भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया भारत द्वारा पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक ने ना केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित किया बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की है इस खबर के सामने आने के बाद दुनिया भर में हलचल मच गई अब चीन और तुर्की खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में उतर आए हैं तो वहीं इजराइल और फ्रांस ने भारत का समर्थन करने का ऐलान किया है.
चीन ने भारत की सैन्य कारवाही पर खेद व्यक्त करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की चीन की विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत की सैन्य कारवाई दुर्भाग्यपूर्ण है हम मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वे शांति और स्थिरता को प्राथमिकता दें संयम बरतें और ऐसे कदम ना उठाएं जो हालात को और जटिल बना दे वहीं तुर्की के समर्थन की बात करें तो तुर्की के राजदूत ने विदेश मंत्री इरशाक डार से मुलाकात कर.
पाकिस्तान के साथ एकजुटता दिखाई है और इस हमले पर शोक जताया तुर्की की ओर से कहा गया कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के आधार पर हल किया जाना चाहिए तुर्की से मिल रहे समर्थन के बाद पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने तुर्की के राष्ट्रपति अर्दन को भाई कहा और भारत के खिलाफ साथ देने के लिए शुक्रिया भी कहा है वहीं काफी देश भारत के पक्ष में उतर आए हैं.
पूर्व ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने भारत का सपोर्ट करते हुए इस हमले को सही बताया और आतंकियों को किसी भी तरह की छूट देने से इंकार किया है इसके अलावा भारत में इजराइल के राजदूत रूबेन अज़ार ने भारत का समर्थन किया और कहा कि इजराइल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी तरह समर्थन करता है आतंकियों को यह जान लेना चाहिए कि मासूमों के खिलाफ उनके घिनौने अपराधों से उन्हें छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी.
इसके अलावा अमेरिका भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिलाजुला बयान दिया उन्होंने कहा कि मैं दोनों के साथ मिलकर काम करता हूं मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं उन्हें इसे सुलझाते हुए देखना चाहता हूं कई मुस्लिम मुल्क जैसे मिस्र ईरान कतर अफगानिस्तान और यूएई ने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया घटनाक्रम पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है.
साथ ही ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराक्षी आज भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिल सकते हैं ब्रिटेन की बात करें तो प्रधानमंत्री की स्टारमर ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को गंभीर चिंता का विषय बताया उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं हम चाहते हैं कि बातचीत आगे बढ़े तनाव में कमी आए और नागरिकों की सुरक्षा बनी रहे.
इन सब रिएक्शन के बाद यह मालूम पड़ रहा है कि वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को अब सीमित समर्थन प्राप्त है जबकि भारत का कूटनीतिक नेटवर्क व्यापक और संतुलित हो गया है यह ध्रुवीकरण बताता है कि एशिया और पश्चिमी एशिया में नए सामरिक गुट बन रहे हैं जहां एक ओर चीन तुर्की पाकिस्तान की धुरी दिख रहे हैं तो दूसरी ओर भारत को इज़राइल फ्रांस ब्रिटेन जैसे देशों का सहयोग बढ़ता जा रहा है आपकी इस पर क्या राय है कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.