अभिनेता गोविंदा मुंबई में शिव सेना में शामिल हुए लेकिन इसके पीछे एक दुखद कहानी है…

मजबूरी आदमी को किस तरह लाचार बना देती है उसका एक बड़ा उदाहरण गोविंदा बन गए हैं गोविंदा को लेकर इस वक्त चौकाने वाली खबर आई है गोविंदा ने एक बार फिर राजनीति में कदम रख दिए हैं कुछ देर पहले उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शिंदे गुट वाली शिवसेना पार्टी जवाइन कर ली लेकिन यह कदम गोविंदा को मजबूरी में उठाना पड़ा सालों तक काम मांगने के बाद उन्हें किसी ने फिल्मों में काम नहीं दिया.

जी हां गोविंदा के राजनीति में शामिल होने की वजह उनका राजनीति से लगाव नहीं बल्कि की मजबूरी है यह बात जग जाहिर है कि गोविंदा को लंबे वक्त से काम नहीं मिल रहा है साल 2004 में गोविंदा ने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी और लोकसभा चुनाव भी जीते थे लेकिन यह चुनाव उनका पूरा फिल्मी करियर खा गया सांसद बनने के 4 साल में ही गोविंदा का राजनीति से मोह भंग हो गया.

और 2008 में उन्होंने पॉलिटिकल करियर से सन्यास ले लिया गोविंदा ने कसम खाई कि दोबारा राजनीति में नहीं लौटेंगे लेकिन काम ना मिलने की मजबूरी एक बार फिर गोविंदा को राजनीति की चौखट पर ले आई है तमाम जद्दोजहद करने के बाद भी गोविंदा को बॉलीवुड फिल्मों में काम नहीं मिला और इसलिए अब उन्होंने अपने कदम राजनीति की तरफ मोड़ लिए हैं खबरें हैं कि गोविंदा मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

यह कदम गोविंदा का मास्टर स्ट्रोक नहीं बल्कि मजबूरी है हालांकि इतिहास यही रहा है कि बॉलीवुड के एक्टर राजनीति में गए चुनाव लड़ा लेकिन कुछ समय बाद उनका मोह भंग हुआ और वह फिर से फिल्मों में वापस लौट आए राजेश खन्ना से लेकर अमिताभ बच्चन सनी देवल के साथ ऐसा ही हुआ है गोविंदा पहले ऐसे एक्टर बन गए हैं जिन्होंने दूसरी बार राजनीति का दामन थामा है अब देखते हैं कि गोविंदा की यह दूसरी राजनीतिक पारी कैसी रहती है क्या बॉलीवुड में फ्लॉप होने के बाद गोविंदा राजनीति में सुपरस्टार बन पाएंगे आपको क्या लगता है अपनी राय हमें कमेंट में दीजिए.

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