दिल्ली पर अब तक का सबसे चौंकाने वाला खुलासा!..

नेशनल डेस्क: दिल्ली की ऐतिहासिक धरोहर लाल क़िला एक बार फिर दहशत की आगोश में आ गया। सोमवार देर रात हुए विस्फोट ने न सिर्फ़ राजधानी को हिला दिया बल्कि देशभर की एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया। शुरुआती जांच में जो खुलासा हुआ, उसने सुरक्षा एजेंसियों को भी सकते में डाल दिया – धमाका किसी अपराधी गिरोह का नहीं, बल्कि एक ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ का काम बताया जा रहा है, जिसमें डॉक्टर और शिक्षित पेशेवर शामिल थे।

जांच सूत्रों के अनुसार, जिस कार में विस्फोट हुआ, वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉक्टर उमर मोहम्मद की थी। उमर का नाम उसी नेटवर्क से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसे हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में फ़रीदाबाद में पकड़ा था। दो सहयोगियों की गिरफ्तारी और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के बाद, उमर कथित तौर पर घबराया और कार में लगे विस्फोटक को रेड फ़ोर्ट के पास ही सक्रिय कर दिया।

दिल्ली पुलिस ने मामले को आतंकवादी साजिश मानते हुए यूएपीए (धारा 16 और 18) तथा Explosive Substances Act की धाराएं लगाई हैं। साथ ही हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप भी जोड़े गए हैं।

धमाके से कुछ घंटे पहले ही हरियाणा के फ़रीदाबाद ज़िले में दो मकानों से लगभग 2,900 किलो संदिग्ध विस्फोटक सामग्री, कई राइफलें, हैंडगन, टाइमर और गोला-बारूद बरामद किया गया था। यह दोनों मकान डॉक्टर मुझम्मिल शकील नामक व्यक्ति ने किराए पर लिए थे, जो इस नेटवर्क का कथित मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

गाड़ी की बिक्री और मालिकाना हक़ की कड़ी भी उलझी हुई है। पुलिस के मुताबिक, यह वाहन पहले आमिर नामक व्यक्ति के पास था, फिर तारिक ने खरीदा और अंत में उमर के कब्ज़े में पहुँचा। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुलवामा से तारिक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

जांच से यह साफ़ हुआ है कि यह मॉड्यूल पारंपरिक आतंकियों जैसा नहीं था। इसमें शामिल लोग डॉक्टर, प्रोफ़ेशनल और पढ़े-लिखे युवा थे — जिनके हैंडलर पाकिस्तान समेत अन्य देशों से निर्देश दे रहे थे। पुलिस के अनुसार, ये लोग न केवल आतंकी गतिविधियों में शामिल थे बल्कि देश विरोधी प्रचार फैलाने और आतंकी समूहों के समर्थन में पोस्टर चिपकाने जैसे कार्य भी कर रहे थे।

लाल क़िले के पास चांदनी चौक की व्यस्त सड़कों पर रात अचानक चीखों से गूंज उठी। चश्मदीदों ने बताया कि एक कार ट्रैफ़िक सिग्नल पर रुकी ही थी कि ज़ोरदार धमाका हुआ। कई वाहन जल उठे, आसपास के लोग ज़ख़्मी हो गए और नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। एनएसजी और फोरेंसिक टीमें रातभर मौके पर जुटी रहीं।

दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो, यूपी एटीएस, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम अब पूरे नेटवर्क की तह तक जाने में लगी है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि “किसी भी संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा रहा” और सभी पहलुओं पर जांच जारी है — चाहे वह आतंकी साजिश हो या सीमा पार से मिली फंडिंग।

फ़रीदाबाद से लेकर श्रीनगर तक छापेमारी की जा रही है। अब तक बरामद हुए विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के बताए जा रहे हैं, जो आम तौर पर खाद के रूप में इस्तेमाल होता है, लेकिन यही रासायनिक पदार्थ घातक बम बनाने में भी काम आता है।

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