फुटबॉल का मैदान, पैरों का जादू और 50 साल की उम्र तक गोल दागने का एक हसीन सपना। मैदान पर जिसे फिलिस्तीन का पेले कहा जाता था, उसकी जिंदगी की कहानी एक फूड कूपन की लाइन में खत्म हो गई। यह कहानी है 41 साल के फिलिस्तीनी फुटबॉलर सुलेमान अल उबैद की। जिनका सपना 50 साल की उम्र तक गोल करने का था,
लेकिन गाजा के युद्ध ने उनका सपना और उनकी जिंदगी दोनों छीन ली। उनकी मौत पर अब एक नया विवाद भी छिड़ गया है जिसमें लिवर पूल के स्टार फुटबॉलर मोहम्मद सलाह भी कूद पड़े हैं। एक इजरायली टैंक के गोले ने उनका सपना एक दशक पहले ही तोड़ दिया। परिवार का आरोप है कि सुलेमान की मौत तब हुई जब वह दक्षिणी गाजा में अपने परिवार के लिए खाना लेने एक लाइन में लगे थे,
आज उनके विधवा पत्नी के पास पति की याद के तौर पर सिर्फ उनकी 10 नंबर की यह शॉट्स बची है। जिसे वह अपने सीने से लगाए अपने पांच बच्चों के साथ एक टेंट में रहने को मजबूर हैं। सुलेमान की मौत का यह मामला तब और गमा गया जब फुटबॉल की दुनिया के सुपरस्टार लिवर पूल के मोहम्मद सलाह ने इस पर सवाल उठाए,
दरअसल फुटबॉल की यूरोपीय संस्था यूईएफए ने सुलेमान को श्रद्धांजलि तो दी लेकिन यह नहीं बताया कि उनकी मौत आखिर कैसे हुई। इस पर सलाह ने सोशल मीडिया पर लिखा क्या आप बता सकते हैं कि उनकी मौत कैसे हुई? कहां और क्यों हुई? इस सवाल पर इजरलीय सेना ने जवाब दिया कि उनके रिकॉर्ड में ऐसी कोई घटना नहीं है और जांच के लिए और जानकारी चाहिए,
तो एक तरफ मौतों पर दांव और प्रतिदाओं की जंग है तो दूसरी तरफ एक खिलाड़ी का खेल के लिए जुनून। परिवार बताता है कि सुलेमान युद्ध के बीच भी बोलियों और बमों के साए में भी हर रोज खेलने जाते थे। फिलिस्तीनी फुटबॉल एसोसिएशन के मुताबिक इस जंग में सुलेमान जैसे सैकड़ों खिलाड़ी और खेलाधिकारी मारे जा चुके हैं और ज्यादातर स्टेडियम खंडर बन चुके हैं।