पंजाब बॉर्डर तक लबालब, बेकाबू हुई है सारी नदियां रावी, व्यास, सतलज!…

हिंदुस्तान के 100 से ज्यादा जिले इस वक्त पानी में डूबे हुए हैं। देश की 24 नदियां इस वक्त तबाही मचा रही हैं। देश के 50 डैम पूरी तरह से लबालब भरे हुए हैं और इनसे लगातार पानी भी छोड़ा जा रहा है। एक ही वक्त में पूरे देश में ऐसे हालात कभी नहीं देखे गए थे। ऐसा लग रहा है कि आधे हिंदुस्तान में जल युद्ध शुरू हो चुका है। दिल्ली से लेकर पंजाब तक और यूपी से लेकर राजस्थान तक वाटर इमरजेंसी का साइरेंट नॉनस्टॉप बज रहा है,

कई बाढ़ सरहद की लकीर को लील रही है। कई बाढ़ के अतिक्रमण से गांव खाली हो गया है। कहीं बाढ़ के पानी में कार बह रही है। कहीं बाढ़ के पानी में कार जल समाधि ले रही है। तो कहीं झमाझम बरसात से पेड़ जानलेवा हो गए। मौसम की मार ऐसी है। बाढ़ का कहर ऐसा है। अब जान बचाने के लिए हेलीकॉप्टर उड़ रहे हैं,

पहाड़ हो या फिर मैदान, दिल्ली हो या फिर पंजाब, हिमाचल हो या फिर जम्मू कश्मीर, यूपी हो या फिर राजस्थान, मध्य प्रदेश हो या गुजरात, राज्य बदल जाएंगे, जिले बदल जाएंगे, शहर बदल जाएंगे। लेकिन बाढ़ से मचे कोहराम की तस्वीर नहीं बदलेगी। कहीं उफती नदियां तबाही ला रही हैं तो ओवरफ्लो हो चुके डैम डरा रहे हैं। मैदानी इलाकों में उफती नदियां बाढ़ ला रही हैं। घर मकान दुकान डूबा रही हैं। तो पहाड़ों पर अब मुसीबत तिगुनी हो गई है,

उफती नदियां बेहिसब बरसात और लैंडस्लाइड से हाहाकार मचा है। सबसे पहले आपको पंजाब के हालात बताते हैं। जहां भारतपाकि बॉर्डर पर जल युद्ध चल रहा है। यह पंजाब का फजिल्का है। जहां कहीं भी जमीन नजर नहीं आ रहा है। कैमरा जिधर पैन हो रहा है, जिधर कैमरे का फोकस हो रहा है, वहां सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है। फजिल्का के 14 गांव बाढ़ की जद में है। पानी गांव के अंदर घुस चुका है,

गांव अब टापू बन गया है और एनडीआरएफ की टीम ऐसे ही स्टीमर लेकर लोगों का रेस्क्यू कर रही है। हालात इतने खराब है कि पूरा गांव खाली हो गया है और जो लोग बचे हुए हैं, वह भी गांव छोड़ने की तैयारी में हैं। पंजाब पिछले चार दशक यानी 40 साल में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। पंजाब में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब के 23 जिले और 1655 गांव बाढ़ की चपेट में है। 1,75,000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है,

अब आपको पंजाब की एक और तस्वीर दिखाते हैं। जहां किसान बाढ़ से अपनी फसल बचाने के लिए खुद ही बांध बना रहे हैं। यह पंजाब का फिरोजपुर है और यह जो फेंसिंग दिख रही है भारत और पाकिस्तान के बीच की सरहद है। इस तरफ हिंदुस्तान है और उस तरफ पाकिस्तान लेकिन बॉर्डर पर ऐसी बाढ़ आई है सतलुज और रावी ने ऐसी तबाही मचाई है कि पंजाब में कई किलोमीटर लंबी फेंसिंग बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई है। कहीं फेंसिंग या तो डूब गई है, उखड़ गई है या झुक गई है,

फेंसिंग देखेंगे। यह इंडिया और पाकिस्तान के बीच जो लाइन बनी हुई है, यह पूरी फेंसिंग है। ये आप सामने फेंसिंग देख रहे हैं। इस समय सतलुज और ब्यास क्योंकि सतलुज और ब्यास जो है वो फिरोजपुर से पहले उनका संगम हो जाता है। लिहाजा यह पूरी की पूरी फेंसिंग इस समय बाढ़ के पानी में डूबी हुई आपको नजर आ रही है। यह आप पूरी की पूरी तस्वीर जो है इस वक्त आप देख रहे हैं,

यह फेंसिंग जो है वह बाढ़ के पानी के अंदर पूरी तरह से इस समय कवर है। हालांकि पहले पानी इससे ज्यादा था। अब थोड़ा कम हुआ है। लिहाजा थोड़ी बहुत फेंसिंग जो है वो नजर आ रही है। पंजाब पाकिस्तान के साथ 553 कि.मी. की सीमा साझा करता है और इसमें से 80 कि.मी. लंबी फेंसिंग बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई है। जम्मू में भी बाढ़ के कारण इंटरनेशनल बॉर्डर की 110 कि.मी. लंबी फेंसिंग को नुकसान हुआ,

साथ ही करीब 90 बीएसएफ चौकियां पानी में डूब गई हैं। फिरोजपुर में बॉर्डर पर जो सैलाब कहर बरपा रहा है, वह पाकिस्तान की ओर से आ रहा है और तबाही का यह सैलाब अब फिरोजपुर समेत पूरे पंजाब को बाहर ले जाने पर आमादा है। मैं आपको सामने तस्वीर दिखाऊंगा। यह सामने जो आप तस्वीर देख रहे हैं, यह दरअसल पाकिस्तान की पोस्ट है। बंकर्स नजर आ रहे हैं। यहां पे पाकिस्तान के रेंजर्स जो हैं,

वो यहां पर रहते हैं और पूरा का पूरा एरिया देखिए भारत की तरफ सूखा है और पाकिस्तान की तरफ बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। यहां के जो लोकल निवासी हैं जो आसपास के गांव के रहने वाले उन्होंने बताया कि यह लोग तो बहुत पहले ही अपना गांव खाली कर कर जा चुके हैं और जो चौकी है वह भी पूरी तरह से पानी के अंदर घिरी हुई है। बीच-बीच में पाकिस्तानी रेंजर्स, वह सामने आप जो पेड़ देख रहे हैं, यह यह जो पेड़ है यहां तक अपनी नाव पर आते है,

क्योंकि उसके आगे भी कुछ हिस्सा जो है वो इंडिया का है और वहां पर नाव से गश्त करते हैं और फिर वो वापस लौट जाते हैं। यहां पे पाकिस्तान रेंजर्स नाव के जरिए गश्त कर रहे हैं। ये जो आप इधर सामने ट्रांसफार्मर देख रहे हैं। ये भारत की जद में है। आखिरी ट्रांसफार्मर है। ये मैं ऐसे कह सकता हूं क्योंकि इसके आगे पाकिस्तान की जद जो है वो शुरू हो जाती है। उनके सामने सोलर पैनल लगे हैं। उसके आगे एक घर भी नजर आ रहा है जो पूरी तरह से पानी के अंदर घिरा हुआ है,

तमाम ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर जहां-जहां तक कैमरे की नजर जा रही है, मैं अपने कैमरा पर्सन से कहूंगा पंजाब में सतलुज और ब्यास ने तबाही मचाई हुई है। तो दिल्ली में यमुना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली में यमुना अभी भी डेंजर लेवल से ऊपर बह रही है। यह दिल्ली की ड्रोन कैमरे से रिकॉर्ड की गई तस्वीरें हैं। दिल्ली में यमुना कितनी अंदर आ गई है? यमुना ने कितनी तबाही मचाई है,

दिल्ली में कहां-कहां और कितना दरिया बह रहा है, इसका अंदाजा इन ड्रोन कैमरों की तस्वीरों से लगाया जा सकता है। मदनपुर खादर इलाके में हम मौजूद हैं। जहां की यह विश्वकर्मा कॉलोनी है और देखिए किस तरह से यहां पर सभी घर डूब चुके हैं। यह देखिए तमाम आपको घर डूबे हुए नजर आएंगे। पानी कई फीट का भर चुका है यहां पर लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है,

एनडीआरएफ की टीम के जरिए और मैं आपको बता दूं अब तक के कई 100 परिवार एनडीआरएफ की टीम ने यहां से निकाल भी लिए हैं और सुरक्षित स्थान पर पहुंचा भी दिए हैं। देखिए किस तरह से यह जो पानी है उसमें घर आपको डूबे हुए नजर आएंगे। दूर-दूर तक के जहां भी आपको नजर जाएगी वहां पर बस पानी ही पानी आपको नजर आएगा। एनडीआरएफ की टीम कई घंटों से यहां पर युद्ध स्तर पर लगी हुई है और लोगों को यहां पर बचा रही है,

यमुना का जलस्तर पहले के मुकाबले थोड़ा कम हुआ है लेकिन अभी भी यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। ओखला और वजीराबाद बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। ऐसे में दिल्ली में यमुना का पानी लगातार अंदर की ओर आ रहा है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, ईस्ट दिल्ली और साउथ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दिल्ली के घड़ी मांडू, सोनिया विहार, यमुना बाजार, मोनेस्ट्री मार्केट, सिविल लाइंस, आईएसबीटी, कश्मीरी गेट, उस्मानपुर और बदरपुर जैसे इलाकों में पानी लगातार बढ़ता जा रहा है,

यमुना सिर्फ दिल्ली में ही तबाही नहीं मचा रही है। यमुना का कहर यूपी में भी दिख रहा है। दिल्ली से सटे इलाकों में यमुना का पानी पहुंचना शुरू हो गया है। नोएडा में भी अलर्ट जारी हो गया है। लेकिन सबसे ज्यादा तबाही यमुना मथुरा में मचा रही है। यह श्री कृष्ण की नगरी मथुरा है। जहां यमुना का पानी मथुरा के मंदिरों में घुस गया है।

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