एयर इंडिया प्लेन हादसे के रिपोर्ट पर खड़े हुए 5 सवाल?..

दोस्तों, अहमदाबाद क्लेन क्रैश के 1 महीने बाद शुरुआती रिपोर्ट रात के 2:30 बजे पब्लिश की गई। 15 पेज की रिपोर्ट साझा की गई है। जांच में पायलट की चूक सामने आई है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह हादसा प्लेन के दोनों इंजन बंद होने की वजह से हुआ था। साथ ही पायलट की चूक की तरफ इशारा किया गया है। लेकिन कई लोग इस रिपोर्ट पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कई जरूरी सवाल। रिपोर्ट में क्या बताया गया है और सवाल क्या है बताएंगे इस वीडियो में। दोस्तों, रिपोर्ट के मुताबिक टेक ऑफ के तुरंत बाद एक-एक करके दोनों फ्यूल स्विच बंद हो गए,

थे। इस वजह से दोनों इंजन भी बंद हो गए। इस दौरान कॉकपिट के रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा कि क्या तुमने स्विच बंद किया है? दूसरे ने जवाब दिया, नहीं। अमेरिकी मीडिया न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक्सपर्ट के हवाले से कहा है कि रिपोर्ट में शामिल सभी पॉइंट्स प्लेन में टेक्निकल गड़बड़ी ना होने और पायलट से चूक की ओर इशारा कर रहे हैं। 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट एआई71 टेक ऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल्स की इमारत से टकरा जाती है। इसमें 270 लोगों की जान चली जाती है।

यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। सिर्फ एक यात्री इस पूरे हादसे में जिंदा बचा है। रिपोर्ट के मुताबिक हादसे वाले विमान में दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच बंद थे। जिसके बाद पायलटों ने इसे चालू किया और दोनों इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन प्लेन बहुत कम ऊंचाई पर था। इसलिए इंजनों को दोबारा ताकत पाने का समय नहीं मिल पाया और प्लेन क्रैश हो गया। हालांकि यह सामने नहीं आया है कि फ्यूल स्विच बंद कैसे हुए। 15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक टेक ऑफ से लेकर हादसे तक की पूरी उड़ान करीब 30 सेकंड की चली। इस समय,

तक रिपोर्ट में बोइंग 7878 विमान और जीई जेनx 1B इंजन को लेकर किसी ऑपरेटर के लिए कोई चेतावनी या फिर कारवाई की सिफारिश नहीं की गई है। यानी कि रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है जो बोइंग को कटघरे में खड़ा करें। साथ ही रिपोर्ट में मौसम, बर्ड हिट और सबोटाट जैसे किसी भी कारण का जिक्र नहीं किया गया है। गोइंग ने अपने बयान में कहा, हमारी संवेदनाएं एयर इंडिया फ्लाइट71 के यात्रियों, क्रू मेंबर्स और अहमदाबाद में प्रभावित लोगों के परिवारों के साथ हैं। हम जांच एजेंसियों और अपने कस्टमर के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं। यह बयान,

एएआईबी की शुरुआती जांच रिपोर्ट के बाद आया है। ड्रीम लाइनर प्लेन के दोनों इंजनों में रन और कट ऑफ नाम के दो पोजीशन होते हैं। अगर प्लेन हवा में है और स्विच कट ऑफ पर चला जाए तो इंजन को फ्यूल मिलना बंद हो जाता है। जिससे ताकत यानी कि थ्रस्ट खत्म हो जाती है और बिजली सप्लाई भी रुक जाती है। जिससे कॉकपिट के कई उपकरण भी बंद हो जाते हैं। रिपोर्ट में कॉकपिट ऑडियो में एक पायलट ने पूछा आपने क्यों बंद किया? यानी कि इंजन को क्यों बंद किया? दूसरे ने उत्तर दिया मैंने नहीं किया। दोनों पायलट मेडिकलली फिट थे। उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं,

थी। पायलट एंड कमांड के पास 15,000 घंटे और को पायलट के पास 3400 घंटे उड़ान का अनुभव था। इसलिए इस रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं। एक्स पर अजीत भारती ने लिखा रात के 2:30 बजे भारत में एयर इंडिया क्रैश की जांच रिपोर्ट जारी की गई है और पहला संदेह पायलट पर डाला जा रहा है कि उसने दोनों ही इंजन पहुंचाने वाले स्विच ऑफ कर दिए। कॉकवेट में एक पायलट दूसरे से पूछ रहा है कि उसने इंजन तक फ्यूल ले जाने वाले स्विच को ऑफ क्यों कर दिया? तो दूसरा कहता है उसने ऐसा नहीं किया। यह दोनों स्विच रैंडम टच से ऑन ऑफ नहीं होते। उसे शक्ति लगाकर,

ऑफ या फिर ऑन किया जाता है। इस रिपोर्ट के कुछ हिस्से वाशिंगटन पोस्ट में कल से ही चल रहे थे और आज रिपोर्ट का मूल भाव वही है। पायलट ने स्विच ऑफ किया स्वतः हो गया। सॉफ्टवेयर की समस्या थी या मैकेनिकल यह जानकारी नहीं है। केवल यह है कि कुल 23 सेकंड में उड़ान भरने से लेकर मेडे की आपात घोषणा हो गई। 1 महीने में जिस देश में कॉकपेट का ब्लैक बॉस डिकोड होता है, जहां विदेशी संस्थाओं के पैसों पर बिकने वाले लोग सरकार के हर मंत्रालय में उपस्थित हो, वहां रात के 2:30 बजे ही रिपोर्ट रिलीज़ की जाती है। संभव है कि अब बोइंग को बचाया जाएगा जैसे कि लंबे समय से,

लग रहा था और पायलट को दोष दिया जाएगा। या तो पायलट की गलती बताई जाएगी या फिर किसी एक को आतंकी योजना के तहत क्रैश का हिस्सा बता दिया जाएगा। सालों तक सोती रही डीजीसीए ने इस क्रैश के बाद ऑडिट किया और एयरपोर्ट और विमान संचालन से संबंधित 15 बड़ी गलतियां पाई गई हैं। यानी कि इन गलतियों के साथ भगवान भरोसे हमारे जहाज अब तक उड़ रहे थे। क्रैश के दो हफ्ते तक हर दूसरा एयर इंडिया विमान हर बोइंग 787 रास्ते से लौट रहा था या फिर तकनीकी कारणों से उड़ ही नहीं रहा था। अचानक से सब कुछ ठीक हो गया। अब कोई जहाज लौटाया नहीं जा रहा है। सब जहाज ठीक हो गए हैं।

या कंपनियों ने मीडिया को इतने पैसे दे दिए हैं कि सारे समाचार दबने लगे। मुझे बिके हुए सरकारी लोगों और जान की कोई कीमत ना लगाने वाली सरकार से किसी भी प्रकार के निष्पक्ष जांच की कोई आशा नहीं है। एक और यूजर ने लिखा जिसका अंदाजा हर भारतीय को था बिल्कुल वैसा ही हुआ है। गुजरात एयर इंडिया विमान हादसे का दोष पायलट पर ही डाल दिया गया जो अब जीवित नहीं है। फ्यूल स्विच ऑफ को वजह बताया गया। बोइंग जैसी बड़ी कंपनी को बचा लिया गया। जिस कंपनी का एक जहाज ₹2000 करोड़ में बिकता हो। भला उस पर कोई आंच कैसे आ सकती है? पैसा बड़ी चीज,

है। एक और यूजर ने लिखा, यह तो बोइंग ने रेट सही नहीं लगाया था। इसलिए रिपोर्ट में पायलट को ही दुर्घटना का जिम्मेदार बनाया। वरना अगर ठीक से पैसा दिया होता तो दुर्घटना की सारी जिम्मेदारी उस लड़के पर डाल देते जिसने क्रैश का वीडियो बनाया था। इंडिया है भाई यहां सब बिकते हैं ऊपर से लेकर नीचे तक। टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि रात के 2:30 बजे भारत में लोग सोते हैं लेकिन अमेरिका में यह वर्किंग आवर होता है। सवाल बहुत से हैं लोग अलग-अलग थ्योरीज पर बात कर रहे हैं। लेकिन जवाब बस ये रिपोर्ट है जो आधी रात को पब्लिश की गई।

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