अहमदाबाद एयर इंडिया फ्लाइट क्रैश की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। इस वक्त की बड़ी खबर आपको बता रहे हैं। एक के बाद एक दोनों इंजन बंद होने से हादसा हुआ। फ्लाइट टेक ऑफ करते ही एक के बाद एक दोनों इंजन बंद हो गए। रिपोर्ट में ऐसा सामने आया है और आपको यह भी बता दें क्रैश से पहले एक पायलट ने दूसरे से पूछा था कि तुमने इंजन बंद क्यों किया? जिसके बाद दूसरे का जवाब था कि मैंने इंजन बंद नहीं किया। यह इस वक्त की बड़ी खबर आपको बता रहे हैं अहमदाबाद प्लेन क्रैश में यह सबसे बड़ा खुलासा है। रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ,
है। नमस्कार, आप देख रही हैं एनएमएफ न्यूज़। आपके साथ मैं हूं नम्रता चौधरी। इस वक्त की बड़ी खबर हम आपको बता रहे हैं। अहमदाबाद प्लेन क्रैश हादसे में इस वक्त का सबसे बड़ा खुलासा जो हुआ है। पंकज जी मेरे वरिष्ठ सहयोगी मेरे साथ जुड़ गए हैं। पंकज जी एक बात बताइए जो सीबीआर है उसके हवाले से यह जानकारी मिल रही है कि इस हादसे से चंद सेकंड्स पहले दो पायलट्स की जिसमें सुमित सबरवाल ने अपने को-पायलट से पूछा था कि क्या तुमने स्विच ऑफ किया है जिसमें उन्होंने कहा कि नहीं मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। दूसरी,
जानकारी यह भी मिल रही है कि रन से स्विच ऑफ हुआ और स्विच ऑफ से फिर रन हुआ और ऐसे में फ्यूल इंजन तक पहुंच ही नहीं पाया था। पहली बार ऐसा हुआ होगा कि रात के 2:30 बजे कोई रिपोर्ट जारी की गई है। मैं बार-बार एक बात बार-बार मैं बोल रहा हूं नम्रता कि मुझे डर है। डर है कि यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कवर ऑफ ऑपरेशन नहीं साबित हो। तीन चार बातें मैं आपको महत्वपूर्ण बता रहा हूं इस पूरी घटनाक्रम से जुड़ी हुई। पहली बात कि रात को 2:30 बजे रिपोर्ट जारी हुआ और उस रिपोर्ट में यह साफ-साफ लिखा है कि कॉकपिट में एक पायलट दूसरे से पूछ रहा,
है कि उसने इंजन का फ्यूल ले जाने वाले स्विच ऑफ क्यों किए? हम दूसरा कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया। ये दोनों स्विच रैंडम टच से ऑन ऑफ नहीं होते। ऐसा नहीं कि हाथ लग गया तो ऑन ऑफ हो जाते हैं। उसे पूरी शक्ति लगाकर ऑन या ऑफ किया जाता है। तो यह भी नहीं कह सकते कि गलती से हाथ लग गया होगा इसलिए दोनों। दूसरी बात इस रिपोर्ट के कुछ हिस्से वाशिंगटन पोस्ट में कल से आ रहे थे। आज रिपोर्ट का मूल भाव वही है जो वाशिंगटन पोस्ट में छप रहा था। पायलट ने स्विच ऑफ किया। स्वतः स्विच ऑफ हो गया। सॉफ्टवेयर की समस्या थी। मैकेनिकल,
समस्या थी। फ्यूल नहीं जा पा रहा था। वायरिंग में प्रॉब्लम थी। यह अभी तक इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। नहीं रिपोर्ट में तो बताया गया ना कि मैकेनिकल खराबी नहीं आई है। नहीं डिजाइन या मैकेनिकल खराबी नहीं पाई गई है। मैं इसलिए बार-बार आपको बोल रहा हूं कि यह भारतीय एरो इतिहास का सबसे बड़ा कवर ऑफ ऑपरेशन नहीं साबित हो। कहीं ऐसा ना हो कि बोइंग को बचाने की कोशिश की जा रही है। एक महीने बाद एक ब्लैक बॉक्स डिकोड होता है इस देश में। आप दुनिया के किसी देश में चले जाइए 24 घंटे के अंदर करके दे देगा। देखिए मैं किसी पर सवाल नहीं उठा रहा हूं,
लेकिन सच्चाई सामने आनी चाहिए। 270 के करीब लोगों की मौत का मामला है ये। अगर एक पायलट को दोष देकर मामले को रफादफा किया जाएगा तो यह गलत है। बोइंग का इंजन एक साथ दोनों इंजन नहीं बंद होता। अगर एक इंजन बंद भी होता है तो दूसरा चालू रहता है। वह आपात स्थिति के लिए ही बनाया गया है। अगर इंजन में फ्यूल सप्लाई नहीं हो रहा है तो यह पायलट नहीं कर सकता। कम से कम को पायलट नहीं कर सकता यह काम। ऐसा नहीं कि एक बंद कर दिया और दूसरा बंद कर दिया। ऐसा नहीं होता। उसके साथ एक पायलट बैठा हुआ है। वो करते हुए देखेगा तुरंत मना करेगा।
इसका मतलब यह है कि कुछ तो ऐसी गड़बड़ी हुई जिसमें इंजन तक ईंधन नहीं पहुंच रहा था। जिसकी वजह से एक के बाद एक दोनों इंजन बंद हुए हैं। और सबसे बड़ी बात कोपिट में पायलट्स के बीच में जो बात हुई है पंकज जी वो भ्रम की स्थिति पैदा कर रही है। जब एक प्लेन उड़ान भर रहा है और अगर उसमें पायलट्स के बीच में भ्रम की स्थिति है। क्या इनिशियल स्टेज पर भी ऐसा रहा होगा? इनिशियल स्टेज पर तो सब कुछ चेक होकर चला होगा ना। बिल्कुल। इसलिए तो मैं बोल रहा हूं पायलट चेक नहीं करता। पहली बात वो ऊपर ऊपर जाके सिर्फ देखता है कि एवरीथिंग इज वर्किंग,
वेल और नॉट। लेकिन जो असली मैकेनिकल जो चेकिंग है वो ग्राउंड स्टाफ करता है। मैं बार-बार शुरू से डे वन से ये बोल रहा हूं कि अगर इंजन में ईंधन सप्लाई नहीं हो रहा है तो यह पायलट का काम नहीं है देखना। किसी ने छेड़छाड़ की है। कैसे छेड़छाड़ हुई है। माल फंक्शन हुआ। पुराना बोइंग था। उसकी वजह से हुआ है। यह मुझे नहीं पता। लेकिन मैं बार-बार यह बोल रहा हूं कि कहीं ऐसा ना हो कि यह रिपोर्ट बोइंग कंपनी को बचाने के लिए जारी की जा रही हो। एक पायलट को गलती बताकर पूरे मामले को रफादफा ना किया जा रहा हो। मैं जिस दिन ये घटना हुई,
थी ना जिस दिन ये घटना हुई थी उसी दिन मैंने कहा था कि कुछ तो बहुत बड़ी गड़बड़ी है और उसी दिन आपने और मैंने डिस्कस किया था जिसमें आपने जिक्र किया था टर्किश कंपनी का कि टर्की की एक कंपनी है और उसको जब बंद किया गया उसके बाद कितने 100-150 लोग आपने बताए थे 450 लोग बताए थे कि वो एक दिन मतलब मतलब जब हुआ था ये घटना हुई थी उसके दो दिन पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट पे 150 लोगों को रिक्रूट किया गया था उस कंपनी से सिविल कंपनी कुछ नाम है उसका। मैं बार-बार यह बोल रहा हूं कि उस जहाज के साथ छेड़छाड़ हुई है। किसने किया है इसका,
पता लगाना सरकारी एजेंसियों का काम है। यह नेचुरल नहीं था। ऐसा नहीं था कि जहाज उड़ा और 30 सेकंड के अंदर गया। वो बाउंड्री वाल जस्ट एयरपोर्ट का मुश्किल से क्रॉस किया होगा और वहां जाके गिर गया। दोनों इंजन एक के बाद एक बंद हो गए। यह नहीं होता ऐसा। दुनिया में कोई ऐसा उदाहरण बताइए कि बोइंग के दोनों इंजन चंद सेकंड के अंतर पर बंद हो गए हैं। अगर दूसरा बंद भी होता है, माल फंक्शन भी होता है तो वो कुछ समय लेता है। इसका मतलब कि बाहरी छेड़छाड़ की गई है उस इंजन के साथ और मैं इसे बार-बार बोल रहा हूं कि ये सबोटाज था। वो नेचुरल घटना नहीं,
थी। और बार-बार देखिए धीरे-धीरे एजेंसियां उसका इशारा कर रही है कि नहीं। कई पूर्व पायलट इस बात को लिए सिविल एिएशन एक्सपर्ट यह कह रहे हैं कि दोनों इंजन सीज होना वंस इन ए बिलियन ऐसा हो सकता है लेकिन आज तक नहीं हुआ। ये मैं पूर्व पायलटों की बात कर रहा हूं। सिविल एक्स एिएशन एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जब तक कोई बाहरी छेड़छाड़ नहीं की गई हो यह संभव नहीं है। यह देखिए मैं बार-बार यह बोल रहा हूं कि सच्चाई सामने आनी चाहिए। ब्रिटेन की एक अदालत में एक याचिका भी दायर की गई है। अगर हमारी एजेंसियों ने सही जांच नहीं किया और वहां की अदालत ने अगर ऑर्डर कर,
दिया तो यह देश की बदनामी हो जाएगी और जो रिपोर्ट के हिस्से टुकड़ों में आ रहे हैं। मुझे लगता है कि यह प्राथमिक रिपोर्ट है। भारत सरकार को इसे सार्वजनिक करना चाहिए और कल 2:30 बजे इसने किया भी। वाशिंगटन पोस्ट में पहले आता है और हमारे यहां सरकार बाद में इसे जारी करती है। एक बात याद रखिए जो बोइंग है अमेरिकी कंपनी है। अमेरिकी प्रेशर में कहीं इस कंपनी को बचाया तो नहीं जा रहा। मैं बार-बार ये सवाल सिर्फ खड़े कर रहा हूं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि 250 लोगों के जान की कीमत सिर्फ कुछ मुआवजे में लगा दिया जाए। 250 तो सिर्फ एरोप्लेन के अंदर थे।
बाकी जो 30 मरे हैं वो हॉस्पिटल वो हॉस्टल मेस वगैरह में उन सबका अलग है। मैं जिस दिन यह घटना हुई और जितने भी मैंने देखे सिविल एिएशन एक्सपर्ट्स के वह कह रहे हैं कि यह आश्चर्यजनक है कि एक जहाज बोइंग जो कि इतनी लंबी दूरी की यात्रा कर रहा हो वो अहमदाबाद से जाने वाला है लंदन और वो सारा चेकिंग के बाद उड़ता है और अचानक जो पायलट है तीन शब्द प्रोनाउंस करता है मे डे मे डे मे डे और 30 सेकंड के अंदर वो जाके गिर जाता है और 30 सेकंड के अंदर फ्लाइट जब उड़ रहा था इंजन काम कर रहा है। लेकिन जैसे ही टेक ऑफ किया पहला इंजन बंद.
होता है और कुछ सेकंड के बाद दूसरा इंजन बंद होता है। पहला इंजन बंद होते ही जो सब्रवाल साहब थे कहते अरे इंजन क्यों बंद किया? उसने कहा मैंने कुछ नहीं किया है। स्पॉनटेनियस रिएक्शन था कि मैंने नहीं किया है। इसका मतलब कि इंजन बंद हुआ। फ्यूल सप्लाई किसी ने बाधित किया था। नीचे कुछ इस तरह की सेटिंग की गई थी। और उसके बाद फिर वो वापस से रन की सिचुएशन में आया है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। नहीं यही बात है ना कि यह लोग कोशिश कर रहे थे। देखिए वो क्या हो रहा था जब भी कुछ होता है ना जब इंजन को सिविल सप्लाई.