रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी है इस कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस है के Reliance का बिजनेस कई क्षेत्रों में फैला है इन में पेट्रोलियम टेलिकॉम और रिटेल प्रमुख है लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि रिलायंस दुनिया में आम की सबसे बड़ी एक्सपोर्टर कंपनियों में से एक है गुजरात के जामनगर में कंपनी का आम का बगीचा है जो छह सौ एकड़ में फैला हुआ है इसमें आम के डेढ़ लाख से अधिक पेड़ है इस बात में आम की 200 से अधिक देसी-विदेशी किस्मों के पेड़ लगाए गए हैं मैं इसमें से कुछ किस्में दुनिया की बेहतरीन किस्मों में शामिल है आइए जानते हैं कि आखिर कैसे आम के बिजनस में उतरी रिलाइंग ओं कि रिलायंस अपनी खुशी से आम के बिजनस में नहीं उतरी.
बल्कि उसे मजबूरी में ऐसा करना पड़ा था गुजरात के जामनगर में रिलायंस की रिफायनरी है यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी में से एक है कि इससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए रिलायंस ने आम का बगीचा लगाया है दरअसल प्रदूषण रोकने के लिए कंपनी को पलूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से एक के बाद एक कई नोटिस मिले यह बात 1997 की है कि आखिर कंपनी को लगा कि प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए कुछ करने की जरूरत है कंपनी ने इसके लिए अनोखा कदम उठाया इससे पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ कंपनी को भी फायदा हो रहा है.
कंपनी ने रिफाइनरी के करीब आमबागान लगाने का फैसला किया है कि कंपनी ने जामनगर रिफाइनरी के करीब बंजर ज़मीन पर आम के पेड़ लगाने का सिलसिला 1998 में शुरू हुआ शुरुआत में इस प्रोजेक्ट की सफलता को लेकर कई तरह की शंकाएं थी वह बहुत तेज हवा चलती थी साथ ही पानी भी खराब था जमीन भी आम की खेती के लिए उपयुक्त नहीं था लेकिन कंपनी ने टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर इस प्रोजेक्ट को सफल बना दिया इस बात का नाम कंपनी के फाउंडर धीरूभाई अंबानी के नाम पर धीरूभाई अंबानी लक्खीबाग आमराय रखा गया है कि यह बात छह सौ एकड़ से अधिक एरिया में फैला है और इसे दुनिया में आम का सबसे बड़ा वर्ग माना जाता है इसके लिए पानी कंपनी के डिसैलिनेशन प्लांट से आता है इस प्लांट में समुद्र के पानी को साफ किया जाता है पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए वॉटर हारवेस्टिंग और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीक का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाता है.
इस बांध में केसर अल्फोंसो रत्ना सिंधु नीलम और आम्रपाली जैसी देशी किस्मों के अलावा विदेशी किस्म के आम के पेड़ भी है हैं इनमें अमेरिका में फ्लोरिडा की टॉमी एडम्स और कैंसर तथा इजरायल की लिक्विड और माया किस में शामिल है कि इस बात में पैदा होने आमों को दुनिया के कई देशों को निर्यात किया जाता है रिलायंस आसपास के किसानों को अपने बाग में इस्तेमाल होने वाली तकनीक से रूबरू कराती है और हर साल किसानों को 1 लाख पेड़ वितरित करती है इस तरह यह आधा में अवसर का एक उत्तम उदाहरण है इस बांध की कमान मुकेश की पत्नी नीता अंबानी के हाथ कि इस बागान में पैदा होने वाले आम की ज्यादा मांग एन आर आई गुजरातियों के बीच धीरूभाई अंबानी आम के बड़े शौकीन थे मुकेश अंबानी भी मैंगो लवर है कि रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी 7500 एकड़ में फैली.
और इसमें 1627 एकड़ में ग्रीन बेल्ट है यहां 34 से अधिक किस्म के पेड़ है जिनमें 10 तीसरी आम के पेड़ है कि आम के अलावा इसमें अमरुद इमली काजू ब्राजीलियन चेरी चीकू मामलों अनार और कुछ और समय पेड़ भी है मैं इसमें प्रति एकड़ आम की पैदावार करीब 10 मीट्रिक टन है जो ब्राजील और इजरायल से भी अधिक है रिलायंस ने अपने बयान में होने वाले फलों की मार्केटिंग के लिए एक अलग कंपनी जामनगर फ्रॉम प्राइवेट लिमिटेड बनाई है की कंपनी आरआईएल मैंगो ब्रांड नाम से आम बेचती है.