क्या सिर्फ पैसों की वजह से भारत आए अदनान सामी?..

अदनान आप लोगों से कहते हैं कि आप भारत इसलिए आ गए क्योंकि यहां के लोग आपको बड़ा प्यार करते हैं। लेकिन लोग कहते हैं कि आए हैं माल के चक्कर में पैसा कमाने। भारत में अच्छी मार्केट है। हिट होते हैं पैसा मिलता है। और हमारे यहां एक लीडर ने कहा था पैसा खुदा तो नहीं लेकिन खुदा की कसम खुदा से कम तो नहीं। मैं एक बहुत प्रिविलेज्ड फैमिली से ताल्लुक रखता हूं। ऊपर वाले की कृपा से मुझे कभी पैसों की लालच नहीं हुई क्योंकि मैं ऐसे परिवार में ऐसे घर में पैदा हुआ जहां पे ऊपर वाले का दिया हुआ सब कुछ था.

तो पैसे का जहां तक ताल्लुक है उसका कभी भी मुझे उसकी कभी मुझे लालच नहीं हुई। मैंने कभी भी कोई फैसला पैसे की वजह से अपनी जिंदगी में कभी नहीं किया। और एक आर्टिस्ट जो होता है वो एक वो तरस रहा होता है एक ऑडियंस के लिए। वरना चार दीवारी में कोई भी बंदा तीस मार खान बन सकता है। लेकिन एक एक आर्टिस्ट की जो खुराक होती है वो एक ऑडियंस होती है। तो वो खुराक आपको पाकिस्तान में नहीं मिली। चलिए आपके मिली बिल्कुल मिली बिल्कुल मिली और वहां से मुझे बेतहाशा प्यार मिला लेकिन इंसान चाहता है कि अपने फन का मुजायरा और आगे लेके जाए और दुनिया के सामने पेश भाई देखिए सच तो ये है कि जो वीडियोस वहां बनाए थे.

आपने जो गाने वहां कंपोज किए थे वो वहां इतना नहीं चले उन्हीं को यहां आपने पुरानी बोतल में नई शराब बना के डाला तो चले एक्चुअली क्या है मैं आपको बताता हूं जो गाने गाने मैंने 98 में मैंने रिलीज किए। वहां पर अचानक लोगों ने ये कुछ लोगों ने ये सोच इंडस्ट्री में लोगों ने ये सोचना शुरू कर दिया कि इनके गाने जो हैं वो नहीं चलेंगे। ये तो खत्म हो गए हैं। एंड तो वो गाने जो थे वो उनको कोई मार्केटिंग या कुछ कोई पब्लिसिटी उन्होंने दी ही नहीं। और वो वो वो एल्बम जो थी गानों की वो रिलीज हुई और कब रिलीज हुई कब चली गई किसी को कुछ खबर ही नहीं थी.

मैं बहुत मायूस हुआ। मैं कनाडा में था उस वक्त लेकिन मेरे अंदर एक थोड़ा सा वो यकीन था कि और मुझे पता था कि उन्होंने जानबूझ के उसको प्रमोट नहीं किया। तो मेरी फिर जब आशा जी से फिर बात हुई मैंने आशा जी को कहा। मैंने कहा आशा जी मैं दोबारा से मैं बड़ा मायूस हुआ हूं। यहां पे मुझे कोई तय कर दी। हां वो तय कर लिया कि भई ये इसके साथ काम नहीं करना फॉर व्हाटएवर रीज़न उनको बेहतर पता है। तो मैं मैं लंदन में आपके साथ रिकॉर्ड करना चाहता हूं। तो उन्होंने कहा कि स्वामी लंदन में किस लिए रिकॉर्ड करना चाहते हो? मैंने कहा जी वो वहां पे मैं लोगों को जानता हूं। उन्होंने कहा कि देखो अगर तुम वाकई एक नई चीज करना चाहते हो तो तुम मुंबई आओ.

क्योंकि यह कैपिटल है हिंदी म्यूजिक का और जो चीज यहां पर पॉपुलर होगी वो पूरी दुनिया में जाके फैलेगी और दिस इज द प्लेस टू कम तो मैं बोरियो बिस्तर उठा के मैं पहुंच गया मुंबई और आशा जी ने मेरा बड़ा ख्याल रखा उनकी बल्कि पूरी फैमिली ने बहुत ख्याल रखा मेरा और मुझे आरडी बर्मन जी के घर में उन्होंने मुझे ठहराया और जो मैं बहुत खुशकिस्मत इट वास लाइक बीइंग इन अ म्यूजिक टेंपल। वो गाने थे जो वहां पे नहीं चले जिन्होंने रिजेक्ट कर दिए। कभी तो नजर मिलाओ भीगी रातों में लिफ्ट करा दे। ये सब गाने जो थे पहले के रिलीज हुए हुए थे.

और फिर अचानक यहां पे जब रिलीज हुए तो जो मार्केटिंग हुई तो द रेस्ट इज़ हिस्ट्री। जिस तरह से लोगों ने मुझे गले लगाया और प्यार दिया वो वो वो मिसाल है और वो इतना इतना प्यार मैंने अपनी जिंदगी में कभी मैं सोच लेकिन पाकिस्तान में तो बहुत बड़े-बड़े कलाकार नुसरत फत अली खान साहब मेरी हसन साहब रेशमा जी ये सब पाकिस्तान में पंत पे बिल्कुल लेकिन यहां पे आके ज्यादा मशहूर यह भी तो हकीकत है और यहां पर उनकी जो मकबूलियत थी वो दुगनी चुगनी हुई। इसमें कोई शक नहीं है क्योंकि देखिए एक चीज तो आप डिनाई नहीं कर सकते कि यहां पे जो जो ऑडियंस है.

जो जो मासेस है क्वांटिटी बहुत है और जो जो यहां पर एक म्यूजिक की तरफ खासतौर पे जो एक रवैया है एक एटीट्यूड है और जो कदर है वो अ उसका मुकाबला कहीं पे भी नहीं किया जा सकता। बहुत सारे बड़े-बड़े कलाकारों को हमने देखा। आखिरी दिनों में उनका बहुत बुरा हाल हुआ पाकिस्तान में। जी बिल्कुल। आप देखिए मेहदी हसन साहब जो थे किंग ऑफ गजल्स कहलाए जाते हैं। शाहनंशाह गजल और उनका जो अंत हुआ उन उनका जो जिस तरीके से वो इस दुनिया से रुखसत हुए बहुत दुख की बात है। उनको कोई सपोर्ट नहीं मिला और रेशमा जी के साथ भी यही हुआ। कुछ तस्वीरें अदनान मेरे पास में है। मेहंदी हसन साहब की रेशमा जी की एक तस्वीर आपके साथ भी है.

वो किस गरीबी से, किस परेशानी से, किस हैरानी और बीमारी से वो गुजरे वो हम अगर दर्शकों को दिखाएं तो अंदाजा होगा कि इतने बड़े-बड़े आर्टिस्ट जिनको पूरी दुनिया का प्यार मिला और वो किस कदर बेकदरी हुई उनकी पाकिस्तान में। मेदी हसन साहब हैं। इतने बड़े आर्टिस्ट थे। क्या वजह आपको लगती है कि क्यों आज भी इनकी तस्वीरें देखकर आंख में आंसू आते हैं। बेशक बेशक क्यों इतनी बेकदरी? परवाह ही नहीं है। सिंपल जनता जो है वो बहुत प्यार करती है और उन्होंने हमेशा सराहा है। लेकिन जो जो अथॉरिटीज हैं उन्होंने उन्होंने कोई मदद नहीं की और बहुत सारे ऐसे हैं.

ये तो बहुत नाम हैं। और बाकी इस तरह के बहुत सारे और हैं। एक्टर्स भी हैं जिनका हाल जो था बहुत आखिरी वक्त में बहुत ही भयानक किस्म का हाल था। मैंने तो मुशर्रफ साहब का वो जब प्रेसिडेंट थे पाकिस्तान के आपके नाम एक चिट्ठी देखी है। जिस चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि उनको इस बात की बड़ी तकलीफ है कि आपने पाकिस्तान को डिसओन कर दिया। ये 2005 की बात है शायद। ये मुझे एक्चुअली ये एक बड़ी अजीबो गरीब किस्म की हकीकत है क्योंकि 2005 में उन्होंने जो ये खत लिखा मेरे वालिद साहब को लिखा था उन्होंने और उन्होंने यही लिखा कि जी अदनान ने बहुत तरक्की पूरी दुनिया में इन्होंने नाम अपना कमाया है.

लेकिन मुझे अफसोस है इस बात का कि उन्होंने पाकिस्तान को छोड़ दिया। और इस खत में कहीं से भी हकीकत नहीं थी क्योंकि 2005 में आई वास नॉट एन इंडियन सिटीजन आई वास अ पाकिस्तानी सिटीजन उनको कहां से इंफॉर्मेशन ये मिली? किसने उनको इस तरह की गलत इंफॉर्मेशन दी और उसकी वजह से मुझे जाहिर है अगर अगर टॉप तक अगर ये ये खबर गई है तो बाकी सब नीचे नीचे से ही कहीं ऊपर गई है.

उसकी वजह से मुझे बहुत ज्यादा इन्होंने ऑलमोस्ट जिसे कहते हैं ना डिसओन किया। जैसे आप भी सोच रहे थे कि शायद पैसों की वजह से मैंने छोड़ा। लेकिन हकीकत ये है कि मैंने जो सिटीजनशिप भी जो ली है मैंने सब कुछ पाकिस्तान में छोड़ दिया। मतलब कि मेरे वहां पे मतलब कि जो जो खानदानी जो प्रॉपर्टीज हैं जिन जिनके साथ मैं एंटाइटल्ड हूं करोड़ों में। मैंने वो सब जो आई एम नॉट एंटाइटल्ड सब छूट छोड़ दिया मैंने और जैसे मैंने आपको कहा कि पैसा मेरे लिए ड्राइविंग फोर्स नहीं है बल्कि यहां पे जब आया तो यहां पे मेरे पास दोबारा से मुझे शुरू करना पड़ा.

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