पुलिस को भी जो लोगों की मदद कर रही है। अगर आपको भी राजू पटेल की इंसानियत अच्छी लगी तो इस वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और कमेंट करना ना भूलें.

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