तेहरान की रात और एक खिड़की से दिखता सिर्फ काला धुआं। क्लासरूम में 140 भारतीय छात्र और ऊपर आसमान में मंडराते ड्रोन। जैसे-जैसे सेकंड बीतते गए, जिंदगी का हर पल भारी होता गया। क्योंकि ईरान और इजराइल के बीच अब तनाव नहीं सीधा युद्ध छिड़ चुका है। दोनों एक दूसरे पर ड्रोन बरसा रहे हैं। इस बीच ईरान में फंसे भारतीय छात्रों ने बताया कि उनका क्या हाल है। छात्रों ने बताया कि जिस दिन इजराइल ने ईरान पर पहला अटैक किया तब अचानक क्या हालात हो गए थे,
आसमान में सिर्फ ड्रोन नजर आ रहे थे और देखते ही देखते हर मिनट हालात बद से बदतर होते चले गए। एक छात्र ने कहा यहां हर मिनट हालात खराब होते जा रहे थे। एक और छात्र ने कहा कि शुक्रवार को लगभग 3:20 पर हमने एक ब्लास्ट सुना। यह बहुत तेज आवाज थी। जब हमने अपनी खिड़कियों से बाहर देखा तो काला धुआं था और जब हम नीचे गए तो हमने और ब्लास्ट की आवाज सुनी। 2 से 3 घंटों के बाद हमने लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट सुनी। हम डर गए हैं,
आसमान ड्रॉन से भर गया था। हमने लगातार ब्लास्ट की आवाजें सुनी। स्टूडेंट ने कहा, वहां पूरी तरह से ब्लैक आउट था और वह अपने बेड के नीचे बैठे थे। छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने उनकी मदद की। एक छात्र ने कहा, हमारी यूनिवर्सिटी ने हमारी बहुत मदद की। जैसे ही विस्फोट हुए, हमारे वाइस डीन हमें देखने के लिए आए और हमें शांत किया। शाम तक हमारी डीन भी पहुंचे और हमें आश्वासन दिया कि कुछ नहीं होगा। वह बहुत खतरनाक रात थी,
जिसका हमने सामना किया। हमारे पास यहां एक और रात बिताने का साहस नहीं है। इसी के साथ उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है और भारत वापस लाने के लिए कहा। छात्रों ने कहा कि वह भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है। छात्रों ने कहा कि वह जल्द से जल्द यहां से निकलना चाहते हैं। एक छात्र ने यह तक कहा कि हमें भारत की शक्ति पर भरोसा है,
और हम सच में यहां से निकलना चाहते हैं। ईरान में लगभग 10,765 भारतीय नागरिक हैं। लेकिन इन 140 छात्रों की कहानी सबसे ज्यादा डराती है क्योंकि यह सिर्फ वहां पढ़ने गए थे। युद्ध का चेहरा देखने नहीं। ईरान में युद्ध के चलते हालात बिगड़ने के बाद रविवार को ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। साथ ही भारतीय नागरिकों के साथ बातचीत करने के लिए एक टेलीग्राम लिंक तक बनाया है,
ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। 13 जून को इजराइल ने ईरानी सैन्य और परमाणु एरिया को निशाना बनाया। हवाई हमले किए जिसे ऑपरेशन राइजिंग लाइन नाम दिया गया। इजराइल के इसी अटैक के जवाब में ईरान ने भी इजराइल पर लगातार अटैक किए। दोनों के बीच वार पलटवार का सिलसिला जारी है,
तो सवाल यह है क्या अब इन छात्रों को भारत लाने के लिए ऑपरेशन एयरलिफ्ट जैसी कोई कार्यवाही होगी या फिर उन्हें इसी डर के साए में पढ़ाई जारी रखनी होगी? आपका इस पर क्या कहना है? क्या भारत को तुरंत छात्रों की वतन वापसी की योजना शुरू करनी चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं.