यमन जेल में कैद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, जेल की जिंदगी कैसी है? क्या सुविधाएं मिलती हैं?..

जहां हवा भी इजाजत लेकर आती है, वहां पिछले 7 साल से एक भारतीय महिला कैद है। यह कहानी है निमिषा प्रिया की जो यमन की सना जेल में बंद है और वह भी एक ऐसी जेल में जहां इंसानियत खुद बंधक है। भारतीय नर्स निमषा प्रिया जो 2017 से यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है। आज फिर चर्चा में है। अमेरिकी मीडिया आउटलेट सीएनएन से बात करते हुए उनकी मां ने खुलासा किया है कि निमिषा इस वक्त गहरे तनाव में हैं और वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। आपको बता दें कि निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं और 2008 में नौकरी के लिए यमन गई थी। जहां,

उन्होंने स्थानीय नागरिक तलाल अब्दुल मेहंदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक खोला। 2017 में उन्होंने मेहंदी को नींद की दवा देकर बेहोश किया जिससे उसकी मौत हो गई। यमन प्रशासन के अनुसार शव को टुकड़ों में काटकर बैग में भरकर ठिकाने लगाने की कोशिश की गई थी। जबकि निमिषा का कहना है कि मेहंदी ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था और वह सिर्फ उसे बेहोश करना चाहती थी। 2020 में कोर्ट ने उन्हें हत्या का दोषी ठहराया और 2023 में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी। 2024 में अभियोजन पक्ष ने 16 जुलाई को उनकी फांसी,

की तारीख तय की थी। अब सवाल यह है कि क्या वाकई यमन की इस खतरनाक जेल में कोई इंसानी सुविधा मिलती है? आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि क्या-क्या सहना पड़ता है निमिषा को और कौन-कौन सी सुविधाएं उन्हें वहां मिलती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यमन की सना जेल को देश की सबसे बड़ी और सबसे खतरनाक जेल माना जाता है। इसकी स्थापना 1991 में हुई थी और 1993 से यहां कैदियों को रखा जाने लगा। इस समय इस जेल पर यमन के सशस्त्र गुट कूती विद्रोहियों का नियंत्रण है। यह विद्रोही इस जेल को अपने नियमों के अनुसार चलाते,

हैं जो अक्सर अंतरराष्ट्रीय मानकों से कोसों दूर होते हैं। अमेरिकी शोधकर्ता केसी कुंबस ने 2015 में इस जेल का दौरा किया था। उनके मुताबिक यहां की कोठरियां छोटी हैं। 15 फीट/ 8 फीट की और धूप तक के लिए सिर्फ एक पाइप लगा होता है। जब जेल के पास बम गिरते हैं तो अंदर तक कंपन महसूस होती है। अब बात करते हैं कि आखिर निमिषा को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। आपको बता दें कि निमिषा को महिला कैदियों के वार्ड में रखा गया है। उनके साथ ऐसी महिलाएं भी हैं जिन्हें हूती विद्रोही राजनीतिक कारणों से पकड़ कर लाए हैं और जिन पर प्रताड़ना का आरोप भी लगा है।

निमिषा को सप्ताह में एक बार परिवार से बात करने के लिए फोन दिया जाता है। वह WhatsApp कॉल के जरिए अपने पति और बच्चे से बात करती हैं। 2023 में उन्होंने इसी तरीके से केरल के कुछ मीडिया संस्थानों को इंटरव्यू भी दिया था। निमिषा को अपनी मां से मुलाकात की इजाजत भी मिलती है। 18 जून 2025 को उन्होंने अपनी मां से आखिरी बार मुलाकात की थी। सीएनएन से बातचीत में उनकी मां ने बताया कि मुलाकात के वक्त निमिषा बेहद डिप्रेशन में थी और उसने यह भी कहा था कि उसे वापस आने की कोई उम्मीद नहीं दिखती। अल अरेबिया की रिपोर्ट के मुताबिक,

हूती विद्रोही जिन जेलों पर काबिज हैं, वहां कैदियों से खाने और साफ पानी तक के लिए पैसे वसूले जाते हैं। जो पैसे देते हैं, उन्हें अच्छा खाना और पानी दिया जाता है, लेकिन जो नहीं दे पाते, उन्हें गंदा खाना और संक्रमित पानी पीना पड़ता है। यह पैसे होती विद्रोही अपने हथियार खरीदने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यमन की खतरनाक जेल में बंद निमिषा प्रिया अब सिर्फ एक कैदी नहीं है बल्कि एक कूटनीतिक चुनौती बन चुकी है। भारत सरकार की कोशिशें अब तक बेअसर रही है और होती विद्रोहियों के नियंत्रण वाली जेल से उनकी रिहाई आसान नहीं दिखती।

क्या कभी वो दिन आएगा जब निमषा भारत लौटेंगी? क्या भारत सरकार को निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए अब ज्यादा मजबूत कदम उठाने चाहिए? इस पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताइए। नमस्कार, मैं हूं मानक गुप्ता। अगर आपको हमारा यह वीडियो पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें।

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