अली असगर ने शाहरुख, सलमान, महमूद, कादर खान के किस्से सुनाए, कपिल पर भी बात की..

क्या है मतलब आपकी इस चमकती त्वचा का राज। मैं जिम कुछ तो याद आया जिम के नाम पे अब नई-नई बॉडीज थी तो ये सब ऐसे-ऐसे डोले वोले बनने लग गए बिल्कुल। अब वो नहीं पता था कि वो सारे उठाने में हाइट छोटी हो जाएगी। अब तो बहुत डिमांड्स हो गई है एक्टर्स की। अभी तो। एंड आल्सो पे डिस्पैरिटी भी बहुत है ना इस इंडस्ट्री में। हम बाजी तरकारी या सब्जी लेने के लिए थोड़ी निकले कि अच्छा ठीक है दो टमाटर ऊपर से दे देना आप और नहीं भैया वो थोड़ा कड़ी पत्ता तो आपको देना पड़ेगा ऊपर से महमूद साहब के साथ भी आप मैंने महमूद साहब के साथ वो की थी दुश्मन दुनिया से वो कहते हैं.

कि मैं इतनी अच्छी-अच्छी फिल्में मैंने की कुछ कैरेक्टर्स मैंने ऐसी की थी जो लोगों को इतना पसंद आया था पर उसके लिए मुझे अवार्ड्स नहीं मिले। कोई ऐसा किस्सा है सेट का जो किसी ने ना सुना हो अनसुना सा कोई ऐसा किस्सा जो सलमान को सलमान बनाता है। अरे वो उनका लाफ्टर ही बहुत है हमारे लिए। वो जो दिल से हंसते हैं वो ऐसे फसली पैर हंसते-हंसते उनको जो दर्द होता है और वो जो होता है। मैंने शायद उनको पप्पी भी हाथ पे दी है। क्योंकि वो ऐसे करते थे। नहीं नहीं अली मत कर अली मत कर अली मत कर। तो वो फोर्स नहीं किया मैंने कभी भी। मैं लेके ऐसे आई हो तो कुछ तो लेके जाऊंगी। तो चलो हाथ पैर पप्पी लेके जाऊंगी। मेल जब फीमेल बन करके उस उनके करीब आते हैं ना तो उनको बहुत ऐसे बहुत वो होता है। पर शाहरुख के साथ बहुत है। मैं मुझे आज भी याद है.

मैं पानी पूरी ऐसे खाए तो देखे तो एक ब्लैक कलर की Maruti वैन थी उस वक्त उनके पास शायद ब्लैक कलर की गाड़ी थी। शाहरुख भाई की वो उसमें वो बैठे थे। और वो सिग्नल पे आके सिग्नल रुकी थी। एंड मैं यहां मजे में खा रहा हूं। एंड आई ऐसे ही टर्न किया तो उनकी खिड़की भी नीचे थी। ही वास् लुकिंग एट मी ओनली। ही डिड दिस, आई डीड दिस। कभी किसी ने ऋषि कपूर कहके बुलाया है? 1 मिनट, 1 मिनट। एक और लेना पड़ेगा। और कादर खान साहब के साथ काम करने का एक अनुभव कैसा रहा? कादर भाई बहुत चाहते थे.

उन्होंने मुझे एक एनवेलप दिया। मैं बोला, अरे भाईजान, इसकी क्या जरूरत थी? अच्छा। चल फोटो ले ले बाद में वापस दे देना। नमस्कार, मैं हूं गरिमा और आप देख रहे हैं ललन टॉप सिनेमा। आज हमारे साथ स्टूडियो में एक ऐसे कलाकार हैं जिन्हें देखतेदेखते हम बड़े हो गए हैं। लेकिन इन्होंने मानो अपनी उम्र के कांटे को कहीं रोक सा लिया हो। ही स्टिल लुक्स द सेम। जो इतो सा बोलकर इतना सारा हंसा देते हैं जो जब दादी बनके नानी बनके या फिर किसी भी किरदार में स्क्रीन पर आते हैं तो अपनी छाप छोड़ जाते हैं। आई एम श्योर अब तक आप पहचान ही गए होंगे कि मैं किनकी बात कर रही हूं। बहुत-बहुत स्वागत करते हैं अली असगर जी का हमारे स्टूडियो में। बहुत-बहुत स्वागत। थैंक यू वेरी मच। कैसे हैं आप? क्या है मतलब आपकी इस चमकती त्वचा का राज? क्या क्या करते हैं आप ऐसा खास?.

क्योंकि आई एम श्योर आपको ये कॉम्प्लीमेंट्स बहुत मिले होंगे कि आपने मानो उम्र को रोक सा लिया है। क्या कर रहे हैं आप ऐसा खास? नहीं मुझे खुद को नहीं पता गरिमा ऑनेस्टली ये दिस इज जींस है ये मम्मी पापा की देन है एंड आई डोंट नो रियली डोंट नो बट हां वन थिंग इज दैट के आई खुश रहता हूं मस्त रहता हूं और काम करता रहता हूं एंड जो लोगों का प्यार मिलता है वो सबसे ज्यादा अच्छा लगता लगता है मुझे यू नो आई एम वो एंड आपको तो पता है हर एक्टर जो होते हैं वो वाहवा के भूखे होते हैं। हमारा रिपोर्ट कार्ड ही वही है कि ऑडियंस से प्यार मिलता है। उनका रिकॉग्निशन मिलता है। वो जो तुमने किया था बहुत अच्छा किया था। अभी तुम अच्छे नहीं दिख रहे हो। अभी तुम थोड़े मोटे हो गए हो.

अभी तुम पतले हो गए हो। अभी तुम फिट लग रहे हो। सो ये जो फीडबैक उनका कांस्टेंटली मिलता रहता ना हर एक्टर उसके लिए भूखा रहता बिकॉज़ वी हमें पता चलता है कि हम सही जा रहे हैं या नहीं जा रहे हैं। सो आई थिंक दैट इज वन ऑफ़ द रीज़न व्हिच हैज़ केप्ट मी अलाइव ऑनेस्टली। बिकॉज़ मैं और कुछ सोच ही नहीं सकता सिवाय एक्टिंग के। हम्म। आपकी कॉफी ले लेते हैं। फिर आपकी फिटनेस जो रिजीम है उस पे भी बात करेंगे। सॉरी आपको कष्ट दिए भाई। थैंक यू वेरी मच। जी। तो एट दिस ऐज आपने बोला कि आप खुश रहने की कोशिश करते हैं.

क्या आप कोई पर्टिकुलर तरह की डाइट भी फॉलो कर रहे हैं। कोई एक्सरसाइज रूटीन जिसको आप रिलीजियसली फॉलो करते हैं जो आप रिलीजियसली गरिमा इज वॉकिंग। ओके। मैं जिम वाला बंदा नहीं हूं। मैं मैं जिम मैं कुछ तो याद आया जिम के? हां मैं आई विल टेल यू वो 14 15 इयर्स का था जब भी कहते हैं ना उस वक्त आपका ग्रोथ होता रहता है ऐसे हाइट उस वक्त आप बढ़ते हैं जो आज के बच्चे नहीं मानते क्योंकि मेरा बेटा इस रूल के खिलाफ है अरे कम ऑन यार इट्स नॉट दैट तो उस वक्त मैं थोड़ा सा ऐसे फ्लैब वैब ऐसे हो गया था.

मुझे आज भी ऐसे लग रहा है क्यों मैं उस वक्त जिम जॉइ किया था मुझे नहीं पता तो मैं वो जिम जॉइ किया और शाम के टाइम पे हम जाते थे। मुंबई में चर्नी रोड एरिया है। वहां पर तलवार कर्ज करके एक जिम था वहां। एंड वहां ईरानी कम्युनिटी के से हमारी ही मतलब नो नोन टू अस नोन टू आवर फैमिली। सो वो वहां आते थे। एंड वो जिम से स्ट्रेट ऐसे एक वो था स्पेस था। एंड देन मेन रोड एंड देयर वाज़ अ बस स्टॉप देयर। सो ये सात आठ ईरानी बंदे जो थे यह लोग वेट लिफ्टिंग और वेट ट्रेनिंग करते थे और अह बिलीव यू मी 6:00 बजे के बाद वहां जब तक वो लोग रहते थे ना वो बस स्टॉप पे लोग बस छोड़ देते थे। अगर बस उनकी आ भी गई तो वो छोड़ कर के इनको ही देखते थे.

इनकी एक्सरसाइज कैसे करते थे। यूज़ टू लिफ्ट खड़ा करके वेट गिराना और वो और उन्हीं के बीच में मैं एक ऐसे गरीब बंदा ऐसे मुझे एक वो एलुमिनियम पाइप देते थे वैसे लेके ऐसेसे करता रहता था यूं ऐसे फिर वो ऐसे वो जो स्ट्रेचिंग्स होते हैं ना इनिशियली जब आप जिम जॉइ करते हो तो वो आपको ऐसे थोड़े फ्लेक्सिबिलिटी है ताकि मूवमेंट्स आपके खुले हो वो करता रहता है तो वो वो लोग मुझे दो बार देखे तीन बार देखे हेलो हेलो करते थे ये वो एंड वी आर आल्सो ईरानी ईरानी फ्रॉम मुंबई सो वो वो भी वैसे ही थे तो देख के मुझे वो बोले क्या कर रहा है पागल ये ऐसा करके ईरानी का बच्चा चल आजा लेट हूं वेट हां वेट उठाना शुरू हम तो वो मैंने वो उनके साथ फिर वो शुरू किया और वो थोड़ा थोड़ा थोड़ा थोड़ा पुल अप्स बेंच प्रेस ये वो एंड नया नई-नई बॉडी थी तो ये सब ऐसे-ऐसे डोलेवोले बनने लग गए बिल्कुल और वो दौर था.

जब ये रमबो हम फर्स्ट ब्लड यस यस है ना ये सब सारी फिल्में आती थी तो हम भी ऐसे देख के थोड़ा सा ये अब वो नहीं पता था कि वो सारे उठाने में हाइट छोटी हो जाएगी तो वो वो मतलब छोटे मतलब उतने ही रह गए और आज आलम ये है कि जो मैंने फर्स्ट सीरियल किया था गरिमा एक दो तीन चार अगर उसे से आज 37 इयर्स के बाद भी एक्सटेंशन मिल जाए ना तो मैं कंटिन्यूटी में हूं। सकता हूं। मैं अभी भी कंटिन्यूटी में झुर्रियां ऐसे थोड़ी बहुत आ गई है। वरना हाइट और स्ट्रेचर उतना ही है मेरा। मतलब बॉडी उतनी है। हम सो एक तो गलती वो मुझसे हो गई थी। उसके बाद से मैंने कभी फिर जिम किया नहीं। एंड वॉक है, बैडमिंटन है व्हिच कीप्स मी गोइंग। ये चीज है। और सब खाता हूं मैं। सब खाता हूं। लिमिट में है। कभी कुछ एक्सेस हो जाता है तो फिर तीन-चार दिन थोड़ा कट डाउन कर लेता हूं.

अदरवाइज ऐसा कोई नो नहीं है। नो आई डोंट नीड दिस। आई डोंट नीड दैट। हां ड्रिंक्स वगैरह नहीं करता मैं। स्मोकिंग नहीं है। ये मतलब कभी भी नहीं हुआ है ये। बस सिनेमा सिनेमा सिनेमा सिनेमा। बचपन से ये सिनेमा मतलब ऐसे घोट के पीने की कोशिश की है आपने। वो वो शौक था। जब तक प्रोफेशनली नहीं किए तो वो एक शौक था। हम अ स्कूल में हम उस वक्त दूरदर्शन पे सिनेमा संडे की रात को फिल्में दिखाते थे एक बार। हम मतलब मैं 10थ या 11th में पहुंचा तो शायद उस वक्त वीसीआर आया था। तब नहीं तो तब तक तो जो दूरदर्शन पे होता था या हम सिनेमा हॉल जाते थे। जी पापा ऐसा टगा में। वहां पे उस वक्त भी था कि वो लेके जाते थे। तो वो सिनेमा का था.

और वो संडे के दिन जो देखते थे फिल्म वो मंडे के दिन स्कूल में कनेक्ट करते थे थोड़ा हम दोस्तों के बीच दोस्तों के बीच में वो वैसा शौक था हम पर वो जब फिर सीरियल मिल गई एक्सीडेंटली और वो बन गए उस समय फिर वहां से रिलेशंस पे उस शुरू शुरू में एक दौर था हमारे यहां आपके रिलेशंस पे इमोशंस पे काम बहुत होता था अगर मैं मैंने अभी आपके साथ यहां मैंने काम किया हूं। फॉर एग्जांपल अब आप कल यहां से कहीं और चले जाते हो तो आप वहां जाओगे तो आप वहां पे भी मुझे बुलाओगे। फिर कौन सी ऐसी फिल्म मिली थी रिलेशन? नहीं मैं एक दो तीन चार जो सीरियल किया था मैंने वो एक दो तीन चार सीरियल के दौरान हमारा उसी में एक जो प्रोडक्शन वाला था.

वो प्रोडक्शन वाले ने मुझे न्यूज़ दिया कि भाई उधर वो चुनौती सीरियल शुरू हो रही है। कॉलेज के लाइफ के ऊपर एक चुनौती सीरियल दूरदर्शन पे आते थे। ये सब उस एरा का बहुत हिट और कल्ट शोज़ थे। तो मैं वहां उनके वहां पे वो सीरियल मैंने किया वो सीरियल किया तो वहां से उस सीरियल के एडिटर जो थे राजन वागदरे उन्होंने फिर अपना प्रोडक्शन स्टार्ट किया तो वो अलीबाबा मेरा वो है तू वो कर ले तो उनका पहला शो था गरौंदा जिसमें नीलू फुले साहब डॉक्टर श्रीराम लागू जी और हम उनके बच्चे ऐसे बने थे उसमें फिर ही स्टार्टेड डूइंग कॉमेडी शोज़ तेरी भी चुप, मेरी भी चुप। श्रीमान श्रीमती के बहुत बड़े मतलब कल्ट शो है वो। सो मेरे ख्याल से अगर उन्होंने 12 या 15 शो बनाए होंगे तो उसमें कम से कम आठ या नौ शो में आप थे.

हां बाय डिफॉल्ट हम थे उसमें। सो दिस इज हाउ यू नो आप फिर इतिहास किया था मैंने बालाजी के साथ। देन कहानी घर-घर की आल्सो। वो उसने तो आपको एकदम घर का हिस्सा बना दिया था। मतलब वो गोल्डन एरा था टेलीविज़ का। एंड ऑनेस्टली मतलब व्हाट व्हाटएवर वर्क एकता हैज़ गिवेन मी दैट हैज़ बीन आउट ऑफ द बॉक्स। ऐसे ऐसे-से कैरेक्टर्स दिए जो कभी कोई और मुझे नहीं दे सकता था। तो दिस इज़ हाउ द वर्क यूज़्ड टू हैपन। यू नो एक प्रोडक्शन वाला वहां गया, एक एडिटर वहां गया। वो हो गया। आप एक प्रोडक्शन के साथ काम कर चुके हैं। उनको आपकी हैबिट अच्छी लगती है। वो एक कहावत थी कि एक्टर 1920 चलेगा लेकिन आदमी अच्छा होना चाहिए। वो लेट नहीं आता है.

टाइम पर आता है। अपना काम बराबर करता है। एक्टर 19-20 है। वो चल जाएगा। लेकिन ज्यादा डिमांड नहीं है उसके। दैट इज व्हाट पीपल यूज़ टू प्रोडक्शन हाउसेस प्रोड्यूसर्स यूज़ टू लुक इन एक्टर्स। उस समय उस समय में। अब तो बहुत डिमांड्स हो गई है एक्टर्स की। अभी तो क्या-क्या सुनने मिलता है बाबा? बहुत कुछ सुनने। क्या सबसे बेजार चीज सुनी आपने? क्योंकि आपने तो इतने सारे फिल्मों में, प्रोजेक्ट्स में काम किया, इतने बड़े-बड़े एक्टर्स, स्टार्स के साथ काम किया। क्या सबसे बेजार डिमांड आपने सुनी कि भाई ये भी मतलब ये कैसी डिमांड है? नहीं मैं अभी तो वो सब सुनने मिलता है कि बहुत सारे वैनिटी वैस आते हैं किसी के लिए। ये कुछ-कुछ एक्टर्स के लिए। एंड मुझे वो चीज बहुत अजीब लगती है। नॉट दैट अभी वो क्या है गरिमा? अभी आज दौर ऐसा हो गया है कि अब मैं कुछ बोलूंगा अगर भले वो राइट है.

तो 10 जन उसे रॉन्ग करने के लिए बैठे हैं बैठे उधर ये देखो इसको नहीं मिल रहा है इसलिए ये ऐसे कह रहा है मतलब क्योंकि अननेसेसरीली क्या है वो सारा प्रोडक्शन हाउस पे खर्चा चला जाता है आप मैं वो देखता हूं वो एक्ट्रेस है या कोई है या कुछ है वो उनको हाथ पकड़ के चलने के लिए एक बंदा चाहिए वैनिटी वैन से उतरते तो भी वह होता है। फिर एक नीचे से आपके कपड़े को पकड़ के वो होता है। यह सारी चीजें वो समझ में नहीं आती। मतलब देयर आर सबके अंतरा जो है वो सात आठ का वो हो जाता है। एंड दिस ऑल एक्सपेंसेस गोज़ इन द प्रोडक्शन ओनली ना। तो दैट इज व्हाई द रिकवरी इज़ नॉट देयर देन। आपके सारे खर्चे बढ़ गए। तो सम हाउ ये सारा चीजें फिल्म या शो के ऊपर ही लोड आ जाता है इन सब चीजों का और ये सब वो उस टाइम पे या हम जब काम शुरू किए करते गए ये सब चीजें थी नहीं पर अगर मैं आज ये बोलूंगा तो ऐसे कहेंगे कि फिर से हम सही बात बोलना बंद तो नहीं कर सकते मन हां दैट इज व्हाई आई एम सेइंग ना कि मतलब ये इन सब चीजों के ऊपर जो कर रहा है कर रही है या कर रहे हैं उनको भी समझना चाहिए कि भाई एंड ऑफ़ द डे जो भी यह एक्स्ट्रा खर्चा है.

बैगेज है और ये एक्सेसरीज और बेकार के जो ये सब है वो उसका सारा आपके कॉस्ट पे भी चला जाएगा। फिर वो प्रोड्यूसर अगर उस प्राइस में नहीं बेच सका या उतनी रिकवरी नहीं हुई तो फिर अगले बार वो बनाएगा नहीं। हम अगर एक प्रोड्यूसर मर गया मर गया एज इन एक प्रोड्यूसर फाइनशियली मर गया उसका काम बंद हो गया अगर उसने बनाना बंद कर दिया तो हजार लोग जुड़े हैं हजार लोगों के घर है उसमें जो चल रहे हैं छोटे लेवल बड़े लेवल मतलब दो चार जन तरापे पे भी बैठे हैं बेचारे लाइट वाले सब है उसके साथ तो ये सबका रोलिंग सबका खर्चा बंद हो जाता और ऐसे करते-करते एक एक एक एक एक एक कहीं ना कहीं खत्म होते जाते हैं। फिर एंड आल्सो स्टार्स की फीस हां वो फीस मतलब एग्जोबिडेंट फीस है। रिकवरी उतनी है नहीं। तो इवन दे शुड अंडरस्टैंड के भाई लेट्स कहीं कहीं तो कट डाउन कर लो। कुछ तो कंप्रोमाइज कर लो या कुछ ऐसे डील कर लो कि रिकवरी यू नो इतना होगा तो इतना शेयर इतना होगा तो इतना यू नो अगर इतना बॉक्स ऑफिस कलेक्शन इतना आएगा सो इसमें मेरा शेयर इतना इतना मेरा शेयर सम हाउ वी हैव टू कीप आवर इंडस्ट्री अलाइव एंड आल्सो पे डिस्पैरिटी भी बहुत है ना इस इंडस्ट्री में जैसे मैं मुस्ताक जी के ही कुछ इंटरव्यूज देख रही थी.

उन्होंने जिक्र भी किया था कि वो किसी बड़े एक्टर का नाम ले रहे थे उनका कहना था कि उनके स्टाफ से कम कम फीस थी मेरी। तो यह पेड डिस्पैरिटी क्योंकि आप तो लंबे समय से काम कर रहे हैं। आपको बहुत अरसा हो गया इस समय काम करते हुए। आपको ये फील होता है कभी क्योंकि स्टार्स की हर डिमांड पूरी की जाती है। कैरेक्टर आर्टिस्ट जो फिल्म में जान डाल रहा है। कई बार ऐसे होता है कि कैरेक्टर आर्टिस्ट की वजह से फिल्म में जान आ जाती है। लेकिन उनकी और एक्टर्स जो बड़े स्टार्स हैं उनकी फीस में उनको मिलने वाली सुविधाओं में बहुत अंतर होता है। नहीं मैं एक्चुअल एक स्टार है। स्टार का ओरा है। अरे वो डिर्व करता है गरिमा। ठीक है। वो डिर्व करता है। उसके गार्ड्स है.

उनके ये है उनके जो कुछ भी है उनको आप दे रहे हो। अगर प्रोड्यूसर उसको दे रहा है। इसमें ना मैं मैं एक वही रखूंगा। अगर आप स्टार को वो दे रहे हो तो उनको जब आप नहीं कहते हो कि बजट नहीं है हमारा। हम प्रोडक्शन हाउस या प्रोड्यूसर अगर उनको बजट दे रहे हैं हमारा प्रोडक्शन हमारा बजट नहीं है उनको तो आप बोलते नहीं हो उनकी हर चीज़ आप कंप्लीट करते हो तो फिर आप कैरेक्टर एक्टर्स को भी दो ना वो आपसे एक्स्ट्रा थोड़ी मांग रहा है अपनी मेहनत का मांग रहा वो सिर्फ आपसे सर कोई भी कैरेक्टर एक्टर एक्स्ट्रा बहुत नहीं मांगेगा वो क्या मांगेगा वो 2025000 एक्स्ट्रा मांगेगा ज्यादा में ज्यादा वो ये तो नहीं बोलेगा कि मेरे लिए भी वैनिटी रखो मेरे लिए चार बाउंसेस रखो। मुझे ये चाहिए, मुझे वो चाहिए। नहीं होता है। यहां हमेशा प्रॉब्लम वहां आप दे देते हो। यहां फिर पेनी बोलते हैं ना छोटे-छोटे फिगर्स के लिए फिर हां उसके लिए आप खींच खींचच करते हो। हमारा बजट नहीं है। हमारा बजट नहीं है। हमारा बजट नहीं है। हमारे होता है उसमें होता है.

और अक्सर तो क्या है हमारे यहां ये मैं तो उस चीज में हूं। या तो रोल बहुत अच्छा हो या पैसे बहुत अच्छा हो। कैरेक्टर बहुत अच्छा हो। कभी-कभी हम यू नो वी ओवरलुक द मनी पार्ट। बिकॉज़ द कैरेक्टर इज़ वेरी गुड। आई डोंट वांट टू मिस द कैरेक्टर। अब वो रोता रहेगा प्रोड्यूसर किसी भी तरह से 19-20 करेगा। पर वो इतना मेरा टेंपरामेंट भी नहीं है कि वो इस सब के लिए मैं वो किच-किच करूं। पर ये कि नहीं आई वांट टू डू दिस कैरेक्टर यार। कम व्हाट मे कम। ठीक है। चलो। तो कई कितने की बार तो मैंने कहा कि डोंट पे। मैं सिर्फ ऐसे कर रहा था। मेरे खाली मेकअप मैन वाले का था। अब क्या वो बोलेंगे तो प्रॉब्लम हो जाएगी। नहीं कल यहीं पर टीकू तलसानिया जी बैठे थे। वो एक फिल्म का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मतलब यही कि उस फिल्म के लिए मुझे कहा गया कि आपको एक्सपोज़र मिलेगा। ये ट्रॉफी मिलेगी पर पैसे नहीं मिले। हम तो इसलिए नहीं मुझे ऐसा नहीं बोला किसी ने कि ये नहीं मिलेगा। मैं सामने से उनको कह देता हूं कि भाई जाने दो एक काम कर अगर बिकॉज़ क्या हो जाता है? कभी-कभी फिगर कुछ ऐसे कोट हो जाता है ना कि वो ऐसे लगता है.

यार ये तो मैं जब स्टार्ट किया था तो भी मैं यह फिगर पे काम नहीं कर रहा था। अबे तू रहने दे एक काम कर ये रहने दे मेरे मेकअप मैन को दे देना बस ले आई आई विल डू द फिल्म आई वांट टू वर्क आई वांट टू डू दिस कैरेक्टर तो फिर कहीं जाकर के वो खुद भी ऐसे हो जाते हैं कि अरे नहीं यार ऐसे तो नहीं हो सकता यार मतलब उनके लिए भी इंसल्टिंग हो जाता है के ये क्या कर रहे हो मैं बोला नहीं आई आई एम नॉट सेइंग दिस टू इंसल्ट यू और यार टू पुल यू डाउन आई एम जस्ट सेइंग बिकॉज़ लेट्स कट इट शॉट अब इस चीज के ऊपर हम और बहस नहीं करते लेट्स एक हेल्दी माहौल में लेट्स वर्क। लेट्स मूव अहेड। तो आप जाने दो ना ये पैसे की बात ही छोड़ दो यार। आई सेड आई एम नॉट वर्किंग फॉर मनी। आई वांट टू डू फिल्म। आई वांट टू डू दिस कैरेक्टर। तो वो फिर खुद चलो ठीक है सर। लेट मी सी व्हाट एंड आई रियली ट्रस्ट मी। मैं इसलिए नहीं करता कि मैं ऐसा करूंगा तो वो बेचारे शर्म के मारे ऐसे करेंगे। मेरा मेरा एंड ऑफ़ द डे मेरा लार्जर इंटरेस्ट इज़ आई वांट टू डू द कैरेक्टर। आई वांट टू डू द कैरेक्टर। एंड आई वांट टू से माय एनर्जी। हां, मैं ये सब आई एम मुझे ये सब चीजें बहुत छोटी लगती है। छोटी इन द सेंस क्यों ये सब बातें करके हम टाइम खराब करें, एनर्जी खराब करें। एंड और वो पॉजिटिविटी कम हो जाती है। फिर उसने ऐसे बोल दिया, उसने ये कर दिया, वो कर दिया। छोड़ ना यार। करेंगे आगे बाद में देखेंगे.

लेट्स लेट्स मूव अहेड। हम ऐसे होता है पर ऐसा हुआ नहीं है मतलब फिर वो ओके ओके इतना नहीं अभी इतना अरे मतलब यार जितना भी छोड़ लेट्स मूव हम क्या ये हम बाजी तरकारी या सब्जी लेने के लिए थोड़ी निकले कि अच्छा ठीक है दो टमाटर ऊपर से दे देना आप और नहीं भैया वो थोड़ा कड़ी पत्ता तो आपको देना पड़ेगा ऊपर से या है ना ऐसे वो सब नहीं कर रहे हम और इतना वो करने के बाद ये सारी बातें करना या ऐसे करना फिर वो फिर फिल्मों की तरफ मुड़ना कैसे हुआ? सीरियल से फिल्म वाला ट्रांजिशन वो फेस कैसे आया? ये फिल्म्स भी जिनकी मैंने सीरियल की थी एक दो तीन चार उनके ही प्रोडक्शन का मुझे फर्स्ट फिल्म आई डिड चमत्कार नहीं चमत्कार तो बाद में थी शिकारी शिकारी शिकारी फिल्म मिथुन नसीर भाई नसीर एंड वो रशिया की सब वो सर्कस के ऊपर थी। सो आई प्लेड नसीर भाई का बचपने का कैरेक्टर किया था.

सो दैट वाज़ द फर्स्ट फिल्म। उसके बाद कैसे फिल्में स्टार्ट हो गई? आई वांटेड टू डू केटरिंग ऑनेस्टली। मेरा वो ज्यादा फिल्मों की तरफ या सीरियल की तरफ रुझान नहीं था। होटल मैनेजमेंट। होटल मैनेजमेंट करके अ एंड आई फिनिश्ड माय कोर्स एंड मुझे इमीडिएटली वहीं से अ जहां इंस्टट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट से वो प्लेसमेंट का भी मुझे आया था टेक्सस में ऑयल रिक के लिए कॉन्ट्रैक्ट आया था। बट वो था कि फाइव इयर्स का कॉन्ट्रैक्ट है वो। हम वो ऑफशोर ड्रिलिंग वगैरह के लिए जाते हैं। तो अ डील ये था कि टिल दैट वर्क इज नॉट डन यू वोंट बी एबल टू कम बैक मतलब देयर इज़ नो हॉलिडज़ या दिवाली की छुट्टी या ईद की छुट्टी ऐसी कुछ नहीं। हां यू वर देयर वंस वो खत्म हो गया वी विल वाइंड अप एंड देन वी विल मूव अहेड। ऐसे सो वो घर पे बीइंग द ओनली चाइल्ड वो इशू था कि यार तू जाएगा समंदर के बीच में कहां है हम कनेक्ट कैसे करेंगे क्या होगा कुछ नहीं था वो कम्युनिकेशन के बहुत इश्यूज होते थे उस वक्त सो दे सेड के यहीं पे कुछ कर ले यहां पे एंड उस वक्त आई एम टॉकिंग अबाउट 92 93 उस वक्त इतना वो नहीं था.

यहां पे होटल्स लाइंस वो मतलब वैसे रिवॉर्डिंग नहीं थे तो एंड इसी दौरान कुछ फिल्में शुरू हो गई मतलब कुछ ऑफर्स आने लग गए मिलने लग गए तो उस बीच में मैंने काफी फिल्में की वो सीरियल भी चल रहे थे एंड फिल्में भी फिर उसमें मतलब शस्त्र मैंने की महमूद साहब के साथ भी मैंने महमूद साहब के साथ वो की थी दुश्मन दुनिया का दुश्मन दुनिया का सर्च कर रही थी तो मैंने सोचा था कि आज मैं घर जाकर के वो फिल्म खोज के कहीं देखने वाली हूं। मुझे उस सेट के किस्से जानने हैं उन क्योंकि वो बहुत इंटरेस्टिंग फिल्म दिखती है। नहीं वो फिल्म थी उस वक्त ड्रग्स के ऊपर उन्होंने फिल्म बनाई थी। ड्रग्स किस तरह से ड्रग्स जो है वो जवान नौजवानों को बर्बाद करती है। उनके घर बर्बाद हो जाते हैं। उसके वजह से सब्जेक्ट बहुत अच्छा था। पर बाय द टाइम इट केम इट रिलीज्ड। थोड़ा सा आउटडेटेड हो गया था। सो आई थिंक सो दैट्स व्हाई आई डिडंट डू वेल पर वो एंड इट्स अ मेरे लिए तो ड्रीम कम ट्रू था महमूद साहब के साथ मैं ये मुझे कहां से इनकी ऑफर आई थी पता नहीं उस वक्त मुझे दो फिल्में एक साथ अच्छा मेरे मेरी जिंदगी में आज तक मेरा हमेशा ऐसा है कि अगर मुझे ऑफर नहीं आया तो कुछ भी ऑफर नहीं आएगा मतलब ना टीवी का ना थिएटर के लिए कुछ कुछ नहीं मतलब मतलब छ महीना सात महीना ऐसे ही वो रहता है बिल्कुल फिर सडनली इट स्टार्ट्स ना तो चार पांच एक साथ अच्छा उसी डेट में उनको शूट करना है उसी पीरियड में दो चार दिन आगे पीछे पर उस चक्कर में क्या हो जाता है चार में से किसी एक को आप हां कह सकते हैं और उस वक्त भी ऐसे ही हुआ था मुझे मैं बरसात के लिए भी सेलेक्ट हुआ था बॉबी डेल वाली फिल्म और इनके लिए भी सेलेक्ट हो गया था तो वो अच्छा दोनों सेम डेट्स थे। पर मुझे ऐसे था कि यार नहीं मैं आगे कभी तो मुझे मौका मिलेगा राजकुमार जी संतोषी सर के साथ काम करने के लिए। लेकिन महमूद साहब जिनके वजह से मैं एक्टिंग कर रहा हूं। मैं आपने एग्जाम छोड़ दिया.

मैंने एग्जाम छोड़ दिया। मैं उनको उनकी सारी फिल्में मतलब आज भी आई एम श्योर उनकी कौन सी ऐसी कोई फिल्म नहीं है जिसकी डीवीडी मेरे पास नहीं है। जब भी डाउन होता हूं या कुछ होता हूं तो आई प्ले दोज़ फिल्म्स। आई वॉच दैट नंबर ऑफ़ टाइम। तो वो फिल्म के लिए सेलेक्ट हो गए। वो गए। उन्होंने कहा कि मेरे विलेन का रोल है बेटा विलेन का। खुद को मैं विलेन मैं विलन कहां से? बोला सर डन डन डन। क्योंकि मुझे गरिमा 10 से 15 दिन तो सिर्फ मैं उनको ऐसे देखता था। ओ में थी। उनकी नाक नाक कैसे है? उनके कान कैसे हैं? उनके आइब्रोज ऐसे हां ये ऐसे वो हाथ उनका हमेशा ऐसा रहता था। क्योंकि वो है ना यहां सिगरेट अपना रुमाल रखते थे। ये हाथ में उनका हमेशा रुमाल रहता था। और ये स्मोकिंग की वजह से तो जब कुछ होता भी नहीं था तो वो हाथ है। ऐसे ही रहता। ऐसे मैं हाथ हाथ देखता रहूं कैसे बैठे मेरे लिए तो मतलब ऐसे था कि होता है ना कि आप कुछ भी बोल दो सर मैं कर दूंगा जो हुकुम मेरे आका आई विल डू इट फॉर एंड वो सेट पे मस्ती उनकी वो हर चीज उनकी इतने किस्से हैं उस समय उनकी तबीयत भी खराब थी तबीयत डाउन थी.

वो मतलब जब फिल्म स्टार्ट हुई थी तब तक तो नहीं उसके बाद फिर वो सिलेंडर और वो ऑक्सीजन जो लगाते थे मतलब उम्र भी हो गई थी उनकी तबीयत ठीक नहीं थी पर स्टिल वो चाम उनका और वो ह्यूमर कभी नहीं जाता था इतनी चीजें उनसे सीखने मिली ना कि कुछ किस्से सुनाइए कुछ किस्से मतलब वो मतलब बातोंब बातों में हमेशा वो था कि वो भी एक किस्मत को पावर को कुछ एक सुपर पावर है जो सब हमको गवर्न करे उस चीज में बिलीव करते एक होता है ना वो कहते हैं कि मैं इतनी अच्छी-अच्छी फिल्में मैंने की कुछ फिल्में कुछ कैरेक्टर्स मैंने ऐसी की थी जो लोगों को इतना पसंद आया था पर उसके लिए मुझे अवार्ड्स नहीं मिले उसके लिए रिकॉग्निशन नहीं मिला मुझे कुछ इतनी अच्छी फिल्में थी कि ट्रायल में और इसमें सबका ऐसा था कि ये तो शोर शॉट विनर है। सुपरहिट होने वाली है। वो फिल्में चली नहीं.

अच्छा उनको इस बात का हां ये वो सब था कि यार ये चली नहीं। इसके लिए मुझे वो नहीं मिला। उसके लिए मुझे रिकॉग्निशन नहीं मिला। बोले क्यों ये सब क्यों होता है? हम मैं काम तो रोज निकलता हूं जब तो मैं ये नहीं डिसाइड करता कि मैं आज गरिमा के लिए जा रहा हूं तो मैं अच्छा काम करूंगा। मैं अली के लिए जा रहा हूं तो मैं अच्छा काम नहीं करूंगा। इसमें मुझे पैसे कम मिले तो मैं कम एनर्जी डालूंगा। बोलता है ऐसा नहीं है। हम जब निकलते हैं काम कर रहे हैं जो भी कमिटमेंट किए मोर देन 100% एनर्जी एंड एफर्ट सब उसमें डालते हैं। तो क्यों कैसे कुछ चीजें चलती है और कुछ चीजें नहीं चलती लोगों लोग उसे एक्सेप्ट करते हैं नहीं करते। बोले बेटा इसलिए क्योंकि कोई तो है जो तरापे पे बैठा है.

जिसकी वजह से फिल्म चलती है। अब तरापा आप समझे क्या है? व्हाट इज तरापा? ऊपर बैठा है। ऊपर बैठा है मतलब अभी देखिए ये स्टूडियो है ना आपका ये जब हम सेट बनाते हैं सेट्स होती है तो सेट की हाइट बहुत ऊपर होती है तो ऊपर है ना वो वुडन प्लैंक्स रखते हैं बांधते हैं झाड़ी झाड़ी रस्सियों से चारों तरफ उसको फट्टे जैसे बांधते फट्टे जो बांधते हैं ना उसको अभी जैसे आपके जैसे अभी ये यहां पर आपका सेट है ये ये समझो ये तरापा है लाइट्स क्योंकि ऊपर लाइट्स चढ़ाने होते हैं तो लाइट्स वगैरह रखने के लिए और वो बेचारा लाइटमैन जो होता है वो सुबह आता है वो गंजी में रहता है। शर्ट निकाल देता है। पानी के बोतल और कुछ स्नैक्स उसके साथ लेकर वो ऊपर जाता है। लंच तक वो ऊपर ही रहता है। ऊपर गर्मी में वो लाइटें घुमाता है। कट करता है। सब कुछ करता है। फिर वो लंच में नीचे उतरता है.

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