ऑलराइट दिवेश जी आपका असेसमेंट क्या है? क्यों हुआ ये एक्सीडेंट आपके हिसाब से? सर मैं अब मेरे को आपसे 5 मिनट मांगने पड़ेंगे। शांति से मैंने सबकी बात सुनी थी। आई एम नॉट एग्रीइंग विद योर पैनलिस्ट्स। क्योंकि आपके आपने विश्वास कुमार जी का इंटरव्यू सुना। ही थोड़े से उन्होंने शब्द यूज़ किए। मैं फिर से दोहराता हूं। अगर मैंने इंटरव्यू में कुछ गलती सुनी है। प्लीज मुझे करेक्ट कीजिएगा। वो बोलते हैं कि प्लेन चढ़ रहा था और सडनली स्टक सा हो गया। ठीक है? ये नॉर्मली हम लोग सारे पायलट्स हैं यहां दे विल एक्सपीरियंस। ये स्टक सा फीलिंग सिंकिंग फीलिंग महसूस होता है जब फ्लैग फ्लैप का रिट्रैक्शन होता है। सेकंड उन्होंने बोला कि पायलट ने इंजन को रेज किया,
अगर इंजन को रेज किया तो ये सारे थ्यरीज़ अबाउट इंजन फेलियर इज़ नॉट पॉसिबल। क्योंकि इंजन नंबर टू। नंबर थ्री इन ऑल इट्स इयर्स ऑफ सर्विस नो जीई90 इंजन जिससे ये जेनेक्स इंजन पैदा हुआ है हैज़ एवर हैड अ ड्यूल इंजन फेलियर एवर ट्रिपल7 जो 787 से पहले हवाई जहाज आया था 1975 में आई थिंक रिलीज किया गया था उस जहाज में सिर्फ एक बार ड्यूल इंजन फेलियर हुआ है वो भी Rolls Ryce का इंजन था ट्रेंट 800 हथ्रो में क्रैश हुआ था और बर्फ के कारण फ्यूल फ्लो बंद हो 37° में तो कोई बर्फ नहीं जमने वाला है। ठीक है? सो इंजन थ्योरी मेरे को नहीं लग रहा है,
हां, देयर इज़ वेरी मच पॉसिबिलिटी रैट को डिप्लॉय किया गया। समझ में आता है। एक और चीज विश्वास कुमार जी जहां बैठे थे वो डोर नंबर टू था। लेफ्ट लेफ्ट डोर नंबर टू मेन डोर। इट इज नॉट एन इमरजेंसी एग्जिट। 787 पर अगर आप कोई भी चित्र देखें चार दरवाजे हैं। एक बिल्कुल सामने एक बिल्कुल पीछे एक विंग के आगे एक विंग के पीछे विंग के ऊपर कोई कोई एग्जिट डोर नहीं है। 7 87 में ये डोर नंबर टू एल टू डोर जो कहते हैं वहां बैठा था। ठीक है जी। आप बात कर रहे थे डीवीआर। हवाई जहाज में कोई डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर नहीं है,
एफडीआर है जैसे सर ने बोला था डीएफडीआर डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर क्योंकि पुराने जमाने में टेप यूज़ करता था करे करा जाता था। अब अपने जैसे अपने सेलफोनस में मेमोरी है और एसएसडी जो ड्राइव्स हैं सॉलिड स्टेट ड्राइव जो कहते हैं उस उस तरीके के मेमोरी में रिकॉर्ड किया जाता है। एक एक कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर होता है और एक डीएफडीआर होता है और दो अलग यूनिट होते हैं। इसको हवाई जहाज के टेल में इसलिए लगाया जाता है क्योंकि अगर आप हवाई जहाज को देखिए तो सबसे मजबूत इलाका हवाई जहाज में हमेशा उसका टेल होता है। क्योंकि इतना बड़ा आपने टेल बॉडी पे फिट किया है तो वहां उसका जो बॉडी का जो पूरा फाउंडेशन और स्ट्रेंथ है वहां रहता है तो ज्यादातर टेल में लगाते हैं क्योंकि नॉर्मली एक्सीडेंट में देखा गया है कि टेल एरिया बच जाता है। इसमें भी अगर आप देखिए टेल अभी छत पे बैठा हुआ है,
तो चांसेस आर कि अगर डीएफडीआर और सीवीआर को नहीं रिकवर किया है वो वहां आएगा। और आगे बताता हूं सर जो बता रहे हैं ना यह एक थ्योरी होता है स्विस चीज थ्योरी एक तरीके का चीज मिलता है स्विट्जरलैंड में कॉल्ड एमथॉल उसमें छेद होते हैं पर हर स्लाइस में छेद अलग-अलग जगह रहता है स्विस चीज थ्योरी ये बोलता है कि और ये एयर एक्सीडेंट्स में रिपीटेडली आपने बताया देखिए 50% ये 20% ये 10% ये इन्होंने ये सारे एयर एक्सीडेंट के जो इन्वेस्टिगेशन होते हैं। इन्होंने एक चीज दिखाया है कि कभी एक सिंगल कारण से फेल एक्सीडेंट नहीं होता है। एक एक कहां से शुरू होता है? अब जैसे हम लोग हाईवे से जा रहे हैं। मेरे को से दिल्ली से जयपुर जाना है तो मैं पांच टोल गेट के बीच में से निकलूूंगा। वो आखिरी वो वो जो पहला कारण था वो पहला टोलगेट हो सकता है। पर उसके बाद में क्या एक्शन लिया गया,
या जहाज पे और क्या-क्या एक मैकेनिकल फेलियर था, इलेक्ट्रिकल फेलियर था, पायलट का एक्शन था, कुछ और एक्शन वेदर का एक्शन था वो हर चीज कंट्रीब्यूट करता है जो अंत में जाके इतना यह भयंकर एक्सीडेंट कराता है। तो स्पेककुलेट करके कोई असली में मेरी सजेशन है कोई फायदा नहीं है क्योंकि तो अभी किसी को जिम्मेदार एक 30 सेकंड और 30 सेकंड और देखिए जब तक देखिए टीम आएगा इंडिया में डीजीसीए का कोई रोल नहीं होगा एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन बोर्ड एआईबी का रोल होगा अमेरिका उसका काउंटर पार्ट है एनटीएसबी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और उसके साथ बोइंग लोग आएंगे जीई के लोग आएंगे क्योंकि इंजन उसका था। उसका हवाई जहाज बोइंग का था और हो सके इंडिया यूके के एआईबी को भी बुलाए क्योंकि हवाई जहाज यूके जा रहा था,
तो ये बनेगा कोर टीम। बाकी लोग जुड़ेंगे पर ये रहेगा कोर टीम। एयर इंडिया से भी एक टीम रहेगा और लास्ट में सॉरी मैं अब थोड़ा सा भूल गया। मैं क्या बोलना चाह रहा था कि आप पूछ रहे थे हर फ्लाइट के ऊपर इंस्पेक्शन होता है। हर फ्लाइट पे एक सर्टिफाइड इंजीनियर को सर्टिफाई करके देना पड़ता है कि हां यह हवाई जहाज इज़ एयर वर्दी। एव्री फ्लाइट मेरे को याद है मेरे दोस्त थे एयर इंडिया में काम करते थे ग्राउंड इंजीनियर का बोर में जहां एयर इंडिया का कोई ऑपरेशन नहीं होता था। तो मैं पूछता था उनसे क्यों? क्योंकि सिंगापुर एयरलाइंस का कारगो फ्रेटर आता था बोर 74 बोe 747 उसके लिए बीच रात में वह जाते थे एयरपोर्ट फ्लाइट को सर्टिफाई करने के लिए। वह हवाई जहाज आता था,
सिर्फ 3 घंटे के लिए। पर हर फ्लाइट पे पायलट इंस्पेक्ट करता है हवाई जहाज को और ये एएमई उसको सर्टिफाई करता है कि हां ये हवाई जहाज उड़ने के काबिल है। हम ओके तो मतलब अभी इट विल बी टू अर्ली सर। मतलब अभी ये नहीं कह सकते ना कौन जिम्मेदार कौन जिम्मेदार है अभी नहीं सवाल पूछना चाहते। आप अपना विश्वास जी का इंटरव्यू का वीडियो अगर एक बार फिर से चला सकते हैं, दिखा सकते हैं तो उसमें उन्होंने क्लियरली बोला है एयरक्राफ्ट स्टक सा हो गया बीच हवा में और फिर इंजन को रेस मारा उन्होंने बोला है तो अगर इंजन को थ्रोटलल किया भई हवाई जहाज का थ्रोटलल हमारे गाड़ी का एक्सीलरेटर जैसा है। थ्रोटलल को खोलोगे ज्यादा पेट्रोल जाएगा मतलब वो तो केरोसिन होता है। एटीएफ केरोसिन का एक रूप है। वो ज्यादा फ्यूल जाएगा इंजन में ज्यादा इंजन घूमेगा जोर से जितना जोर से इंजन घूमेगा बेसिकली इंजन क्या है? हमारे घर के पंखे के जैसा बड़ा बड़ा है। अपना जितना ज्यादा पंखा तेज घुमाओगे उतना हवा निकलेगा,
जितना हवा निकलेगा उतना तेज हवाई जहाज जाएगा। जितना तेज हवाई जहाज जाएगा उसके विंग के ऊपर उतने तेजी से हवा चलेगी। जितनी तेजी से हवा चलेगी उतना प्लेन ऊपर उठेगा। अच्छा ठीक है। जी एक चीज और बस एक चीज और इस एक्सीडेंट के बाद लोगों के मन में शक आ रहा होगा, डर भी पैदा हो रहा होगा। Air इंडिया से जाएं ना जाएं, बोइंग से 7 87 ड्रीमलाइनर से जाएं ना जाएं। हो सकता है ग्राउंड हो जाए इन्वेस्टिगेशन तक। अगर नहीं होता है तो क्या किसी को शक करने की जरूरत है? सर एक चीज ये जो गवर्नमेंट अगर सोच भी रही है यह बहुत गलत है। बहुत गलत है। एक बार कांड ऐसे गवर्नमेंट ने की थी A320 का जब क्रैश हुआ था बेंगलुरु में कितना घाटा हुआ इंडियन एयरलाइंस को पूछिए मत। आज दुनिया में करीब 1200 787 ड्रीमलाइनर्स अभी उड़ रही हैं। तो 2011 में एएनए ऑल निपॉन एयरलाइंस जापान को पहला हवाई जहाज डिलीवर किया गया। आई थिंक सितंबर 2011 में आज तक Being 787 ने 3 करोड़ घंटे से ज्यादा फ्लाइट उड़ाई है,
3 करोड़ घंटे 30 मिलियन फ्लाइट आवर्स हमारे पायलट्स हैं। दे विल इज़ली सब यहां टेक्निकल एक्सपर्ट्स हैं। तो यू नो ओवर आई थिंक कुछ आई एम सॉरी 5 मिलियन फ्लाइट्स ऐसे कुछ है। पांच मतलब 50 लाख फ्लाइटें उड़ी हैं इस पर्टिकुलर हवाई जहाज की। तो इट इज़ अ वेरी सेफ एयरक्राफ्ट। अगर ऐसे कोई गड़बड़ होती और देखिए जांच का यही कारण होता है। एवीएच एयर ट्रैवल आज के दिन भी सबसे सुरक्षित अह तरीका है ट्रैवल करने का और यह सुरक्षित इसलिए है कि हर एक्सीडेंट से पिछले 50 60 सालों से जितने एक्सीडेंट हुए आ रहे हैं उसमें हमेशा लर्निंग एक्सपीरियंस होता था कि एक ये बात नहीं है कि मेरे को किसी पे दोष लगाना है। पर इससे हम क्या सीखेंगे? कैसे उसको ज्यादा बेहतर बनाएंगे? कैसे ज्यादा सेफ बनाएंगे हमेशा जो भी इन्वेस्टिगेशन होता है उसका लक्ष्य यही होता है। ठीक है,
ओके सर जल्दी से तो प्लीज मैं 20 सेकंड दे सकता हूं सर। जो विश्वास बोल रहे हैं कि इंजन में रेस का जो आवाज है वो सिर्फ इस चीज को बता रहा है कि उससे पहले आवाज नहीं था। उसने आवाज सुना। तो चेंज ऑफ वॉइस वो बता रहे हैं। चेंज ऑफ ये और मैं आपको बता दूं कि वो रैट की आवाज जो है वो बहुत स्ट्रांग होती है। इट्स अ वेरी वेरी वेरी लाउड नॉइज़ इवन स्क्रचिंग साउंड तो वो हो सकता है और दूसरा क्योंकि इंजन उससे पहले पावर नहीं बना रहा था और सडनली रैट डिप्लॉय हुआ है और वो वाइब्रेशन और आवाज उसको सुनाई पड़ा होगा रादर देन क्योंकि ये जहाज जब टेक ऑफ कर रहा था तो वो ऑलरेडी फुल पावर पे होगा। उससे ज्यादा पावर खोलने की 37° टेंपरेचर फुल्ली लोडेड एयरक्राफ्ट पायलट अगर पूरे थ्रोटलल को आगे अगर वो कर भी दे तो नॉर्मल टर्म्स एक्सलरेटर पूरा दबा हुआ था। ओके। तो उस जगह से फिर से आगे एक्सटर बढ़ाने का कोई सेंस नहीं होता.